Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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(विश.) २
पइसद्दो पडिसेहे
पडिक्कमित्तु निस्सल्लो, पइसद्दो पडिसेहे (विशे.) ३५०१ पगामं च निगामं च जो (पि.नि.) ६४४ पच्छित्तस्स पडिक्कमण० (विशे.) ३५६१ पइसमउप्पण्णाणं (विशे.) ४२० पच्चंति तावसीओ सावय- (ओघ.) १३४ पच्छित्ते बहुपाणो कालो (द.नि.) १११ ।। पइसमउप्पण्णाणं (विशे.) २३१५ पच्चक्खओऽणुमाणा (विशे.) १६९९ पच्छिसि बाहिरमटुं (त.प.) ९७ पइसमय कज्जकोडी (विशे.) २३२३ पच्चक्खओऽणुमाणा (विशे.) २३५४ पजलंति जत्थ धगधग- (ग.प.) ५० पइसमय कज्जकोडी (विशे.) २३१८ पच्चक्खओऽहवा सो (विशे.) १००५ पज्जं तु होइ तिविहं सम- (दश.) १७२ पइसमय कज्जकोडी (विशे.) ४२३ पच्चक्खमिंदियमणेहिं (विशे.) ४६९ पज्जत्तनाणकुसुमो (विशे.) ११०१ पइसमयमसंखिज्जइ (विशे.) ७३० पच्चक्खाइ अ ताहे अन्न- (म.प.) ३४० पज्जत्तमित्तसन्निस्स (विशे.) ३०५९ पउमं उल्लंघेत्तुं ओयरमाणस्स (सू.नि.) १६२ पच्चक्खाएण कया (आ.नि.)१६१३ पज्जत्तमेत्तबिंदिय० (विशे.) ३०६१ पउमप्पभस्स चित्ता मूले (स्था.) ३२ पच्चक्खाणं उत्तरगुणेसु (आ.नि.)१५६३ पज्जत्तीभावे खलु पढमो (सू.नि.) २०२ पउमलया णागलया (प्रज्ञा.) २९ । पच्चक्खाणं जाणइ (आ.नि.) भा.२४७ पज्जलियं हुयवहं दृटुं, (ग.प.) ४९ पउम सिवा सुयी(हा) (सम.) ११८ पच्चक्खाणं पच्चक्खाओ (आ.नि.)१५५५ पज्जवकाओ पुण हुंति (आ.नि.)१४४३ पउमस्स कुमारत्तं (आ.नि.)२८२ पच्चक्खाणं सव्वन्नु- (आ.नि.) भा.२४६ पज्जवणं पज्जयणं (विशे.) ८३ पउमा पउमप्पभा चेव (जंबू.) ४९ पच्चक्खाणं सेयं (आ.नि.) भा.१४४ पज्जवनाणं पुण जणमणपरि-(नन्दी) ५८ पउमाभवासुपुज्जा रत्ता (आ.नि.)३७६ पच्चक्खाणं सेयं अपरि- (उ.नि.) १७७ पज्जाओ च्चिय वत्थु (विशे.) २६४५ पउमुत्तर नीलवंते (स्था.) ९४ पच्चक्खाणमिणं संजमो (आ.नि.)२३७ पज्जायओ अणंतं (विशे.) ८२८ पउमुत्तरे णीलवंते (जंबू.) ६५ पच्चक्खाणमिणं सेविऊण (आ.नि.)१६२१ पज्जायकालभेओ' (विशे.) २०७४ पउमुत्तरे महाहरि विजए (आ.नि.)४०० पच्चक्खाणम्मि कए (आ.नि.)१५९४ पज्जायनयमयमिणं (विशे.) २४१५ पउमुत्तरे महाहरी (सम.) १२१ पच्चक्खाणस्स फलं (आ.नि.)१६२० पज्जायनयमयमिणं (विशे.) २६४६ पउमुप्पलनलिणाणं, सुभग- (प्रज्ञा.) ९० पच्चक्खाणा विउस्सग्गे, (आ.नि.)१२७७ पज्जायमासयंतो (विशे.) ३२२ पउमुप्पल संघाडे हढे (प्रज्ञा.) १०९ पच्चक्खाणे विउस्सग्गे (सम.) ५८ पज्जायाणभिधेयं (विशे.) २५ पउमुप्पलिणीकंदे अंतर- (प्रज्ञा.) ८८ पच्चक्खामित्तिमओ (विशे.) ३५२२ पज्जोसमणाए अक्खराइं (द.नि.) ५१ पउमुप्पले अकुसलं, (ओघ.) ६९० पच्चक्खाविंति तओ तं (भ.प.) ४५ पज्जोसवणाइ तवं जो (आ.नि.)१५६८ पउमे य महापउमे
