Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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पुढवित्ति देइ लेटुं
पुव्वकओ उघडतया पुढवित्ति देइ लेटुं (विशे.) २४९५ पुणरवि अयं खुभिज्जा (ओघ.) ७० पुरओ वहंति सीहा (दे.प.) ९३ पुढविदए य पुढविए (ओघ.) ४४
पुणरवि अ समोसरणे (आ.नि.)३६७ पुरओ सुरा वहति असुरा (आ.) १२४ पुढविदगअगणिमारुअ- (ओघ.) भा.१६९ पुणरवि भद्दिअनगरे तवं (आ.नि.)४८७ पुरकम्मं उदउल्लं (ओघ.) ४८६ पुढविदगअगणिमारुय- (दश.) ४६ पुणव्वसूणा पुस्सेण, (गणि.) २४ पुरकम्म पच्छकम्मे (ओघ.) ५२० पुढविदगअगणिमारुय- (ग.प.) ७५ पुणसद्दादसण्णी सम्म० (विशे.) २७१३ पुरतो जुगमायाए गंतूणं (ओघ.) ४३१ पुढविदगअगणिमारुय- (ओघ.) ४६६ पुणसद्दो उ विसेसे (विशे.) ८११ पुरपच्छकम्म ससिणिद्धल्ले (पि.नि.)५३४ पुढविदगअगणिमारूय- (म.प.) ५३४ पुणो पुणो पणिधिए (सम.) २६ पुरवरकवाडवच्छा (अनु.) ११९ पुढविदगअगणिवाऊ- (द.वै.) ३३६ पुण्णं तित्थमुवागम्म (इसि.) ३३।११ पुराकडं अद्द ! इमं (सूत्र.) ६६९ पुढविदगाणं च रसं (जंबू.) ८८ पुण्णं रत्तं च अलंकियं (अनु.) ४८ पुरिमंतरंजि भुयगुह (उ.नि.) १७२ पुढविदगाणं च रसं (चन्द्र.) ३२ पुण्ण-पावस्स आयाणे ___ (इसि.) ९।६ पुरिमंतरंजिभूयगुह० (विशे.) २४५२ पुढविदगाणं तु रसं पुष्फ- (स्था.) ३८ पुण्णफलं दुक्खंचिय (विशे.) २००४ पुरिमंतरंजि भूयगुह (आ.नि.)भा.१३६ पुढवीं ओगाहित्ता (जीवा.)९ पुण्णम्मि मासकप्पे वासा- (ओघ.) १२९ पुरिमचरिमाण कप्पो (द.नि.) ११२ पुढवी आउक्काए उल्ला (आचा.) १२३ पुण्णापुण्णकयंपिहु (विशे.) २०५१ पुरिमा उज्जुजड्डा (उत्त.) ८३९ पुढवी आउक्काएतेऊ- (पि.नि.) ५४१ पुण्णापुण्णकयाई (विशे.) २००२ पुरिमाणं दुव्विसुज्झो (उत्त.) ८४० पुढवीआउक्काएतेऊ वण- (उत्त.) १००३ पुण्णा बहुपुत्तिया चेव (ज्ञाता.) ५४ पुरिमेण पच्छिमेण य एए (आ.नि.)१८२ पुढवीआउक्काएतेऊवाऊ- (ओघ.) २७६ पुण्णा य इक्कवीसा उदहि- (दे.प.) १७८ पुरिमेण पच्छिमेण य एए (आ.नि.)४५४ पुढवी आउक्काए तेऊवाऊ- (ओघ.) ३३७ पुण्णा व नई चउमास- (ओघ.) भा.६५ पुरिसं च विद्धुण कुमारग- (सूत्र.) ६९६ पुढवी आउक्काओ तेऊ (पि.नि.)९ । पुण्णुक्करिसे सुभया (विशे.) १९०९ पुरिसज्जाएऽवि तहा (आ.नि.)६७९ पुढवी आउजीवा य, (उत्त.) १४२४ पुण्णेहिं हायमाणेहिं, (त.प.) ४९ पुरिसवरपुंडरीओ (सं.प.) ४ पुढवी आउ तेऊ य, (सूत्र.) १८ पुण्णोवि जंबुदीवं पाणितल- (दे.प.) ५६ पुरिसावायं तिविहं (ओघ.) ३०१ पुढवी आउ वणस्सइ (पि.नि.)५३२ पुत्तंजीवयऽरिटे विहेलए (प्रज्ञा.) १६ पुरिसुवहिविवच्चासो (ओघ.) २७२ पुढवीआऊक्काएतेऊवाऊ- (ओघ.) २७४ पुत्तं पिया समारब्भ, (सूत्र.) ५५ पुरिसेत्ति विन्नति (सूत्र.) ७०० पुढवी ओगाहित्ता निरया (भग.) २० पुत्त-दारं धणं रज्जं (इसि.) ४५।