Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 53
________________ कित्तियाहिं विसाहाहिं, केण कयं ति य वव० कित्तियाहिं विसाहाहिं, (गणि.) २५ कीरइ बीअपएणं सुत्तम- (ग.प.) ८६ कुव्वंति पावगं कम्म, (सूत्र.) २७४ कित्तीगुणगब्भहरं (म.प.) ४ कीलेहि विज्झंति आसाहु- (सूत्र.) ३०८ कुव्वंति संथवं ताहि, (सूत्र.) २६२ कित्तेमि कित्तणिज्जे (आ.नि.)१०७७ कीस कहइ कयन्यो (विशे.) ११०२ कुसं च जूवं तणकट्ठमगिंग (उत्त.) ३७९ किन्नर किंपुरिसे खलु (प्रज्ञा.) १५१ कुंजर वसहे सीहे (स्था.) १३९ कुसग्गमित्ता इमे कामा, (उत्त.) २०१ किन्नरकिंपुरिसे (दे.प.) ७० कुंजर संजय सेलेसि (भग.) ७७ कुसग्गे जह ओसबिंदुए. (उत्त.) २७४ किमणंतगुणा भणिया (विशे.) ४९१ कुंथु पिवीलिउइंसा, (उत्त.) १४९२ कुसीललिंग इह धारइत्ता, (उत्त.) ७२३ किमपरिमाणं सत्ती (विशे.) २५३४ कुंभम्मि वत्थुपज्जाय० (विशे.) २२५० कुसुमत्थि भूमिचिट्ठिय (विशे.) १०९८ किमिकुलसयसंकिण्णे (त.प.) ९१ कुंभारकडे नगरे (म.प.) ४९५ कुसुमाणि पंचवण्णाणि (आ.नि.) भा.१०० किमिघुणघुणचुन्नाइ (विशे.) १५३६ कुंभो भावाणन्नो (विशे.) २२०८ कुसुमे सहावफुल्ले आहारंति (दश.) १२८ किमिणा सोमंगला चेव, (उत्त.) १४८३ कुंभो विसिज्जमाणो (विशे.) ३४३७ कुहाडपरसुमाईहिं, (उत्त.) ६४८ किमियं रायगिहति य (भग.) ३६ कुइयं रुइअंगीयं, (उत्त.) ४९६ कूडउवमाइ केई परप्प- (पि.नि.) १०९ किमिरासि भद्द मुच्छा (प्रज्ञा.) ५२ कुइयं रुइयं गीयं, (उत्त.) ५०३ कूणदिक्कोणलग्गेसु, . (गणि.) ६५ किमिहाभिणिबोहिय० (विशे.) ४२८ कुइयण्णगोविसेसो० (विशे.) ६३२ कूयंते अब्भत्थण समत्थ- (ओघ.) भा.२१ किमु दंतस्स रण्णेणं? (इसि.) ३८।१४ कुक्कडे सिंगिरीडी (उत्त.) १५०२ कूवंतो कोलसुणएहि, (उत्त.) ६३६ किरियं अकिरिअं (उत्त.) ५५२ कुक्कुडरहतिलपत्ते सुदं- (उ.नि.) ३५८ केइ अभासिज्जंता (विशे.) १४५ किरियं च रोअए धीरो, (उत्त.) ५६२ कुक्कुडिअंडगमित्तं (ओघ.) भा.२७९ केइ तयण्णविसेसा (विशे.) १८५ किरियाए कुणइ रोगो (विशे.) १२९९ कुक्कुडिअंडगमित्तं (ओघ.) भा.२८६ के इत्थ खत्ता उवजोइया (उत्त.) ३५८ किरियाओ भणियाओ (सू.नि.) १६५ कुग्गहपरुढमूल मूला (भ.प.) ५३ केइत्थऽसियविमाणा अंजण-(दे.प.) २४३ किरियाकालम्मि खओ (विशे.) १३३७ कुजए अपराजिए जहा, (सूत्र.) १३३ केइदिहालोयणपुव्व० (विशे.) २७३ किरियाकिरियं वेणइया- (सूत्र.) ३७८ कुटुं तगरं च अगरु, (सूत्र.) २८५ केइ य हरियविमाणा (दे.प.) २४४ किरियाणं कारणओ (विशे.) १९१९ कुट्ठगं नाम उज्जाणं, (उत्त.) ८२१ केई एक्केक्कनिर्सि संवा- (पि.नि.) ३१ किरियाफलभावाओ (विशे.) १६१५ कुड्डस्स कुणइ छिड्ड (पि.