Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 63
________________ ..... जं किंचि उ पुइकडं, जंभियगामे नाणस्स उप्पया जं किंचि उ पुइकडं, (सूत्र.) ६० जं चिय विग्गहकालो (विशे.) ३३२५ जं नारगाइभावो (विशे.) १९७८ जंकिंचि कयमकज्जन (ओघ.) ८०१ जं चेव अंधयारे दोसा (ओघ.) भा.२७८ जं निच्छयाइजुत्ता (विशे.) १०८६ जं किंचिवि दुच्चरिय (महा.) ३ जं चेव आउयं कुलगराण (आ.नि.)१६२ जं निज्जरिज्जमाणं (विशे.) १३३८ जंकिंचिवि दुच्चरियं (म.प.) २११ जं चोदसपुव्वधरा (विशे.) १४२ जं निज्जरेइ कम्मं असंवुड- (म.प.) ५४ जं किंचिवि दुच्चरियं (आ.प.) १८ जं छउमत्थोऽहोहिय० (विशे.) ३११४ जं निन्नओवओगे (विशे.) ३२७ जंकिंचि सुहमुआरं (भ.प.) ९५ जं जं जे जे भावे (विशे.) २६६७ जं निस्सिए उव्वहइ (सम.) ३५ जं किचि अणगं तात (सूत्र.) १८९ जं जं जे जे भावे परि- (आ.नि.)७९४ जं नेइ जया रत्तिं नक्खत्तं । (उत्त.) ९९२ जंकिंचुवक्कम जाणे (सूत्र.) ४२५ जं जं जे जे भावे परि- (आ.नि.)७९५ जं नेगमववहारा (विशे.) ३७ जं किंचुवक्कम जाणे (आ.) २२ जं जं निज्जीवाणं (विशे.) ३३४२ जंपइ पच्चक्खाणं० (विशे.) २५१९ जं किर दव्वं खुज्जं (उ.नि.) ४९२ जं जं निज्जीवाणं कीरइ (आ.नि.) भा.१५७ जं पच्चासन्नतरं (विशे.) २९४८ जं किर बउलाईणं (विशे.) ३००० जं जं सण्णं भासइ (विशे.) २२३६ जं पढमस्संतिमए बितिय- (सू.नि.) १३३ जं कुणइ भावसल्लं अणु- (म.प.) १११ जं जत्थ नभोदेसे (विशे.) २३२१ जं पप्प नेगमनओ परीसहो (उ.नि.) ८१ जं कुणइ भावसल्लं अणु- (म.प.) २२८ जं जस्स आउयं खलु तं (आ.नि.)१६३ जं परहिययाकूया० (विशे.) ९२८ जं कुणइ भावसल्लं अणु- (महा.) २८ जं जह व कयं दाहं तं (पि.नि.) २४२ जंपि वत्थं व पायं वा, (द.वै.) २२८ जं कुणइ भावसल्लं अणु- (ओघ.) ८०५ जं जाणेज्ज चिराधोयं, (द.वै.) १३५ जंपि वत्थं व पायं वा, (द.वै.) २४७ जं केसवस्स उ बलं (विशे.) ७९८ जं जारिसं पुव्वमकासि (सूत्र.) ३४९ जं पुण अचित्तदव्वं (पि.नि.)५४७ जं केसवस्स उ बलं, (आ.नि.)७५ जं जाहे जं भाव परि- (विशे.) २६६८ जं पुण उद्दिसमाणा (आ.नि.)१५३६ जं गइमओ विघाओ (विशे.) ३१५७ जं जीवियसंवट्टण० (विशे.) २०४५ पुण गुरुस्स सेसं (ओघ.) ५७५ जंघट्ठियासु ऊरू पइट्ठिय- (त.प.) १०९ जं जीवो नाणमओ (विशे.) २८६४ जं पुण तयत्थसुन्नं (विशे.) २०६ जंघद्धा संघट्टो नाभी (ओघ.) भा.३४ जं जुज्जतोऽवि तयं (विशे.) २८५९ पुण विण्णाणं- (विशे.) २३२ जंघा परिजिय सड्ढी (पि.नि.) ५०७ जं जुज्जइ उवकारे (ओघ.) ७४२ जं पुण संपमाणाओ (ओघ.) ७२८ जंघा बाह तरीइ व जले (पि.नि.) ३३१ जं जोयणविच्छिन्नं पल्लं (स्था.) ४ जं पुण संमत्तपज्जाय० (विशे.) २२७० जंघाहीणा ओमे कुसुमपुरे (पि.