१६ पुरिसो इत्थि नपुंसग (ओघ.) १६ पुढवी उ अगणी वाऊ, (सूत्र.) ४४४ पुत्तदारपरीकिण्णो, (द.वै.) ४८९ पुरिसोरम पावकम्मुणा, (सूत्र.) ९८ पुढवीए जे दारा वण- (आचा.) १२६ पुत्तस्स विवाहदिणं ओसरणे (पि.नि.) २८८ पुरिसो रहमारूढो (इसि.) ९।२६ पुढवीए निक्खेवो परू- (आचा.)६८ पुत्ताइसंतइनिमित्त० (विशे.) ३५४४ पुरेकम्मेण हत्थेण, (द.वै.)-९१ पुढवीकाओ तिविहो (पि.नि.) १० पुत्ता चयंति मित्ता चयंति (त.प.) १३२ पुरोहियं तं कमसोऽणुणंतं (उत्त.) ४३३ पुढवीकायं विहिंसंतो, (द.वै.) २३६ पुत्ता मित्ता य पिया (म.प.) ५८२ पुरोहियं तं ससुयं (उत्त.) ४५९ पुढवीकायमइगओ, उक्कोसं (उत्त.) २७७ पुत्तो धणंजयस्सा (आ.नि.)४४९ पुल्लेव (पोल्लार) मुट्ठीजह (उत्त.) ७२२. पुढवीजलजलणवाया (विशे.) २७०३ पुत्तो पयावइस्सा (आ.नि.)४४७ पुवंगे सिद्धमणोरमे य (चन्द्र.) २३ पुढवीजीवा पुढो सत्ता, (सूत्र.) ५०३
(उत्त.) ३९ पुव्वं अदिट्ठमस्सु-अमवेइय- (नन्दी) ६२ पुढवीदगाणं च रसं (सूर्य.) २८ पुनं रत्तं च अलं कियं (स्था.) ६८ पुव्वंगे सिद्धमणोरमे (सूर्य.) १९ पुढवी देव मणंतर पुढवी (भग.) ७३ । पुन्नामधिज्जसउणेसु, (गणि.) ५६ पुव्वंगे सिद्धमणोरमेय (जंबू.) ९३ पुढवीफासं अण्णाणुवक्कम (सू.नि.) ६५ पुष्पं फलंबुयाए (विशे.) २९९५ पुव्वं च जं तदुत्तं चित्त- (आ.नि.)१४८५ पुढवी य आऊ अगणी (सूत्र.) ३८१ पुष्फफलोदयरयरेणुसउण- (ओघ.) ७०३ पुव्वं ठंति य गुरुणो (आ.नि.)१५४४ पुढवी य सक्करा वालुगा (आचा.)७३ पुष्फा जलया थलया (प्रज्ञा.) ८६ पुव्वंते होज्जं जुगं अवरंते (आ.नि.)८३३ पुढवी य सक्करा वालुया (सूत्र.) ६३२ पुष्फाणं पत्ताणं सहडु- (पि.नि.) भा.१५ पुव्वं नोपुव्वसुयं (विशे.) ३५०६ पुढवी य सक्करा वालुया (उत्त.) १४२८ पुष्फाणं बीयाणं तयमाईणं- (ग.प.) ८१ पुव्वंपि न संदेहो (विशे.) १८७० पुढवी य सक्करा वालुया (प्रज्ञा.) १० पुष्पाणि य कुसुमाणि य (दश.) ३६ पुव्वं बुद्धीइ पेहित्ता (दश.) २९२ पुढवीवि जीवा आऊवि (सूत्र.) ३८७ पुप्फुत्तराउ चवणं पव्वज्जा (उ.नि.) २७० पुव्वं मणं जिणित्ताणं (इसि.) २९।१६ पुढवी साली जवा चेव, (उत्त.) २६१ पुमत्तमागम्म कुमार (उत्त.) ४२५ पुव्वं व जमुद्दिटुं (विशे.) ३५३० पुढवोदहीघणतणुकप्पा (भग.) २२ पुरओ जुगमायाए, पेहमाणो (द.वै.) ६२ पुव्वं सुयपरिकम्मिय० (विशे.) १६९ पुढो य छंदा इव माणवा (सूत्र.) ४८९ पुरओ मज्झे तह मग्गओ (ओघ.) १७८ पुवकओ उ घडतया . (विशे.) १७३० पुढोवमे धुणइ विगयगेही, (सूत्र.) ३७६ पुरओ वहंति देवा (सम.) ९५ पुव्वकओ उ घडतया (विशे.) ३३७३
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