Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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(विश.)
पल्लत्थिया अपत्था
पावकम्मोदयं पप्प पल्लत्थिया अपत्था (उ.नि.) १० पाईणं पडिणं वावि, (द.वै.) २४२ पाणे य नाइवाइज्जा, (उत्त.) २१६ पल्लय गिरिसरिउवला (आ.नि.)१०७ पाउं थोवं थोवं खीरं (विशे.) १४७२ पाणेहिं णं पाव विओजयंति (सूत्र.) ३१८ पल्लीवहम्मि नट्ठा चोरा (पि.नि.) १२५ पाउग्गाईणमसई संविगं (ओघ.) २४६ पाणेहि उ संसत्ता (ओघ.) २५८ पल्लोयाऽणुल्लया चेव, (उत्त.) १४८४ पाउग्गायरियाई कह (ओघ.) भा.२२९ पाणोऽवि पाडिहेरं (भ.प.) ९६ पवज्जा गागिलिस्स य (उ.नि.) २८५ पाउयदुरूढपडणं बद्धे (पि.नि.) ५८४ पाभाइयकालम्मि उ (आ.नि.)१३९८ पवडते वसे तत्थ, पक्खलंते (द.वै.) ६४ पाएण एरिसो सिज्झइति (द.नि.) १३३ पामिच्चंपिय दुविहं लोइय (पि.नि.) ३१६ पवयंति य अणगारा ण (आचा.)९९ । पाएण देइ लोगो उवगारिसु (पि.नि.) ४५० पायं पयविच्छेआ (विशे.) १००६ पवयणघाया अण्णेवि होंति (ओघ.) भा.१९७ पाएण पराहीणं दीवो (विशे.) ८३९ पायं पयविच्छेआ (विशे.) १०११ पवयणनिण्हयाणं
(विशे.) २६१७ पाएण पुव्वसेवा परिम- (विशेष
(विशे.) ११९९ पायं पवड्डमाणो (विशे.) २७३३ पवयणनीहूयाणं जं तेसिं (आ.नि.)७८७ पाएण संपए च्चिय (विशे.) ५१६ पायं व जीवलोगो (विशे.) १६१९ पवयणमणपेहंतस्स तस्स (ओघ.) ४४६ पाओकरणं दुविहं पागड- (पि.नि.) २९८ पायं संववहारो (विशे.) २२७६ पवयणमाया नव बंभ- (पि.नि.)६२ पाओवगमं भणियं समविसमे (म.प.) ५२७ पायग्गहणम्मी देसियम्मि (ओघ.) ३७६ पवयणहियं पुण तयं (विशे.) ११२४ पाओसि अड्डरत्ते उत्तर- (आ.नि.)१३९३ पायच्छित्तं विणओ (दश.) ४८ पवरसुकएहि पत्तं पत्तेहि- (च.प.) ४२ पाओसिणाणादिसु णत्थि (सूत्र.) ३९३ पायच्छित्तं विणओ वेयावच्चं (उत्त.) ११०९ पविभागमपेच्छंतो (विशे.) ३४२४ पाओसियअड्ढरत्ते (ओघ.) ६६३ पायच्छित्तपरूवण आहरणं (आ.नि.)१३२० पविसंत निमित्तमणेसणे (ओघ.) १०२ पागडपयासकरणे कयम्मि (पि.नि.) ३०५ पायच्छेयण भेयण जंघोरु (आचा.) ९७ पविसणमग्गणठाणे (ओघ.) १९३ पागडियपांसुलीयं विगरालं (त.प.) ११५ पायपमज्जणपडिलेहणा (ओघ.) ४३२ पविसित्तु परागारं, (द.वै.) ३५३ पागब्भि पाणे बहुणं
पायपमज्जणहेउं केसरिया (ओघ.) ६९७ पवेयए अज्झपयं महामुणी, (द.वै.) ४८० पागारं कारइत्ताणं,
