Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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उपख,
जाणगसरीरभविए तव्व
जिणवयणमणुगया मे जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ३१९ जायतेयं समारब्भ (सम.) २४ जावदवधारणम्मि (आ.नि.)१०४२ जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ३३१ जायमाणस्स जं दुक्खं, (त.प.) २५ जाव न (त्र) एज्जति (एइ) (उत्त.) १८० जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ३६१ जायमित्तस्स जंतुस्स, जा (त.प.) ३२ जाव न बहुप्पसण्णं (पि.नि.) २१ जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ३९३ जायरूवं महामटुं, (उत्त.) ९५० जाव य कुंडग्गामो जाव (आ.नि.)भा.९१ जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ४०६ जा य सच्चा अवत्तव्वा, (द.वै.) २७९ जाव य खेमसुभिक्खं (म.प.) १५५ जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ४२३ जायसु न एरिसोऽहं (पि.नि.) ४७२ जाव य जंबुद्दीवो जाव (दे.प.) ५२ जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ४४३ जायाजायोभयओ (विशे.) १६९४ जाव य सुई न नासइ जाव (म.प.) १५४ जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ४५१ जारिसं किज्जते कम्म (इसि.) ३०।४ जाव वुच्छं सुहं वुच्छं, (उ.नि.) १३१ जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ४५८ जारिसं वुप्पते बीयं (इसि.) ३०३ जावि अविक्खाऽविक्खण- (विशे.) १७१६ जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ४६० जारिसओ जनामा जय (प्रश्न.) ३ जा ससमएण पुव्विं __(दश.) १९८ जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ४६३ जारिसय च्चिय लद्धा खद्धा (पि.नि.)५२८ जा ससमयवज्जा खलु (दश.) १९७ जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ४८३ जारिसया लोअगुरू (आ.नि.) भा.३८ जा सा अणसणा मरणे, (उत्त.) १०९१ जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ४८७ जारिसा मम सीसा उ, (उत्त.) १०४१ जाहे य उण्णयाइं उव्वाणाई (ओघ.) ४९१ जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ४९० जारिसा माणुसे लोए, (उत्त.) ६५५ जाहे य पावियव्वं इह (म.प.) ६३० जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ४९९ जालंतरत्थदीव० (विशे.) ७४० जाहेवि य परितंता (आ.नि.)११७६ जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ५०१ जाली मयालि उवयाली
जाहे होइ पमत्तो जिण- (महा.) ९८ जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ५०३ जावंतट्ठा सिद्धं नेयं(न एइ) (पि.नि.) २७२ जाहे होइ पमत्तो जिणवयणे- (म.प.) २८९ जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ५१७ जावंत देवदत्ता गिही व (पि.नि.) १४२ जा होइ निसिद्धप्पा (आ.नि.)भा.१२१ जाणगसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ५१९ जावंतऽविज्जा पुरिसा, (उत्त.) १६० जिअलोअबंधुणो कुगइ- (च.