Book Title: Agam Padyanam Akaradikramen Anukramanika 01
Author(s): Vinayrakshitvijay
Publisher: Shastra Sandesh Mala
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कोहे माणे य माया के ते जोई के व ते (उत्त.) ३८३ को कारउत्ति भणिए (विशे.) ३४२१ कोवाइविरहियं चिय (विशे.) ३२४९ के ते हरए के य . (उत्त.) ३८५ को कारओ?, करंतो किं (आ.नि.)१०३४ कोवाइ संपराओ (विशे.) १२७७ केम्माभावे य कओ (विशे.) १७८४ को कारओ करितो (विशे.) ३४२० को वा निच्चग्गाहो (विशे.) १९८६ केरिसविउव्वणा? चमर (भग.) २३ को केण समं जायइ? (म.प.) ५८७ को वा निच्चग्गाहो (विशे.) १८४३ केरिसो वा इमो धम्मो, (उत्त.) ८२४ को चरमसमयनियमो- (विशे.) २३१९ को वा विसेसहेऊ (विशे.) १६९८ केलासभवणा एए, (पि.नि.) ४५२ को चरमसमयनियमो- (विशे.) ४२४ को वा से ओसहं देइ, (उत्त.) ६६१ केवइया व विमाणा भवणा (दे.प.) ९ को जाणइ किं भत्तं (विशे.) २३७० को वेएई अकयं? (सू.नि.) ३४ केवलणाणित्ति अहं अरहा (आ.नि.)७५० को जाणइ कि साहू (विशे.) २३५९ कोवो अग्गी तमो मच्चू (इसि.) ३६।३ केवलणाणुवउत्ता जाणंती (औप.) २० । को जाणइ किं सुद्धं (विशे.) २३७१ कोवो वडवागभं च (पि.नि.) भा.३४ केवलणाणेणत्थे गाउं जे (आ.नि.)७८ को जाणइ के तुब्भे (विशे.) २३८५ कोसंबिय जियसेणे धम्म- (आ.नि.)१२८६ केवलनाणं नन्दी (विशे.) ८३७ को जाणइ को सीसो (विशे.) २३७४ कोसंबीए सयाणीओ (आ.नि.)५२० केवलनाणित्तणओ (विशे.) २१३४ को जाणइ व किमेयं (विशे.) १८७२ कोसंबीए सिट्ठी आसी (उ.नि.) ९९ केवलनाणित्ति अहं (विशे.) २१३२ को जाणइ विऊवातं, (सूत्र.) २०७ कोसंबी कासवजसा (उ.नि.) २५३ केवलनाणुवउत्ता जाणंता (प्रज्ञा.) १७० कोट्ठग सभा व पुवि (ओघ.) २०१ कोसंबी चंदसूरोयरणं (आ.नि.)५१७ केवलनाणुवउत्तो जाणंती (आ.नि.)९७८ कोडिपि देमि अज्जेत्ति (उ.नि.) २५७ कोसंबी जण्णदत्तो (उ.नि.) १०८ केवलनाणुवउत्ता जाणंती (दे.प.) २९१ कोडिनकोट्टवीरे (विशे.) २६०९ कोसंबीनयरीए ललिअघडा (सं.प.) ७९ केवलनाणेणऽत्थे (विशे.) ८२९ कोडीकरणं दुविहं (दश.) २४२ कोसंबीनाम नयरी, पुराण- (उत्त.) ६९८ केवलनाणेणऽत्थे नाउं (नन्दी) ६० कोडीकरणं दुविहं उग्गम- (पि.नि.) ४०१ को सडणपडणविकिरिणवि- (त.प.) ९३ केवलमणोहिरहियस्स (विशे.) १८९८ कोडी बाणउत्ती खलु (सूर्य.) ४५ को सद्दहेव सरिसो (विशे.) १७९६ केवलमेगं सुद्धं (विशे.) ८४ कोडी बायालीसा तीसं (सूर्य.) ५० कोसायारं जोणी संपत्ता (त.प.) ११ केवलिणो तिउण जिणं (आ.नि.)५५९ कोडी बायालीसा तीसं (जीवा.) ४४ कोसीकित व्वऽसी तिक्खो (इसि.) ४५।४५ केवलिणो परमोही (च.