Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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जह दूओ रायाणं णमिउं
जहा खीरं पधाणं तु जह दूओ रायाणं णमिउं (आ.नि.) १२२९ जह मिल्लेवावगमाद० (विशे.) ३१४२ जह सव्वदोसरहियं (विशे.) ८५९ जह दूरत्थेऽवि धिइ (विशे.) ३२८२ जह मुच्छियाइयाणं (विशे.) ५१२ जह सव्वपायवाणं भूमीए (आचा.) १८६ जह देवस्स सरीरं (आचा.) १६७ जह मूलसुयप्पभवा (विशे.) १०६५ जह सागरम्मि मीणा (ओघ.) ११७ जह देहत्थं चक्खं (विशे.) २३६ जह य अणुद्धयसल्लो- (म.प.) ३५८ जह सा नाणस्स फलं (विशे.) ११३४ जह देहप्परिणामो रति (आचा.) ११९ जह रण्णो विसएसुं (ओघ.) भा.८ जह सा बत्तीसघडा (म.प.) ४८० जह धणुपुरिसपयत्थे (विशे.) ३१४८ जह रूवाइविसिट्ठो (विशे.) २६४७ जह सायत्तं दाणे (विशे.) ३२४६ जह धाऊ कणगाई (उ.नि.) ३४ जह वंतं तु अभोज्जं भत्तं (पि.नि.) १९१ जह सायरसे गिद्धा इत्थि- (म.प.) ३५९ जह न जिणिंदेहि सम्म (विशे.) २५९० जह वक्कं तह भासा (आचा.)३०० जह सविज्जा किरिया (आ.नि.)११३३ जह नरवइणो आणं (ओघ.) भा.४५ जह वग्गा सुबत्तण (विशे.) १५९ जह सा हिरण्णमाइंसु (ओघ.) ५०१ जह न वयभंगदोसो (विशे.) २५३६ जह वऽस्साओ हत्थिं (दश.) ६४ जह सिक्खियं सनामं (विशे.) ८५२ जह नवहा मइनाणं (विशे.) ५५६ जह वा कम्मक्खयओ (विशे.) २०१० जह सिद्धमग्गदुग्गइ (म.प.) ३६२ जह नाणेणं न विणा (आ.नि.) ११५३ जह वा कुलालचक्कं (विशे.) ३१५० जह सिद्धाइयाण- (विशे.) ३१३१ जह नाम असी कोसा अन्नो (म.प.) ५३१ जह वा घडाभिधाणं (विशे.) १५१० जह सुकुसलोऽवि विज्जो (म.प.) १०४ जह माम आउरस्सिह (दश.) ३६५ जह वा जिणिंदपडिम (विशे.) २३६५ जह सुकुसलोऽवि विज्जो (ग.प.) १३ जह नाम कोइ मिच्छो (आ.नि.)९८३ जह वा तिन्नि मणूसा (विशे.) १२११ जह सुकुसलोऽवि विज्जो (ओघ.) ७९६ जह नाम कोइ मिच्छो (दे.प.) २९६ जह वा तिलपप्पडिया । (प्रज्ञा.) ४६ जह सुज्झइ सलिलं तह (आ.नि.)११५५ जह नाम पट्टणगआ संते (म.प.) ६४२ जह वा तिलसक्कुलिया (जीवा.) ४ जह सुत्तं तह अत्थो (सू.नि.) १२४ जह नाम महुरसलिलं (आ.नि.)१११९ जह वा तिलसक्कुलिया (आचा.) १३२ जह सुत्त मत्त मुच्छिय (आचा.) २१२ जह नाम महुरसलिलं (ओघ.) ७७७ जह वा दीहा रज्जू (विशे.) २०६१ जेह सुद्धजलाणुगयं (विशे.) १३२१ जह नाम वच्चकूवो निच्च (त.प.) ११२ जह वा नाणमओऽयं । (विशे.) २००८ जह सुरहिकुसुमगंधो (उत्त.) १२८० जह नाम सिरिधराओ कोई (सू.नि.) ५३ ।। जह वा नाणाणन्नो (विशे.) ३४३८ जह सुहुमं भाविन्दिय० (विशे.) १०३ जह निषदुमुप्पन्नो (म.