पायप्पमज्जण निसीहिया (ओघ.) ५१० पव्वइए अणगारे पासंडी (दश.) ३४७ पागारपरिक्खित्ता वट्ट- (.प.) २१४ पायसमा ऊसासा (आ.नि.)१५३९ पव्वइए अणगारे पासंडे (दश.) १५८ पाडलचंपयमल्लियअगुरूय- (त.प.) ११९ पायसहरणं छेत्ता पच्चागय (द.नि.) ९७ पव्वइयाण व चिटुं नाऊण (आ.नि.)प्र. १५ पाडलिपुत्तंमि पुरे (सं.प.) ७० पायस्स पडोयारं दुण्णिसज्ज (ओघ.) ३५३ पव्वज्ज पुट्टिले सय- (आ.नि.)४५० पाडलिपुत्तंमि पुरे (सं.प.) ७३ पायस्स पड़ोयारो दुनि- (पि.नि.) भा.८ पव्वज्ज सावओ वा दंसण (ओघ.) १७५ पाडलिपुत्त महागिरि (आ.नि.)१२८३ पायस्स पडोयारोपत्तग- (पि.नि.) २८ पव्वज्जाई सव्वं काऊंणा- (म.प.) १२ पाडलिपुत्त हुयासण (आ.नि.)१२९९ पायस्स लक्खणमलक्खणं (ओघ.) ६८६ पव्वज्जाए अब्भुज्जओऽवि (भ.प.) ८ पाडिच्छगसेहाणं नाऊणं (ओघ.) ३७९ पारंपरप्पसिद्धी दंसण- (आ.नि.)११६६ पव्वज्जाए जुग्गं तावइ (आ.नि.) भा.१७९ पाडिवए पडिवत्ती (गणि.) ४ पारियकाउस्सग्गो, वंदित्ता (उत्त.) १०१३ पव्वज्जाए पढमं दिवसं (आ.नि.)५३६ पाढा मियवालुंकी महुर- (प्रज्ञा.) ५० पारियकाउस्सग्गो, वंदित्ताण (उत्त.) १०२१ पव्वज्जानिक्खेवो चउ- (उ.नि.) २६३ पाणवहमुसावाए (आ.नि.)१५३८ पारियकाउस्सग्गो, वंदित्ताण (उत्त.) १०२४ . पव्वज्जासिक्खावय (विशे.) ७ पाणहाओ य छत्तं च, (सूत्र.) ४५४ पारिव्वायगभत्तो राया (म.प.) ४१२ पव्वाण किंचि अव्वाणमेव (ओघ.) ४८९ पाणाइवाते वटुं ता, (सूत्र.) २३२ पालंति जहा गावो गोवा (आ.नि.)९१५ पसंते आसणत्थे य, (आ.नि.)११९९ पाणातिवातो लेवो, लेवो (इसि.) ३५ पालय पुष्फय सोमणसे (जंबू.) ७८ पसत्थ विगईगहणं गरहिय- (द.नि.) ८१ पाणादिरेणुसारक्खणट्ठया (ओघ.) ७२५ पावं छिदइ जम्हा पाय- (आ.नि.)१५०८ पसत्थेसु निमित्तेसु, (गणि.) ७८ पाणा देहं विहंसन्ति (आ.) २६ पावं जे उ पकुव्वंति (इसि.) १५।१९ पसमिअकामपमोहं दिट्ठा- (च.प.) ४६ पाणिणा संपिहित्ताणं (सम.) २३ पावं जे उ पकुव्वंति (इसि.) ४५।८ पसिढिलपलंबलोला (उत्त.) १००० पाणिदया तवनियमा बंभं (दश.) भा.२९ पावं ण कुज्जा ण हणेज्ज (इसि.) ४५।२ पसिढिल पलंब लोला (ओघ.) २६८ पाणिवहमुसावाए अदत्त- (आचा.) ३१४ पावंति जहा पारं संमं (आ.नि.)९१२ पसिढिलमघणं अतिराइयं (ओघ.) भा.१६४ पाणिवहमुसावाए अदत्त- (आ.प.) ३ पावंति निव्वुइपुरं (आ.नि.)९०६ पसुबंधा सव्ववेया, जटुं (उत्त.) ९५८ पाणिवहमुसावाए अदत्त- (आ.नि.) भा.२४३ पावं परस्स कुव्वंतो (इसि.) १५/१५ पहवीकरणं नामण० (विशे.) ३००८ पाणिवहमुसावाया अदत्त- (उत्त.) १०८१ पावं परस्स कुव्वंतो (इसि.) २४।२९ पहाय रागं च तहेव (उत्त.) ७५९ पाणिवहो तिसु गहणे (ओघ.) भा.२२१ पावं परस्स कुव्वंतो (इसि.) ४५।४ पहावंतं निगिण्हामि, (उत्त.) ८६९ पाणीपत्तं गिहिवंदणं (आ.नि.)४६३ पावइ इहेव वसणं तुरु- (भ.प.) ६२ पहीणपुत्तस्स हु नत्थि (उत्त.) ४५१ पाणी य पाणिघातं च (इसि.) ४५।१९ पावइ धुवमायाति (द.नि.) १३९ पहुणो सुकयाणत्तिं (भ.प.) २६ पाणे य णाइवाएज्जा, (सूत्र.) ४२९ पावकम्मोदयं पप्प (इसि.) ४५।१३
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