प.) ३२ कोडीवरिसचिलाए (आ.नि.)१३१० कोहं खमाइ माणं मद्दवया (म.प.) १८९ केवलिपरिसं तत्तो (उ.नि.) ३०१ कोडीसहियमायाम, (उत्त.) १६०९ कोहं च माणं च तहेव (उत्त.) १२२९ केवलियं पडिपुन्नं (विशे.) २६८२ को तीय विणा दोसो (विशे.) १६३३ कोहं च माणं च तहेव (सूत्र.) ३७७ केसनिमित्तं कम्म (विशे.) ३१५५ कोत्थलगारिअघरगं (ओघ.) २९३ कोहं माणं च मायं (द.वै.) ३७१ केसाईउवरयणं उराल- (आ.नि.) भा.१६१ को दव्ववीससाक- (विशे.) ३३५३ कोहं माणं मायं लोहं (दश.) ३०० केसि एवं बुवाणं तु, (उत्त.) ८४४ को दुक्ख पाविजा? कस्स (म.प.) १९७ कोहं माणं मायं लोहं (म.प.) २५८ केसिं च बंधित्तु गले (सूत्र.) ३०९ कोद्दवरालगगामे वसही (पि.नि.) १६२ कोहं माणं माया लोहं (महा.) ६८ केसिंचि इंदिआइं (विशे.) ९१ कोधं जो उ उदीरेइ (इसि.) ३४ कोहं माणं वाऽपीइ० (विशे.) २९६९ केसिंचि तक्काइ अबुज्झ । (सूत्र.) ५७६ कोध-माणपरिण्णस्स (इसि.) ५।५ कोहग्गिदाहसमण (विशे.) १०३६ केसिंचि नाणसण्णा (आचा.)६३ कोधे माणे माया लोभे (स्था.) १५१ कोहमयमायलोभा, उस्सन्नं (त.प.) ५१ केसिंचि हुंतिऽमोहा उ (आ.नि.)१३३६ कोधो बहुविधो लेवो (इसि.) ३६ कोहम्मि उ निग्गहिए (आ.नि.)१०६७ केसीकुमारसमणे, (उत्त.) ८२२ को पढमसमयनारग० (विशे.) २३९६ कोहस्स व माणस्स व (म.प.) १९० केसी कुमारसमणे, (उत्त.) ८२९ कोमुइआ तह संगामिया (विशे.) १४७६ कोहाइकसाया खलु बीयं (म.प.) ३७३ केसी कुमारसमणे, (उत्त.) ८३१ कोरिटधाउवण्णित्थ । (दे.प.) २४६ कोहाइमाणं हणिया य (आ.) ८ केसी गातति मधुरं ? केसी (स्था.) ७३ । कोलाहलगब्भूतं आसी (उत्त.) २३२ कोहाईण विवागं नाऊण (भ.प.) १५१ केसी गायइ महुर केसी (अनु.) ५४ कोल्लइरे वत्थव्वो दत्तो (पि.नि.) ४२७ कोहा वा जइवा हासा, (उत्त.) ९५३ केसीगोअमओ निच्चं, (उत्त.) ९०१ कोल्लयरे वत्थव्वो दत्तो (उ.नि.) १०६ कोहाविद्धा ण याणंति (इसि.) ३६।१५ केसोत्ति जीवधम्मो (विशे.) ३१५६ को वक्खाणावसरे (विशे.) ९३० कोहेण अप्पं डहती परं (इसि.) ३६।१४ कोंकणरूवविउव्वण (ओघ.) भा.२३३ कोवप्पसायरहियं (विशे.) ३२४८ कोहेण नंदमाई निहया (भ.प.) १५३ कोई पढमपाउसंमि (दे.प.) २ कोवप्पसायहेलं (विशे.) ३२५३ कोहे माणे माया लोभे (अनु.) १२४ कोई पुण पावकारी (त.प.) २४ कोवमूलं णियच्छंति (इसि.) ३६।१६ कोहे माणे माया लोभे (प्रज्ञा.) १९५ कोई मंदपयत्तो
(विशे.) ३८० को व समएगदेसो (विशे.) ९२१ कोहे माणे माया लोहे (दश.) २७४ कोऊहल आगमणं संखोभेणं (ओघ.) १९० को व सवणाइकालो (विशे.) ४२६ कोहे माणे य माया (उत्त.) ९११
विशा
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