Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 110
________________ भयजणणरूवसइंधयार भावेसणा उ दुविहा भयजणणरूवसधयार- (अनु.) ७० भवसंसारे सव्वे चउव्विहा (महा.) ५१ भाव सद्दाइनया (विशे.) २९८६ भयणाए खेत्तकाला (विशे.) ६१९ भवसयसहस्सदुलहे जाइ- (म.प.) २०५ भावसमाहि चउव्विह- (सू.नि.) १०६ भयरागदोसमोहा , (विशे.) १९०२ भवसिद्धिआवि भणिए (विशे.) १२३० भावसमोसरणं पुण णायव्वं (सू.नि.) ११७ भयरागदोसमोहा (विशे.) १५७८ भवसिद्धिओ उ जीवो (आ.नि.)८१३ भावसुअं पुण दुविहं (उ.नि.) ५१० भयवं ! केहि लिंगेहि, (ग.प.) ९ भवसिद्धिओ य जीवो (विशे.) २७१२ भावसुअसद्दकरणे अहि- (आ.नि.)१०२६ भयपि थूलभद्दो (उ.नि.) १०४ भवसिद्धिया उ जीवा (उ.नि.) ३१३ भावसुयं भासाप्तोयल० (विशे.) १०२ भरनित्थरणसमत्था (आ.नि.)९४३ भविए दंसण पज्जत्त (भग.) ४० भावसुय तण मई (विशे.) १६१ भरनित्थरणसमत्था तिवग्ग- (नन्दी) ६६ भविओ बद्धाउ अभि० (विशे.) ३१९२ भावसुयाभावाओ (विशे.) १५५ भरहमि अद्धमासो जंबु- (नन्दी) ५२ भव्वत्तं पुण तइओ (विशे.) २०८१ भावस्स कारणं जह (विशे.) ५४ भरहम्मि अद्धमासो (विशे.) ६१० भव्वस्स मोक्खमग्गा० (विशे.) ४ भावस्स भावओ वा (विशे.) ३५०५ भरहम्मि अद्धमासो, (आ.नि.)३४ भव्वाणमणंतत्तण (विशे.) १८३० भावस्स मणं गहणं (उत्त.) १२१५ भरहसिल पणिअ रुक्खे (आ.नि.)९४० भव्वाऽभव्वाइविसेसण (विशे.) ८०४ भावस्स व भावेण व (विशे.) ३३५१ भरहसिल पणिय रुक्खे (नन्दी) ६३ भव्वावि न सिज्झि- (विशे.) १८३३ भावस्सुवगारित्ता एत्थं (दश.) २३९ भरहसिल मिढ कुक्कुड (आ.नि.)९४१ भव्वोत्ति व जोग्गोति- (विशे.) २११४ भावस्सेगयरस्स उ (विशे.) १४०५ भरह सिल मिढ कुक्कुड (नन्दी) ६४ भाइयपुणाणियाणं अखंड- (आ.नि.)५८५ भावा ऽऽगरिसे कालं (उ.नि.) ४२६ भरहस्स रुवकम्म (आ.नि.) भा.१४ भागोऽचिंता सत्त (विशे.) १०५८ भावाणुगासाणुगए य (उत्त.) १२१९ भरहे य दीहदंते (सम.) १५६ भागो य निरोवट्टो (विशे.) २०६२ भावाणुरत्तस्स नरस्स (उत्त.) १२२४ भरहेरवयविदेहे (ओघ.) ५२७ भाणू अ इति के वुत्ते?, (उत्त.) ८९० भावाणुरायपेमाणुरायसुग- (भ.प.) ६४ । भरहेरवयविदेहे (ओघ.) ५२८ भाणे जाई माणं गुणे (विशे.) १४३० भावाणुवाएण परिग्गहेण (उत्त.) १२२० भरहो पसन्नचंदो (आ.नि.)११५० भायरा मे महाराय ! (उत्त.) ७०६ भावासण्णो समणुण्ण अण्ण-(ओघ.) ४१८ भरहो बाहुबलीविय (ओघ.) ५३६ भारस्स जाता मुणि (सूत्र.) ४०९ भाविज्ज भावणाओ पालिज्ज (म.प.) ६३९ भरहो सगरो मधवं (सम.) १२२ भारिया मे महाराय !, (उत्त.) ७०८ भाविय इयरे य कुडा (विशे.) १४५९ भरुयच्छम्मि य विजए (आ.