Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala

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Page 79
________________ तत्थ विमाणा बहुविहा० तत्थ विमाणा बहुविहा० तत्थ विमाणा बहुविहा० तत्थ विमाणा बहुविहा० तत्थ विमाणा बहुविहा० तत्थवि सो इच्छं से करे तत्थ समणा तवस्सी तत्थ सिद्धा महाभागा, तत्थ से चिट्ठमाण तत्थ से चिट्टमाणस्स, तत्थ से भुंजमाणस्स, तत्थ सो पासए साहु, तत्थहिगारों तु सुहं नाउं तत्थाउयसे साहिय० तत्थाणंता उ चरित्तपज्जवा तत्थावायं दुविहं सपक्खतत्थाविसेसियं नाण तथासणा बहुवि तत्थासणा बहुविहा तत्थासणा बहुविहा तत्थाहरणं दुविहं चहिं तत्थिमं पढमं ठाणं, तत्थिमं पढमं ठाणं, तत्थिमा तइया भासा, जं तत्थेव अंतरा या असिवादी तत्थेव नयाणं पहु तत्थेव पडिलेहिज्जा, तत्थेव य जे दव्वा तत्येव य धणमितो तत्थोग्गो दुव तत्थोवाइयं वर्ण तदभावे भावाओ तदभिगमवंदणोवा तदवत्थमेव तं तदसंखगुणविहीणं तदसंखिज्जइभागं तदसंखिज्जइभागं तदसंखेज्जगुणा तदुभय सुत्तं पडिलेहणा तदुवरमेऽविसरणओ तदुवरमेऽविसरणओ तदुवरमेऽविसरणओ तदव्वकारणं तव तदिवस पडिलेहा कुंभतद्दिवस भोइआई अंतो (दे. प.) २६० (दे. प.) २६४ (दे. प.) २६७ (दे. प.) २७० ( आ.नि.) ६७५ (दश.) ११५ (उत्त.) १४१८ (उत्त.) ६९ (ए.वै.) ८६ (द.वै.) १४३ (उत्त) ६८४ (द.नि.) ४० (विशे.) ३०५० (पि.नि.) भा. १९ (ओघ.) २९८ (विशे.) ४९२ (दे.प.) २७२ (दे.प.) २५२ (दे. प.) २६२ (दश) ५१ (उत्त.) १३१ (द.वै.) २१७ (सूत्र) ४६२ ( ओष) ११३ (विशे.) २२८२ त तद्देसचिंतणे होज्ज (विशे.) २४१ तद्देसापरिसेसं (विशे) ३४९० तद्दोसगुब्विणीबालवच्छकंडं (ओघ.) ४६९ तप्परिणउ च्चियजया (विशे.) २८६७ (विशे.) २९३३ (विशे.) ७०६ (आ.नि.) ५५ ( सं . प . ) ४९ तप्परिणय एव जहा तप्पागारे पल्लग पडहगतप्पागारे पल्लग पडहगतप्पु (नियपु) रिसनाडयंमि - तप्पुव्विया अरहया पूइयतप्पेण समागारो तब्भवजीवियमोरा० तब्भेयकप्पणाओ ( आ.नि.) ५६७ (विशे.) ७०८ (विशे.) ३५१३ (विशे.) २६६२ (उत्त.) ७२६ (द.वै.) १७० तमंतमेणेव उसे असीले, तमइक्कमित्तु न पविसे, तमुकाए कप्पपणए अगणी तमेगे परिभासंति, भिक्खुयं तमेव अविजाणंता, अबुद्धा, (सूत्र.) तमेव अवियानंता, विसमंसि (सूत्र) तम्मत्तमिह विसेसा० | तम्मि भव्वे निव्वाणं तम्मि मओ जाइ दिवं तम्मिय महिहरसिहरे तम्मूलं संसारो नीआगोत्तं तम्मेव य नक्खते गयणं तम्हा असणपाणाई, तम्हा आयारपरक्रमेणं, (द.वै.) ८४ (विशे.) ६१२ तम्हा उ अप्पसत्थं पणिहाणं (म.