Book Title: Agam 18 Jambudivapannatti Uvangsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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जंबुद्दीवपन्नत्ती-३/१२१
गरसरिच्छं विजय खंघाचारनिवेषं करेइ करेत्ता वड्ढइरयणं सद्दावेइ सद्धावेत्ता जाव पोसहसालं अनुपचिसइ अनुपविसित्ता विणीयाए रायहाणीओ अट्ठमभत्तं पगिण्हइ पगिव्हित्ता [पोसहसालाए पोसहिए बंभयारी उम्मुक्कमणिसुवण्णे चचगयमालावण्णगविलेवणे निक्खित्तसत्थमुसले
संथारो गए एगे अबीए) अट्ठममत्तं पडिजागरमाणे- पडिजागरमाणे विहरइ तए णं से भरहे राया अट्टममत्तंसि परिणममाणंसि पोसहसालाओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ता कोडुंबियपरिसे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं वयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया अभिसेक्कं हत्थिरयणं पडिकप्पेह जाव तहेव अंजगणिरिकूडसण्णिभं गयवई नरवई दुरुढे तं चैव सव्वं जहा हेट्ठा नवरिं नच महाणिहिओ चत्तारि सेणाओ णं पविसंति सेसो सो चेव गमो जाव निग्घोसणाइवरवेणं विणीयाए रायहाणीए
मझेणं जेणेव सए गिहे जेणेव भवणवरडेंस-गपडिदुवारे तेणेव पहारेत्थ गमणाए ते णं तस्स भरहस्स रण्णो विणियं रायहाणि मज्झंमज्झेणं अनुपविसमाणस्स अप्पेगइया देवा विणीयं रायहाणि सव्यंतबाहिरियं आसियसंमजिओवतित्तं करेति अप्पेगइया मंचाइमंचकलियं करेति अप्पेगइया नाणाविहरागवसणुस्सियधयपडागाइ - पडागापंडितं करेति अप्पेगइया लाउल्लोइयमहियं करेति अप्पेगइया गोसीससरसरत्तदद्दर- दिण्णपंचंगुलितलं जाव गंधवट्टिभूयं करेति अप्पेगइया हिरण्णवासं वासंति अप्पेगइया सुवण्ण-रयण-बइर - आभरणयासं वासंति तए णं तस्स मरहस्त रण्णी विणीयं रायहाणि मज्झमज्झेणं अनुपविसमाणस्स सिंघागड [तिग- चउक्क चार-चउम्मुह]महापह-पहेसु बहवे अस्थिया कामत्थिया भोगत्थिया लाभत्थिया इड्डिसिया किब्बसिया कारोडिया कारभारिया संखिया चक्किया नंगलिया मुहमंगलिया पूसमाणया वद्धमाणया लेखमंखमाइया ताहि ओरालाहिं इडाहिं कंताहिं पियाहिं मणुष्णाहिं मणामाहिं सिवाहिं धग्णाहिं मंगल्लाहिं सस्सिरीयाहिं हिययगमणिजाहिं हिययपत्हायणिजाहिं वग्गूहिं अणवरयं अभिनंदता य अभिधुणंता य एवं वयासी जय-जय नंदा जय-जय भद्दा जय-जय नंदा भद्दं ते अजियं जिणाहि जियं पालयाहिं जियमज्झे बसाहि इंदो विव देवाणं चंदो विव ताराणं चमरो विव असुराणं धरणो दिव नागाणं बहूई पुव्वसयसहस्साइं बहूईओ पुय्वकोडीओ बहूईओ पुव्यकोडाकोडीओ विणीयाए रायहाणीओ चुल्लहिमवंत गिरिसागरमेरागस्स य केवलकप्पस्स भरहस्ल वासस्स गामागर-नगर-खेड-कब्बडपडंब - दोणमुह-पट्टणासम-सण्णिवेसेसु सम्मं पयापालणोवजियलद्धजसे महया ( हयन - गीयवाइय-तंती-तल-ताल-तुडिय घण-मुइंग-पडुप्पवाइयरवेणं विउलाइंभोगभोगाई भुंजमाणे आहोवचं पोरेवचं सामित्तं मट्टित्तं महत्तरगत्तं आणा - ईसर-सेणायचं कारेमाणे पालेमाणे ] विहराहित्तिकटु जयजयसद्दं पउंजंति तए णं से भरहे राया नयणमालासहस्सेहिं पेच्छिमाणे-पेच्छिमाणे वयणमालासहस्सेहिं अभियुव्यमाणे- अभिधुव्वभामे हिययमालासहस्सेहिं उण्णदिज्रमाणे-उष्णं दिज्जमाणे मणोरहमालासहस्सेहिं विच्छिष्पमामे विच्छिष्पमामे कंतिरूवसोहग्गगुणेहिं पत्थिज्रमाणेपत्विज्रमाणे अंगुलियमालासहस्सेहिं दाइजमाणे- दाइजमाणे दाहिणहत्येणं बहूणं नरनारीसहस्साणं अंजलिमालासहस्साइं पडिच्छमाणे- पडिच्छमाणे भवणपतिसहस्साइं समइच्छमाणे समइच्छमाणे तंती- तल-ताल-तुडिय - गीय-वाइयरवेणं मधुरेणं मणहरेणं मंजुमंजुणा घोसेणं अपडिबुज्झमाणेअपडिबुज्झमाणे जेणेव सए गिहे जेणेव सए प्रवणचरवडेंसयदुवारे तेणेव उबागच्छ भवणवरवंडेंसयदुवारे आभिसेक्कं हत्थिरयणं ठवेइ ठवेत्ता आभिसेक्काओ हस्थिरयणाओ पचोरुहइ पचोरुहित्ता सोलस देवसहस्से सकुकारेइ सम्भाणेइ सक्कारेत्ता सम्माणेता बत्तीसं रायसहस्से
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