Book Title: Agam 18 Jambudivapannatti Uvangsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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जंबुदीव पन्नती - ७/२९४
(२९४) विजयाय वेजयंति जयंति अपराजिया य इच्छा य समाहारा चैव तहा तेया य तहेव अइतेया
॥९६॥-2
(२१५) देवानंदा निरई रयणीणं नामधेज्जाई, एयासि णं भंते पत्ररसण्डं राईणं कइ तिही पत्रत्ता गोयमा पत्ररस तिही पत्रत्ता तं जहा- उग्गवई भोगवई जसवई सव्वसिद्धा सुहाणामा पुणरविउग्गवई भोगवई जसवई सव्वसिद्धा सुहाणामा पुणरवि उग्गवई भोगवई जसवई सव्वसिद्धा सुहणामा एवं एए तिगुणा तिहीओ सव्वेसिं राईणं एगमेगस्स णं मंते अहोरत्तस्स कइ मुहुत्ता पत्रत्ता गोयमा तीस मुहुत्ता पत्रत्ता [ तं जहा ] - 19५३1-152
(२९६) रोद्दे सेए मित्ते वाउ सुपीए तहेव अभिचंदे माहिंद बलव बंभे बहुसच्चे चेव ईसाणे
(२९७) तद्वेय भावियप्पा वेसमणे वारुणे य आणंदे विजए य वीससेणे पायायचे उयसमे य
( २९८ ) गंधवा अग्गिवेसे सयवसहे आयवं य अममे य, अणवं मोमे च रिसेहे सव्वठ्ठे रक्खसे चेय
॥९९॥-3
(२९९) कइ णं भंते करणा पत्रत्ता गोयमा एक्कारस करणा पन्नत्ता तं जहा बवं बालवं कोलवं श्रीविलोयणं गराइ वणिजं विट्ठी सउणी चउप्पयं नागं किंधुग्धं एएसि णं मंते एक्कारसं करणा कइ करणारा कइ करणा थिरा० सत्त करणा चरा चत्तारि करणा थिरा पन्नत्ता तं जहाad बालवं कोलवं यीविलोयणं गराइ वणिजं विट्ठी-एए णं सत्त करणा चरा चत्तारि करणा थिरा० सउणी चउप्पयं नागं किंथुग्धं एए गं चत्तारि करणा थिरा, एए णं भंते चरा थिरा वा कया भवंति गोयमा सुक्कपक्खरस पडिवाए राओ बवे करणे भवइ बिइयाए दिवा बालवे करणे भवइ राओ कोलवे करणे भवइ तइयाए दिवा थीविलोयणं करणं भवइ राओ गराई करणं भवइ चउत्थीए दिवा वणिजं राओ विट्ठी पंचमीए दिवा बवं राओ बालवं छट्टीए दिवा कोलवं राओ थीविलोयणं सत्तमीए दिवा गराइ राओ वणिजं अट्ठमीए दिया विट्ठी राओ बवं नवमीए दिवा बालवं राओ कोलवं दसमीए दिवा थीविलोयणं राओ गराइ एक्कारसीए दिवा बणिजं राओ विट्ठी बारसीए दिया बवं राओ बालवं तेरसीए दिवा कोलवं राओ यीविलोपणं चउद्दसीए दिया गराइ करणं राओ वणिजं पुण्णिमाए दिवा विट्ठी करणं राओ बवं करणं भवइ बहुलपक्खस्स पडिवाए दिवा बालवं राओ कोलवं बिइयाए दिवा थीविलोपणं राओ गराइ तइयाए दिवा वणिजं राओ विट्ठी चउथीए दिवा बवं राओ बालवं पंचमी दिवा कोलयं राओ थिवीलोयणं छट्टीए दिवा गराइ राओ वणिजं सत्तमीएदिवा विट्ठी राओ बवं अमीए दिया बालवं राओ कोलवं नवमीए दिवा थीविलोयणं राओ गराइ दसमीए दिवा वणिजं राओ विट्टी एक्कारसीए दिवा ववं राओ वालवं बारसीए दिवा कोलवं राओ थीविलोयणं तेरसीए दिवा गराइ राओ वणिजं चउद्दसीए दिवा विट्ठी राओ सउणी अमावसाए दिवा चउप्पयं राओ नागं सुक्क पक्खस्स पडिवाए दिवा किंथुग्धं करणं भवइ । १५४+153
(३००) किमाइया णं भंते संवच्छरा किमाइया अयणा विमाइया उऊ किमाइया मासा किमाइया पक्खा किमाइया अहोरत्ता किमाइया मुहुत्ता किमाइया करणा किमाइया नक्खत्ता पन्नत्ता गोयमा चंदाइया संवच्छरा दक्खिणाइया अयणा पाउसाइया उऊ सावणाइया मासा बहुलाइया पक्खा दिवसाइया अहोरत्ता रोद्दाइया मुहुत्ता बालवाइया करणा अभिजियाइया नक्खत्ता पत्ता
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