Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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गब्भघरयम्मि जीवो कुंभी
गब्भघरयम्मि जीवो कुंभी- (त.प.) २७ गतिया जे उ (उत्त) १५५०
३९० ( ओघ.) ४७६
भाई मिज्जति बुयाबुयाणा, (सूत्र) गमणं च दायगस्सा हेट्ठा गमण मणुणे इ गमणागमणविहारे सुत्ते गमणागमणुक्खेवे भासि गमणागमणे गहणा तिट्ठाणे गमणे आवस्सियं कुज्जा, गमणे पमाण उवगरण गम्मपदेसरज्जे गयर सिज्जसिक्खुरसदाण गयउसभसीहअभिसेय (ज्ञाता.) ३ गयगवयखग्गगंडयवग्घतर- (म.प.) ५५७ (म.प.) ४९२ (आ.नि.) भा. ४६ (आ.नि.) भा. ५४ (आ.नि.) भा. ५६
(ओघ) ३०४ (आ.नि.) १५३३ (पि.नि.) २२७ ( ओघ.) भा. १९४ (उत्त.) ९७८ (ओघ.) ७१
गयपुर कुरूदत्तसुओ गय वसह सीह अभिसेअ गयवसह सीह अभिसेअ गय वसह सीह अभिसेअ
गयवसहसीहअभिसे अदाम - (च.प.) ७८ गयवसहसीहअभिसेय
गणामिया गहणविसग्गपयत्ता गणाखाओ
(दश) ४२ (आ.नि.) ३२२
गहन चिट्ठिज्जा, गहदिणाओ मुहुता गहिओ सोसेहि सम्म
ग
गामाग बिहेलग जक्ख गामाण दोह वेरं सेज्जायरि गामाणुगामं रीयंतं,
गामायारा विसया
गहियं जिणास गहियं व होउतहियं गहियम्मि अड्डरते वेरत्तिय गाढालंबणलग्गं चित्तं गामं पविसे नगरं वा
गामदुवारन्यासे अगडसमीये (ओप.) ६७
गामब्भासे बयरी नीसंदकडु - ( ओघ.) भा. १४२ गिहिकोलियाइपुच्छे गामब्भासे बयरी नीसंदकडु - (ओघ.) भा. १४३ गिहिणावि सव्ववज्जं (आ.नि.) ४८६ गिहिणो जे पव्वइएण (पि.नि.) ४३३ गिहिणो वि सवारंभग
गामे नगरे तह रायहाणिगामे परितलिअगमाइमग्गणे गामे य कालमाणे पहुच्चगामे व गंतु पुच्छे गामे वसंतपुरए सामइतो गामे वा अदुवा रणे गायंता वायंता नच्चंता
(भग.) ७१ गयसीसगणं ओमे ( आ.नि.) ११८४ गयसुकुमालमहेसी जह (म.प.) ४३१ गरंता मदिरा वा वि (इसि.) २२/६ रवि अट्टिकंट ( ओघ.) ४८१ गरहावि तहाजाई अमेच (आ.नि.) १०५० गरहित्ता अप्पा अपुणक्क (म.प.) ३३७ गरुलोऽविवेणुदेवो जंबुद्दीव- (दे. प.) गलुच्छिन्ना असोते वा (इसि. ) गलहिं मगरजाहिं, गवासं मणिकुंडलं, गवसणगहणकुडंगं गवेसण गहणेय (णेणं), गणं तप्पढमतया सुत्ते गहणं नईकुडंगं गहणगणं मोक्खो भासा गहणं मोक्खो भासा
५५ ४१ | ३
(उत्त) ६४६
(उत्त. ) १६४
(ओघ.) भा. २३६ ( उत्त.) ९१३ ( आ.नि.) ७०२ (उ.नि.) ३५० (विशे.) ३७१ (विशेो.) ३७२ (विशे.) ७४६ (विशे.) ३७३ (विशे.) ३६९
गिद्धाइभक्खणं गिद्धपिट्ठ गिद्धोवमे य नच्चाणं,
गहणुग्गहम्मि अपरिग्गहस्स (आचा) ३०६
गहणे पक्वम्मि अ सामा- (ओघ.) भा. २८७ गिम्हसिसिरवासासु (द.वै.) ३४५ गिम्हासु तिष्णि पडला (गणि. ) ८० गिम्हासु पंच पडला (विशे.) २४२१ गिम्हासु हुं ति चउरो