प.) ३१ जाणगसरीरभविए तव्व (उ.नि.) ५२२ जावंता वयणपहा (विशे.) ४५१ जिअसंजमो अलोगो जह (आचा.) ३३ जाणमाणो परिसओ (सम.) २९ जावंति अज्जवइरा (विशे.) २२८४ जिट्ठामूले आसाढ सावणे (उत्त.) ९८९ जाणयभव्वसरीरा० (विशे.) ४६ जावंति अज्जवइरा अपुहुत्तं (आ.नि.)७६३ जिट्ठासाढेसु मासेसु, (उ.नि.) १२९ जाणयसरीरभविए तव्व- (उ.नि.) ३७५ जावंतिए विसोही सघर- (पि.नि.) ३९० जिट्ठासुदंसणजमालि- (विशे.) २३०७ जाणावरणपहरणे जुद्धे (आ.नि.)८४३
(म.प.) १९२ जिट्ठा सुदंसण जमालि- (उ.नि.) १६७ जाणावरणपहरणे जुद्धे (उ.नि.) १५३ जावंति केइ दुक्खा सारीर- (सं.प.) १०१ जिट्ठो चउदसपुव्वी चउरो (म.प.) ४५९ जाणाहि संभूय ! महाणुभागं (उत्त.) ३९८ जावंतियमुद्देसं पासंडीणं (पि.नि.) २३० जिणकप्पाजोग्गाणं (विशे.) २६०३ जाणि भणिआणि सुत्ते (द.नि.) २१ । जावंति लोए पाणा, तसा (द.वै.) २१८ जिणकप्पियादओ पुण (विशे.) २५८४ जाणि भणिआणि सुत्ते (द.नि.) १३४ जावंतो वयणपहा (विशे.) २२६५ जिणकप्पोऽणुचरिज्जइ (विशे.) २५५४ जाणेज्ज वासणाओ (विशे.) १६७७ जावइआई दुक्खाई हुंति (भ.प.) ९४ जिणगणहरगुरुदेसिय० (विशे.) १०८१ जाणेज्जा सरणं धीरो ण । (इसि.) ३८।२० जावइयं उवउज्जइ तत्तिअ- (ओघ.) ६०७ जिणगणहरनिग्गमणं (विशे.) २०२६ जातं जातं तु वीरियं (इसि.) ४५।५३ जावइयं किंचि दुहं (म.प.) ४०३ जिणगणहरुग्गयस्स (विशे.) १०६६ जा तस्स खमा तइया जो (म.प.) ४३४ जावइयम्मि पमाणम्मि (जंबू.) ४३ जिणचक्किदसाराणं वण्ण । (आ.नि.)३६८ जातिं च वुड्डिं च विणा- (सूत्र.) ३८९ जावइया किर दुक्खा (आ.नि.)१५५३ जिणपवयणउप्पत्ती (विशे.) १३५० जाती आजातीया पच्चा- (द.नि.) १२८ जावइया किर दोसा इहपरल-(भ.प.) १०८ जिणपवयणउप्पत्ती (आ.नि.)१२८ जा तेऊ इ ठिई खलु (उत्त.) १३२७ जावइया तिसमया० (विशे.) ५८८ जिणभणिइ च्चिय सुत्तं (विशे.) १११८ जा दव्वकम्मलेसा सा (उ.नि.) ५४१ जावइया तिसमयाहारगस्स (आ.नि.)३० जिणमयभाविअचित्तो लोग- (म.प.) ६५९ जा देवसिअं दुगुणं चिंतइ (आ.नि.)१५२१ जाव गुरूण य तुज्झ (ओघ.) १५४ जिणवयणं सिद्धं चेव (दश.) ४९ जा नीलाइ ठिई खलु (उत्त.) १३२३ जावज्जीवं तिविहं आहारं- (भ.प.) ४३ जिणवयणअणुगया मे (महा.) ९७ जा पम्हाइ० । जहन्नेणं (उत्त.) १३२८ जावज्जीवं पत्ते जाव- (विशे.) ३५१८ जिणवयणनिच्छिअमई (सं.प.) ६२ जामद्धं जाम दिण पक्खं, (ग.प.) ३ जावज्जीवं परीसहा (आ.) ३८ जिणवयणपदुद्वे वि हु (दश.) १४० जामाइपुत्तपइमारणं च केण (पि.नि.) ४३४ जावज्जीवतया इति (विशे.) ३५१९ जिणवयणबाहिरा भाव- (आ.नि.)११६३ जायइ जायमजायं (विशे.) १७२८ जावज्जीवमविस्सामो, (उत्त.) ६१७ जिणवयणमणुगयमई जं (महा.) ९९ जायणपरीसहम्मि बल- (उ.नि.) ११४ जावज्जीवमिहारेण (विशे.) ३५१७ जिणवयणमणुगयमई जंवेलं (म.प.) २९० जायतेयं न इच्छंति, (द.वै.) २४१ जावदयं परिमाणे (विशे.) ३५१६ जिणवयणमणुगया मे (म.प.) २८८
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