(सम.) १५७ पच्चक्ख दट्टण जावा
पच्चक्खे दट्ठणं जीवाजीवे (आ.नि.)८७९ पज्झायकिलामिअयं (अनु.) ७९ पउरण्ण पाण पढमा (ओघ.) प्र./६ पच्चक्खेसु ने जुत्तो (विशे.) १७४८ पट्टग मत्तय सयमोग्गहो (ओघ.) ६३१ पक्कणकुले वसंतो सउणी- (आ.नि.)१११२ पच्चयओ य बहुविहो (उ.नि.) ६० पट्टोवि होइ एक्को देह- (ओघ.) भा.३१४ पक्खंदे जलियं जोई, (द.वै.) ११ पच्चयणिक्खेवो खलु (आ.नि.)७४९ पट्ठवओ नामावहि० (विशे.) ६२८ पक्खचउम्मासवच्छ० (विशे.) २९९२ पच्चयत्थं च लोगस्स, (उत्त.) ८४५ पट्ठवणओ अ दिवसो (आ.नि.)१५७० पक्खतिहओ दुगुणिया- (विशे.) ३३४९ पच्चयनिक्खेवोखलु (विशे.) २१३१ पट्ठवियम्मि सिलोगे छीए (आ.नि.)१४०० पक्खिप्प तासुं पययंति (सूत्र.) ३२४ पच्चावाया वालाइ सावया (ओघ.) २५ पट्ठविय वंदिए या ताहे पक्खे उस्सासाई पुरतो (ओघ.) भा.१५३ पच्चुप्पण्णग्गाही उज्जुसुओ (आ.नि.)७५७ पट्टविय वंदिए वा ताहे (आ.नि.)१३८५ पक्खेव डहणमोसहि (आ.नि.) भा.११ पच्चुप्पण्णरसे गिद्धा (इसि.) ४१।४ पडंति नरए घोरे, (उत्त.) ५५४ पगइठिई अणुभागं पएस- (उ.नि.) ५३५ पच्चुप्पण्णरसे गिद्धो (इसि.) १५/१६ पडपासाउरमाई दिटुंता (द.वै.) प्र./५ पगईई मंदावि भवंति ___(द.वै.) ४०१ पच्चुप्पण्णरसे गिद्धो (इसि.) २४।३१ पडलाइ रयत्ताणं पत्ताबंधो (ओघ.) ६७४ पगईए अगारेणं (विशे.) २४९४ पच्चुप्पण्णरसे गिद्धो (इसि.) ४५५ पडिओ खलु दट्ठव्वो (ओघ.) ४८० पगई एस गिहीणं जं (दश.) ११४ पच्चुप्पन्नं संपयमुपन्नं (विशे.) २२२३ पडिकमणं देसिय राइयं (आ.नि.)१२४७ पगई एस दुमाणं जा (दश.) १०८ पच्चुप्पन्नग्गाही उज्जु- (विशे.) २१८४ पडिकमणं पडिकमओ (आ.नि.)१२३१ पगई चउक्कगाणंतरे य ते (आचा.) २१ । पच्चुप्पन्नग्गाही उज्जुसुओ (अनु.) १३८ पडिकमणं पडियरणा पगडीणं अण्णासुवि (आ.नि.)५७२ पच्चुरसिपरंमुहपट्ठिपक्ख (ओघ.) भा.२७६ पडिकमणे सज्झाए । (आ.नि.)१२०० पगयं तु भावचरणे भाव- (उ.नि.) ५२० पच्छाकर्म पुरेकम्म, (द.वै.) २६१ पडिकुट्ठकुलं न पविसे, (द.वै.) ७६ पगयं पहाणवयणं (विशे.) १०६८ पच्छाणं चेव रूवं च (इसि.) ३८।२३ पडिकुट्ठकुलाणं (ओघ.) ४४० पगयं वयणं पगयणं (विशे.) १११२ पच्छायावरपरद्धो पियधम्मो (भ.प.) १५ पडिकुट्ठदिणए वज्जिअ (आ.नि.) भा.१८१ पगयं विससओ तेण (विशे.) २०९७ पच्छावि ते पयाया (द.वै.) प्र./१ पडिक्कमामि पसिणाणं, (उत्त.) ५६० पगयमहक्खायंति (विशे.) १२५३ पच्छावि ते पयाया खिप्पं (सं.प.) ५२ पडिक्कमित्ताण निस्सल्लो, . (उत्त.) १०१४ पगयाइ अभिविहीए (विशे.) १३८२ पच्छासंथवदोसा सासू (पि.नि.) ४८८ पडिक्कमित्तु निस्सल्लो, (उत्त.) १०२२
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