गारपिअ आवसे नरे गारत्थियभासाओ य वज्जए गारवपंकनिबुड्डा अइयारं गारविए काहीए माइल्ले गारवेसु कसाएसु, दंडगावी महिसी उड्डा अय गाहाकुला सुदिव्वा व गाहावितो तिविहो सुत्ते गाहासोलसएहि, तहा गाहीकया व अत्था गिज्झस्स वंजणाणं गिण्हंति पत्तमत्थं गिण्हइ तज्जोगं चिय गिण्हइ य काइएणं गिण्हइ व काइएर्ण, गिण्हण कढण ववहार गिण्हामि अप्पणो ता गिहिन्न काइए गिण्हिज्ज सव्वभंगं
४०
(विशे.) ३४७३ गिरिं नहेहिं खणह, (विशे.) २७८ गिरिं रेवययं जंती, ( आ.नि.) १३९६ गिरिनइवत्तणिपत्थर(आ.नि.) १४८३ (आ.) १०३
गुणगुरू गुरु (उत्त) ३६६ (उत्त) ७९७ (विशे.) १२०७
गिरीवरे वा निसहाऽऽयमाणं (सूत्र) ३६६ गिहवास परिच्चज्जा, (उत्त.) १३३६ गिहवासे अट्टारस वासाणं (आ.नि.) २८८ (विशे.) २४६४ (विशे.) २६८३
(उत्त) ४८५
(उत्त) ६२ (आ.नि.) २३३ (उत्त.) १०९५ (ओघ.) ८९ (ओघ.) ५०६ (ओच.) २४९ (सू.नि.) १९९
(आ.) २३ (औप.) प्र.३ (सूत्र.) १५५ (ओघ.) भा. २७० (उ.नि.) २१९ (ओप) ४१४ (उत्त) ६७३ (दश.) २५७ (इसि.) २२२४ (सू.नि.) १३१
गिहिणो बेआवडि
गिहिणो वेआवडिय गिहिविज्जापरिण व
(म.प.) ११४
गिहे दीवमपासंता, पुरिसाद (सूत्र) ४७० गीयत्थपरिग्गाहिअ अयाणओ (ओघ) ३८३ गीयत्थस्स उ वयणेणं,
(ग. प.) ४४
(ग. प.) ४१ (ओघ.) १२२
गीयत्थे जे सुसंविग्गे, गीयत्थो व बिहारी बिओ गीयावास र धम्मे गुट्ठयपाओवगओ सुबंधुणा गुट्टे पाओवगओ सुबंधुणा गुणकरणं चारितं गुणदव्वपज्जवेहि गुणधारणरूवेणं पच्चगुणनिष्कण्णं गोणं गुणपच्चक्खत्तणओ गुणपूयामेत्ताओ
(विशे.) ३४६० (सं.प.) ७५ (भ.प.) १६२ (विशे) ३३६२
(विशे.) ३४१३
(उत्त.) ११२९ गुणभवणगहण सुयरयण
गुणमाहप्यं इसिनामकित्तणं
(सू.नि.) १३९ (विशे.) २४० (विशे.) २०८ (विशे.) १९४१ (विशे.) ३५५ (आ.नि.)७ (पि.नि.) २८१ (ओघ.) प्र./ १९ (विशे.) ३५६
(विशे.) १६७६ (उ.नि.) २२४ ( उत्त. ) ४६९ (विशे.) १२७३ (ओघ.) ६९९ ( ओघ.) ७०१ ( ओघ.) ७००
(दश) ३३७ (द.वै.) ५०८
(द.वै.) २२
गुणरयणुज्जलकडयं गुणसंपवणे पुवि संतागुणसंथवेण पच्छा संता
गुणाणं आसओ दव्वं, |गुणाहिए बंदणयं छठगुणिउद्धगहते या निम्मय गुणेहिं साहू अगुणेहिगुत्ता गुत्तीहिँ सव्वाहि गुत्तीओ समिई भावणा गुत्तीसमिइउवेओ संजमगुत्तीसमिइगुणड्ढो
गुत्तो वईए य समाहिपत्तो, गुब्बर पाओवगओ सुबुद्धिणा गुम्मियभेसण समा गुरुगुणगुरूणो गुरुणो
(च.प.) ७७
(पि.नि.) भा.१ (वि.)- १५५८
(विशे.) २९५१
(नन्दी) ४ (आचा.) ३२०
(नन्दी) प्र./१
(पि.नि.) ४९० (पि.नि.) ४९२
(उत्त.) १०४८ (आ.नि.) १९४७
(दश.) २२१
(द.वै.) ४४९
( आचा.) १०५
(महा.) ७५ (सं.प.) २९ (सं.प.) ११८
(सूत्र) ४८७ (म.प.) ४७८ (ओ.) २०२
(भ.प.) ३५
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