नि.) ३०३ केई एक्केक्कनिसिं संवासेउं (ओघ.) ३५५ किरियाफलसंभवओ (विशे.) ११५६ कुड्डे वत्तीलिहियं (विशे.) १४२९ केई एगंतरियं मण्ण- (विशे.) ३६६ किरियावेफल्लं चिय (विशे.) ४१६ कुणमाणोऽवि निवित्ति (आचा.) २२० केई चोद्दसभेयं भणंति (विशे.) ५८० किरियावेफल्लंति (विशे.) २३११ कुणमाणोऽवि य किरियं (आचा.) २१९ केई तेणेव भवेण निव्वुआ (आ.नि.)३३४ किरियासामण्णाओ (विशे.) १६१६ कुप्पवयणं कुधम्म (द.नि.) ३३ केई दो झससमया (विशे.) ५९६ किरियासु भूयगामेसु, (उत्त.) ११२८ कुप्पवयणओसण्णेहि (विशे.) १४६१ केई निमित्ता तहिया (सूत्र.) ५४४ किलिनगाए मेहावी (उत्त.) ८४ कुप्पवयणपासंडी, सव्वे (उत्त.) ८७६ केई बुद्धिद्दिढे मइ- (विशे.) १३२ किवणेसु दुम्मणे(ब्बले) सु (पि.नि.) ४४९ कुप्पवयणेसु पढमो (विशे.) २९६५ केई बेन्तस्स सुयं (विशे.) ११९ . किसिपारासरढंढो (म.प.) ४९७ कुष्पहा बहवे लोए, (उत्त.) ८७३ केई भणंति गिहिणो (विशे.) ३५४२ किह ताव घरकुडीरी (त.प.) ८८ कुमारए नई लेणे, सिला (उ.नि.) ८७ केई भणंति पहिए अट्ठा (पि.नि.) १९३ किह दंसणाइघाओ (विशे.) १२९७ कुम्भसुसंठियचलणा (भग.) १११ केई भणंति पुव्वं (ओघ.) १३९ किह पगयं भावेणं (विशे.) २०८५ कुम्भीसु य पयणेसु य (सू.नि.) ७८ केई भणंति वीसं (विशे.) ८०२ किह पडिकुक्कुडहीणो (विशे.) ३०४ कुरुदत्तोऽवि कुमारो (सं.प.) ८५ केई वहति अट्ठा केइ (आचा.) १६२ किह मइसुयनाणविऊ (विशे.) १४६ कुरुमंदरआवासा कूडा (अनु.) १४ केई सयं वहंती केई (आचा.) १०१ किह मे हविज्जऽवंझो (आचा.) ३२६ कुरु मंदर आवासा कूडा (प्रज्ञा.) २०६ के केणाऽऽहा रंति व काले (दे.प.) १० किह य उवओगबहुया (विशे.) ७४२ कुलए य चउभागस्स (पि.नि.)४ केणंति नत्थि आया जेण (दश.) ७८ किह वा सव्वं खलियं (विशे.) २४०१ कुलगामनगररज्जं पयहिअ (ग.प.) २४ केणंति नमोक्कारो (विशे.) २८९४ किह स जीवाइ मई (विशे.) १७५२ कुलाई जे धावइ साउगाई, (सूत्र.) ४०४ केणं वड्डइ चंदो? (दे.प.) १४२ किह सपरोभयबुद्धी (विशे.) १७०९ कुल्लइरम्मि अ दत्तो (म.प.) ४९१ केणं वड्ढति चंदा? (सूर्य.) ७२ किह सव्वण्णुत्तिमई (विशे.) १९०३ कुल्लउरंमि पुरवरे (सं.प.) ७१ केणं वड्ढति चंदो (जीवा.) ६६ किह सो नाणसरूवो (विशे.) १९९८ कुल्लाग बहुल पायस (आ.नि.)४७४ केण अब्भाहओ लोओ, (उत्त.) ४४४ कीयगडंपिय दुविहं दव्वे (पि.नि.) ३०६ कुविओ हरेज्ज सव्वं (विशे.) ३२५६ केण कयं ति य कत्ता (विशे.) ३४२२ कीरइ कयमकयं वा (विशे.) ३३७१ कुव्वं च कारयं चेव, (सूत्र.) १३ केण कयं ति य वव० (विशे.) ३३८२ 35

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