प.) ६५५ जह वा निद्दिट्ठवसा (विशे.) १५०८ जह सो पत्ताणुग्गह० (विशे.) ३२४४ जह नियएहिवि सरिसो (विशे.) १७९७ जह वा मणोविदो नत्थि (विशे.) ६८१ जह सोऽवि सप्पएसी (म.प.) ४७९ जहें पच्छिमंमि काले (महा.) १२७ जह वा रायाणत्तं (विशे.) १०६४ जह हथिस्स सरीरं कल- (आचा.) ११० जह परिणयंबगरसो (उत्त.) १२७६ जह वारिमज्झछूढीव्व (आ.नि.)८३७ जहा अंडे जहा बीए (इसि.) ९।९ जह पुव्वद्धअगमणो (म.प.) ४२ जह वा रूवंतरओ (विशे.) ३३७९ जहा अग्गिसिहा दित्ता, (उत्त.) ६२१ जह बहुदव्वो घणवं (विशे.) ५०७ जह वा विसगंडूसं कोई (सू.नि.) ५२ जहा अस्साविणि णावं, (सूत्र.) ५८ जह बालो जंपंतो कज्ज- (म.प.) १०१ जह वा स एव पासाण (विशे.) १८३५ जहा आतवसंतत्तं वत्थं (इसि.) ९।२८ जह बालो जपतो कज्ज- (म.प.) २२४ जह वा सण्णीणमण- (विशे.) ४७६ जहा आसाविणिं नावं, (सूत्र.) ५२६ जह बालो जंपंतो कज्ज- '(आ.प.) ३२ । जह वा सो जहरूवो (विशे.) २३७८ जहाऽऽइन्नसमारुढे, (उत्त.) ३२५ जह बालो जंपंतो कज्ज- (ओष.) ८०२ जह वेगसरीरंमी (विशे.) १९४५ जहा इहं अगणी उण्हो, (उत्त.) ६२९ जह बालो जंपन्तो कज्ज- (महा.) २२ । जह वेयणावसट्टा मरंति (म.प.) ३६१ जहा इहं इमं सीयं, (उत्त.) ६३० जह बीहंति य जीवा (म.प.) ५५५ जह वेलंबगलिंगं जाणं- (आ.नि.)११३७ जहा उ पावगं कम्म, (उत्त.) १०८० जह बूरस्सवि फासो (उत्त.) १२८२ जह वेह कंचणोवल० (विशे.) १८१९ जहाऽऽएसं समुद्दिस्स, (उत्त.) १७८ जह भत्ताइ विसुद्ध (विशे.) २५९६ जह वेह किंचिमलिण० (विशे.) १२२१ जहा करेणुपरिकिण्णे, (उत्त.) ३२६ जह भमरोत्ति य एत्थं (दश.) ९६ जह वोलुगाईणं (विशे.) ११०७ जहा कवोता य कविजला (इसि.) १२२ जह मंगलमिह नाम (विशे.) २७ जह सगलसरिसवाणं (जीवा.)३ जहा कागिणीए हेडं, (उत्त.) १८८ जह मंगलाभिहाणं (विशे.) ५७ जह सगलसरिसवाणं (प्रज्ञा.) ४५ जहा कुक्कुडपोअस्स, . (द.वै.) ३८८ जह मक्कडओ खणमवि (भ.प.) ८४ जह सगलसरिसवाणं (आचा.) १३१ जहा कुम्मे सअंगाई, (सूत्र.) ४२६ जह मज्जंगेसु मओ (विशे.) १६५१ जह समिला पन्भट्ठा (आ.नि.)८३४ जहा कुसग्गे उदयं, (उत्त.) २०० जह मणुआइग्गहणे (विशे.) ३२०७ जह सव्वकामगुणिअं (आ.नि.)९८५ जहा खरो चंदणभारवाही, (आ.नि.)१०० जह मन्ने एअमटुं अम्हे (उ.नि.) ३०४ जह सव्वकामगुणियं (प्रज्ञा.) १७६
जहा खरो चंदणभारवाही (विशे.) ११५८ जह मम ण पियं दुक्खं (अनु.) १२९ जह सव्वकामगुणियं (दे.प.) २९८ जहा खलु से ओरब्भे, (उत्त.) १८१ जह मम न पियं दुक्खं (दश.) १५४
जह सव्वकामगुणियं पुरिसो (औप.) २६ जहा खीरं पधाणं तु (इसि.) ३९
(उत.)
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