नि.) १३१६ भारेण वेयणाए न पेहए (ओघ.) १९१ भावुगअभावुगाणि य (आ.नि.)१११४ भरुयच्छे जिणदेवो भयंत- (आ.नि.) १३०४ भारे वेयणखमगुण्हमुच्छ- (ओघ.) भा.१५४ भावुगअभावुगाणि य लोए (ओघ.) ७७४ भव आगरिसे कालंतरे (भग.) ९७ भालुंकीए करुणं खज्जंतो (भ.प.) १६० भावे अत्तिते य परिग्गहमि (उत्त.) १२२१ भवओ सिद्धोत्तिमई (विशे.) १८५९ भावंगंपि य दुविहं (उ.नि.) १५४ भावे उ णिरयजीवा (सू.नि.) ६३ भवगहणभमणरीणा लहंति (भ.प.) २ भावं चिय सद्दनया (विशे.) २८४७ भावे उ वत्थिनिग्गहु (उ.नि.) ३८२ भवणवइवंतराणं (विशे.) ७१३ भावइरियाओ दुविहा (आचा.) २९४ भावे उ सम्मद्दिट्ठी (द.नि.) ३४ भवणवइवाणमंतरजोइस- (आ.नि.)३४६ भावकरणं तु दुविहं (उ.नि.) २०१ भावे कसायबन्धो (द.नि.) १३८ भवणवइवाणमंतरजोइस- (आ.नि.) भा.६४ भावकरणाहिगारे । (विशे.) ३३५८ भावे खओवमसिए (आ.नि.)१०४ भवणवइवाणमंतरजोइस- (आ.नि.) भा.९० भावगई कम्मगई भावगइं (दश.) ११९ भावे खओवसमिए (विशे.) ११८० भवणवइवाणमंतरजोइस- (आ.नि.) भा.११५ भावचलं गंतुमणं गोणाई (ओघ.) भा.२०६ भावे खओवसमिए (विशे.) ४३९ भवणवइवाणमंतरजोइसवासी (दे.प.) ३०३ भावणाजोगसुद्धप्पा, जले (सूत्र.) ६११ भावे गइमाहारो गुणो (आचा.)३० भवणवइवाणमंतरजोइसवासी (दे.प.) ३०४ भावतहं पुण नियमा (सू.नि.) १२३ भावेण संगहाईण (विशे.) १४०६ भवणवइवाणमंतरजोइसिया (दे.प.) १९९ भावत्थंतरभूअं (विशे.) ६९ भावे तित्थं संघो सुय- (विशे.) १०३२ भवणवइवाणमंतरजोइसिया (दे.प.) १९४ भावनमुक्कारविवज्जिआई (भ.प.) ७९ भावे पओगवीसस (सू.नि.) १४ भवणवइवाणमंतरजोतिस- (सू.नि.) १५० भावपयं पि य दुविहं (दश.) १६८ भावे पसत्थ इयरो कोहा- (पि.नि.) ४०७ भवणवइवाणवंतरजोइसवासी (दे.प.) १६२ भावपरिण्णा दुविहा (आचा.) प्र.५ भावे पसत्थमियरं जेण (आ.नि.)१४४९ भवणवई जोइसिया (आ.नि.)५६० भावपुरिसो उ जीवो (विशे.) २०९५ भावे पसत्थमियरो (उ.नि.) ९ भवणविमाणवईणं तायत्तीसा (दे.प.) ४३ ।। भावप्पमा पगयं (उ.नि.) ५२४ भावे पावं इणमो हिंस (उ.नि.) ३८८ भवणेहिं व वणेहि (म.प.) ५७६ भावबहुएण बहुगा (उ.नि.) ३११ भावे फलसाहणया (आचा.) २४० भवतण्हा लया वुत्ता, (उत्त.) ८६१ भावम्मि विभत्ती खलु (उ.नि.) ५५८ भावे विरत्तो मणुओ (उत्त.) १२२६ भवपच्चइया नारय० (विशे.) ५७२ भावम्मिवि संबद्धं (विशे.) १५२० भावेसणा उ तिविहा (पि.नि.)७७ भवमणुबंधन्ति जओ (विशे.) १२८७ भावम्मि होइ दुविहं (विशे.) २११९ भावेसणा उ दुविहा (दश.) २३८

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