Book Title: Agam 18 Jambudivapannatti Uvangsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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जंबुद्दीव पन्नसी-१/१२
इक्कं च एगूणवीसइभागे जोयणस्स किचिविसेसाहियं परिक्खवेणं दाहिणड्ढभरहस्स णं भंते वासस्स केरिसए आगारभावपडोयारे० बहुसमरमणि भूमिभागे पत्रते से जहानामए-आलिंगपुक्खरे वा जाव नाणाविहपंचवण्णेहिं मणीहिं तणेहि य उयसोभिए तं जहा - कित्तिमेहिं चेव अकित्तिर्हि चेव दाहिणड्ढभरहे णं भंते वासे मणुयाणं केरिसए आयारभावपडोयारे ० ते णं मणुया बहुसंघयणा बहुसंठाणा बहुउच्चत्तपज्रया बहूई वासाई आउं पालेति पालेत्ता अप्पेगइया निरयगामी अप्पेगइया तिरियगामी अप्पेगइया मणुयगामी अप्पेगइया देवगामी अप्पेगइया सिज्यंति बुज्झति मुचंति परिणिव्वंति सव्वदुक्खाणमंतं करेति 1991-11
(१३) कहि णं भंते जंबुद्दीवे दीवे भरहे वासे वेयड्ढे नामं पव्वए पत्रत्ते गोयमा उत्तरमरहवासस्स दाहिणेणं दाहिणइटभरहवासस्स उत्तरेणं पुरत्थिमलवणसमुद्दस्स पञ्चस्थिमेणं पञ्चस्थिमलवणसमुद्दस्स पुरत्थिमेणं एत्य णं जंबुद्दीवे दीवे भरहे यासे वेयड्ढे नामं पब्वए पत्रत्ते - पाईणपडीणाए उदाणदाहिणविच्छिण्णे दुहा लवणसमुद्दे पुढे-पुरत्थिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिल्लं लवणसमुदं पुढे पच्चत्थिमिल्लाए कोडीए पञ्चत्थिमिलं लवणसमुद्दे पुढे पणवीसं जोयणाई उद्धं उच्चत्तेणं छच्चकोसाई जोयणाई उव्वेहेणं पत्रासं जोयणाई विक्खंभेणं तस्स बाहा पुरत्थि -मपच्चत्थिमेणं चत्तारि अट्ठासीए जोयणसए सोलस व एगूणवीसइभागे जोयणस्स अद्धभागं च आयामेणं पन्नत्ता तस्स जीवा उत्तरेणं पाइणपडीणायया दुहा लवणसमुद्दं पुट्ठा-पुरथिमिल्लाए कोडीए पुरथिमिल्लं लवणसमुदं पुट्ठा पञ्चत्थिमिल्लाए कोडीए पञ्चत्थिमिल्लं लवणसमुद्दे पुट्ठा दस जोयणसहस्साइं सत्त य बीसे जोयसर दुवास य एगूणवीसइभागे जोयणस्स आयामेणं तीसे धणुपडं दाहिणेणं दस जोयणसहस्साइं सत्त य तेयाले जोयणसए पत्ररस य एगूणवीसइभागे जोयणस्स परिक्खेवेणं रुयगसंठाणसंठिए सव्वरययामए अच्छे सण्हे लहे पट्टे मठ्ठे नीरए निम्मले निष्यंके निक्कंकडच्छाए सप्पभे समिरीए पासाईए दरिसणिजे अभिरूचे पडिरूवे उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहिय चणसंडेहि सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते ताओ णं पउमवरवेइयाओ अद्धजोयणं उद्धं उच्चत्तेणं पंचधसयाई विक्खंभेणं पव्ययसमियाओ आयामेणं वण्णओ भाणियव्वो ते णं वणसंडा देसूणाई दो जोषणाई बिक्खंमेणं पउमवरवेइयासमगा आयामेण किण्हा किण्होमासा जाव वण्णओ, वेदस्स णं पव्ययस्स पुरत्थिम-पद्यत्थिमेणं दो गुहाओ पत्रताओ - उत्तरदाहिणाययाओ पाईणपडीवित्थिण्णाओ पन्नासं जोयणाई आयामेणं दुवालस जोयणाई विक्खंमेणं अष्ठ जोयणाई उद्ध उत्तेणं वइरामयकवाडोहाडिआओ जमलजुयलकवाडघणदुष्पवेसाओ निबंधयारतिमिस्साओ ववगयगहचंदसूरक्खत्तजोइयसपहाओ जाव पडिरूवाओ तं जहा तिमिसगुहा चेव खंडप्पवायगुहा चेय तत्य ं दो देवा महिड्ढिया जाव महाणुभागा पनि ओवमट्टिईया परिवसंति तं जहाकयमालए चेय नट्टमालए चेव तेसि णं वणसंडाणं बहुसमरणिजाओ भूमिभागाओ वेयड्ढस्स पव्ययस्स उभओ पासिं दस-दस जोयणाई उड्ढं उप्पइत्ता एत्थ णं दुवे विज्जाहरसेटीओ पत्रत्ताओपाईणपडीणाययाओ उदीणदाहिणविच्छिण्णाओ दस-दस जोयणाई विक्खंभेणं पव्यइसमियाओ आयामेणं उभओ पासिं दोहिं पउभवरवेइयाहिं दोहि य वनसंडेहिं संपरिकुखत्ताओ ताओ णं पउमवरवेइयाओ अद्धजोयणं उटं उद्यत्तेणं पंच धणुसयाई विक्खंभेणं पव्वयसमियाओ आयामेणं वण्णओ नेयव्यो वणसंडावि पउमबरवेश्यासमगा आयामेणं वण्णओ विजाहरसेदीणं मं भूमीण के रिसए आगारभावपडोयारे गोयमा बहुसमरमणि भूमिभागे पत्रत्ते से जहानामए
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