नि.) भा.३५ जं तिण्णि बारसण्हं (विशे.) १२५९ जं पुव्वं तंपुव्वं जहाणुप- (म.प.) १०५ जं च जिणाणवि पुज्जा (विशे.) २३१२ जं तित्थं तुमि लद्धं जं (सं.प.) २२ जं पेम्मरागरत्तो अवयासेऊ- (त.प.) १०४ जं च जियाचेलपरि० (विशे.) २५५७ जं तु परं णवएहिं (इसि.) ६७ जं बद्धमसंखिज्जाहिं असुभ- (सं.प.) १०८ जं चण्ण एवमादी तव- (ओघ.) ७३० जंतु पुरक्खडभावं दवियं (आ.नि.) भा.२२९ जं बहुबहुविह खिप्पा० (विशे.) ३०७ (विशे.) ३१८६ जंतेण करकएण व (म.प.) ४८१ जं बीहमउलणाई (विशे.) ११०६ जं च तवे उज्जुता तेणेसि (दश.) १३६ जं तेण जुज्जए वा (विशे.) ३४९९ जंबुद्दीवं काऊण छत्तयं (दे.प.) ६५ . जं च दिसावेरमणं अणत्थ- (आ.प.) ४ जं तेण पंचधणुसय० (विशे.) ३४२ जंबुद्दीवपमाणं (विशे.) १४००. जं च न लिंगेहि समं (विशे.) १५६५ जं तेहिं दायव्वं तं दिन्नं (आ.नि.)१०९६ जंबुद्दीवसमा खलु उक्कोसेणं (दे.प.) ७५ जं च पवेसो नेगम० (विशे.) २८५४ जं थाणं मुणिलिंगं (विशे.) ३२९२ जंबुद्दीवे जोइस अंतरदीवा (भग.) ६० जं च पुरा निद्दिटुं (विशे.) ३५७० जं दव्वं उदगाइसु छूढमहे (पि.नि.) ९८ जंबुद्दीवे लवणे धायइ (अनु.) १२ जं च बाला पसंसंति (इसि.) ४।२० जं दुक्कडंति मिच्छा तं (आ.नि.)६८४ जंबुद्दीवे लवणे धायइ (जीवा.) ३२ जं च मणोचिंतियः (विशे.) ११३५ जं दुक्कडंति मिच्छा तं (आ.नि.)६८५ जंबुद्दीवे लवणे धायति (प्रज्ञा.) २०४ जं च महाकप्पसुयं (विशे.) २२९५ जं देवाणं सोक्खं सवद्धा (औप.) २२ जंबूअ चास मउरे भारद्दाए (ओघ.) भा.१०८ जं च महाकप्पसुयं जाणि (आ.नि.)७७७ जं देसनिसेहपरो० (विशे.) २४६० जंबूद्दीवग आवस्सगं तु (स्था.) १९ जं च मे पुच्छसी काले, (उत्त.) ५६१ जं दोसवेयणिज्जं (विशे.) २९६८ जंबू य चासमऊरे भारद्दाए (ओघ.) भा.८४ जं च विसेसन्नाणं (विशे.) २४४५ जं न लहइ सम्मत्तं लभ्रूणवि (म.प.) २०४ जं भणसि नत्थि भावा (दश.) ७० जंच सिगालो वइ (विशे.) १८०० जं नाणं चेव नमो। (विशे.) २८९२ जं भत्तपाणउवगरण- (दश.) भा.२ जं च सियं खेहितो (विशे.) ३४४५ जं नाणदसणचरित्त० (विशे.) २०३३ जं भयभावमंगल० (विशे.) ४७ जं चागमाविरुद्धा० (विशे.) १५५३ जं नाण बेइ य नमो (विशे.) २९१० जं भवे भत्तपाणं तु, (द.वै.) १०३ जं चातीताऽणागय० (विशे.) १८२८ जं नाणाइसभावं (विशे.) ३४३२ जं भासइ तंपि जओ . (विशे.) १५३ जं चिय दव्वाणन्नो (विशे.) ३३७८ जं नामए समुद्दे दीवे (दे.प.) ४७ जं भिक्खमत्तवित्ती तेण (दश.) ३४५ जं चिय मुत्तिविउत्ता० (विशे.) ३२७७ जं नारगाइभावो (विशे.) ३१८७ जंभियगामे नाणस्स उप्पया (आ.नि.)५२४ व... (2

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