Book Title: Agam 18 Jambudivapannatti Uvangsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 124
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir बलारो-७ ११५ सोलसंगुलपोरिसीएछायाए सूरिए अनुपरियष्व तस्सणं मासस्स चरिमे दिवसे तिष्णि पयाई बत्ताति यअंगुलाइंपोरिसी भवइ हेमंताणंभंते पढममासंकइनक्खत्ताणेति गोयमातिणि तंजहा-कत्तिया रोहिणी मिगसिर कत्तिया चउद्दस रोहिणी पन्नरस मिगसिरं एग अहोरत्तं नेइ तंसि च णं मासंसि चीसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरियट्ट तस्स णं मासस्स जेसे चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि तिण्णि पयाई अट्ठ य अंगुलाई पोरिसी पवइ हेमंताणं मंते दोघं मासं कइ नक्खत्ता ऐति गोयमा चत्तारि नक्खत्ताणेति तं जहा-मिगसिरं अदा पुणव्वसू पुस्सो मिगसिरं चउद्दस्स राइंदियाई नेइ अद्दा अट्ठ नेइ पुणव्वसू सत्त राईदियाई पुस्सो एग राइंदियं नेइ तया णं चउव्वीसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरियट्टइतस्सणंमासस्सजेसे चरिमे दिवसे तंसि चणं दिवसंसि लेहट्ठाई चत्तारि पयाई पोरिसी भवइ हेमंताणं भंते तचं मासं कइ नक्खत्ता णेति गोयमा तिणि तं जहा-पुस्सी असिलेसा महा पुस्सो चोइस राइंदियाईनेइ असिलेसा पन्नास महाएक्कं तयाणं वीसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरियट्टइ तस्सणं मासस्स जेसे चरिमे दिवसे तसिचणं दिवसंसि तिणि पयाई अटुंगुलाई पोरिसी भवइ हेमंताणं भंते चउत्थं मासं कइ नक्खत्ता ऐति गोयमा तिण्णि नक्खता तं जहा-महा पुव्वाफग्गुणी उत्तराफग्गुणी महा चउद्दस राइंदियाई नेइ पुवाफग्गुणी पन्नरस राइंदियाई नेइ उत्तराफग्गुणी एगराइंदियं नेइ तयाणं सोलसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरियइ तस्सणं पासस्स जेसे चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि तिण्णि पयाइं चत्तारि य अंगुलाई पोरिसी मबई गिम्हाणं भंते पढमं मासं कइ नखत्ता ऐति गोयमा तिणि नक्खत्ता णेति तं जहा उत्तराफग्गुणी हत्थो चित्ता उत्तराफागुणी चउद्दस राइंदियाई नेइ हत्थो पन्नरस राइंदियाई नेइ चित्ता एग्राइंदियं नेइ तयाणंदुवालसंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरियइ तस्सणं मासस्सजेसे चरिमे दिवसे तंसिच णं दिवसंसि लेहटाई तिण्णि पयाई पोरिसी भवइ गिम्हाणं भंते दोघं मासं कइ नक्खताणेति गोयमा तिणि नक्खत्ता णेति तं जहा-चित्ता साई विसाहा चत्ता चउद्दस राइदियाई नेइ साई पत्ररस राइंदियाइं नेइविसाहा एगराइंदियं नेइ तयाणं अटुंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरियह तस्स णं मासस्स जेसे चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि दो पयाई अटुंगुलाई पोरिसी पवइ गिम्हाणं मंते तचं मासं कई नक्खत्ता णेति गोयमा चत्तारि नक्खत्ता णेति तं जहा-विसाहा अनुराहा जेट्ठा मूलो विसाहा चउद्दस राईदियाई नेइ अनुराहा अट्ट राइंदियाइं नेइ जेट्ठा सत राईदियाई नेइ मूलो एक्कं राइंदिवं नेइ तया णं चउरंगुलपोरिसीए छायाए सूरिए अनुपरियष्टइ तस्स णं मासस्स जेसे चरिमे दिवसे तंसिचणं दिवसंसि दो पयाईचत्तारिय अंगुलाईपोरिसी मवइ गिम्हाणं मंते चउत्य मासं कर नक्खत्ता ऐति गोयमा तिण्णि नक्खत्ता ऐति तं जहा-मूलो पुव्वासाढा उत्तरासाढा मूलो चउद्दस राईदियाई नेइ पुव्वासादा पत्ररस राइंदियाई नेइ उत्तरासाढा एगं राइंदियं नेह तया णं वटवाए समचउरंससंठाणसंठिए नग्गोहपरिमंडलाए सकायमणुरंगियाए छायाए सूरिए अनुपरियट्टइ तस्स णं मासस्स जेसे चरिमे दिवसे तंसि च णं दिवसंसि लेहवाई दो पयाई पोरिसी पवइ एएसि णं पुव्ववणियाणं पयाणं इमासंगहणी[तंजहा १६३२-182 (३३३) जोगो देवय तारग्ग गोत्त संठाण चंदरविजोगो कुल पुत्रिम अवमंसा नेया छाया य बोद्धदा ॥१२०।-1 (३५) हिहिं ससिपरिवारो मंदरबाहा तहेव लोगते धरणितताउ अवाहा अंतो याहि च उड्ढमहे 11१२१11-2 For Private And Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 122 123 124 125 126 127 128 129 130