प.) ४८६ तम्हा उ निम्ममेणं मुणिणा (विशे.) १९३ तम्हा उ वज्जए इत्थी, (उत्त.) १४० | तम्हा उ सव्वदुक्खाणं (विशे.) १५९९ तम्हा उ सुरनराणं पुण्जता (विशे.) १६४७ तम्हा एयं०। आउकाय - (विशे.) २६९ तम्हा एवं०। तसकाय(विशे.) ३०६० तम्हा एयं० तेउकाय(विशे.) १३३१ तम्हा एयं । वणस्सइ(विशे.) १३०१ तम्हा एयं । वाउकाय(विशे.) ३०८२ तम्हा एयं विआणित्ता, (ओघ.) १७६ तम्हा एवं विआणित्ता, (विशे.) १८९४ तम्हा एवं वियाणिय (विशे.) १६५८ तम्हा एयासि लेखाणं, (विशे.) १९९६ तम्हा कत्ता भोत्ता बंधो (विशे.) २१०० तम्हा कम्माणीय जेठमणो (ओघ.) भा. २११ तम्हा किं सामाइय० (आ.नि.) १३४६ | तम्हा किमत्थि वत्युं દર तम्हा जिणपण्णत्ते अणंत तम्हा जे अज्झयणे ५२१ तम्हा जेण महत्थं तम्हा ण उ वीसंभो तम्हा ण बज्झकरणं तम्हाऽतिविज्जो परमंति | तम्हा तुल्लठिईयं० तम्हा तेण न गच्छिज्जा, ६१ | तम्हा ते तं विकिंचिता (विशे.) २२०९ तम्हा ते न सिणायंति, (विशे.) १३०८ तम्हा तेसि विणासाय (विशे.) १३१७ तम्हा दयागुणरहि (म.प.) ४१५ तम्हा दवि इक्ख पंडिए, ( आ.नि.)४३९ तम्हा दुचक्कवइणा तस्सं(उत्त.) ९९३ तम्हा धम्माऽधम्मा जुत्ता (द.वै.) २५८ तम्हा धम्माऽधम्मा लोय(द.वै.) ५०३ तम्हा धम्मे रहकारगाणि (दश) ३०९ (आ.नि.) १५५४ (सूत्र.) २५७ (इसि.) | तम्हा धिइउट्ठाणुच्छाह तम्हा धितिउद्वाणुच्छाहतम्हा न एस दोसो संभवई १५/३२ तम्हा निठणं निहालेठं, (दश.) १४८ | तम्हा निययं सपइ० (द.वै.) २४० तम्हा पडिक्कमामित्ति (द.वै.) २५४ तम्हा पडिलेहिअ दीवियम्मि (द.वै.) २४४ | तम्हा पमाणजुत्ता एक्वेक्कस्स (द.वै.) २५१ तम्हा पाणदयट्ठाए (द.वै.) २४८ तम्हा पुव्वं पडिलेहिऊण (द.वै.) ७० | तम्हा वत्थूणं चिय (द.वै.) २३७ तम्हा विणयमेसिज्जा, (इसि.) ८1३ तम्हा स उद्दिष्मणो (उत्त.) १३३४ तम्हा सकारणं चिय (विशे.) १५८७ तम्हा सपराणुग्गह० (आचा.) २२१ | तम्हा सम्म निहालेडं, (विशे.) २६५८ तम्हा सया विसुद्धं परिणामं (विशे.) २५७३ तम्हा सरीमाई अब्धिंतर ( भग.) (सूत्र.) तम्हा सरीमाई अब्धिंतर (उ.नि.) ४९७ (उ.नि.) ५२८ (द.वै.) २८३ ५१ २११ तम्हा खलुंकभावं तम्हा खलुप्पमार्य तम्हा गच्छामो वक्खामो, तम्हा घत्तह दोसुवि तम्हा चंदगविज्यं सकारणं | तम्हा जं जं निद्दिस्सइ तम्हा जं मुत्तिसुहं० तम्हा जइ एस गुणो तम्हा जहुत्तदोसे (म.प.) १५३ (आ. प.) ५४ (विशे.) १५२८ (विशे.) २००७ (ओ.) ५३२ (विशे.) २५८२ (उ.नि.) ५६१ (दश.) ३५९ (विशे.) १०२४ (सू.नि.) ५८ (आ.नि.) ११४१ (आ.) ७ (विशे.) ३०४२ (द.वै.) ६५ (इसि.) ३।७ (द.वै.) २७१ (इसि.) ३५/१० (दश.) १३२ (सूत्र.) १०९ (ओघ.) ३८७ (विशे.) ३२६१ (विशे.) १८५२ (दश) ३६८ (चन्द्र.) १०२ (सूर्य.) १०२ (पि.नि.) १७६ (ग.प.) ७ (विशे.) २२२६ (विशे.) ३५६२ (ओघ.) भा. १११ (ओघ.) २२७ (इसि.) ४५/२२ (ओप.) १३१ (विशे.) २२०२ (उत्त) ७ (भ.प.) ८५ (विशे.) ३२३५ (विशे.) ३२४३ (ग. प.) १०५ (ओघ) ६० (म.प.) ४०४

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