Book Title: Agam 18 Jambudivapannatti Uvangsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 88
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir क्षारो-४ ७९ विप्प वक्खारपव्वए गोयमा विजुप्पमे णं यक्खारपव्वए विजुमिव सव्वओ समंता ओभाइ पभासद विप्प य इत्य देवे महिड्डीए जाव परिवसइ से एएणद्वेणं गोयमा एवं वुइविज़ुष्पभे-विजुष्पमे अदुत्तरं चणं जाव निघे ।१०२।-101 (१८७) एवं पम्हे विजए अस्सपुरा रायहाणी अंकावई वक्खारपव्वए सुम्हे विजए सीहपुरा रायहाणी खीरोदा महानई महापम्हे विजए महापुरा रायहाणी पम्हावई वक्खारपव्यए पम्हगावई विजए विजयपुरा रायहाणी सीहसोया महानई संखे विजए अवराइया रायहाणी आसींविसे वक्खारपञ्चए कुमुदे विजए अरजा रायहाणी अंतोवाहिणी महानई नलिने विजए असोगा रायहाणी सुहावहे वक्खारपव्वए सलिलावई विजए वीयसोगा रायहाणी दाहिणिल्ले सीतोदामुहयनसंडे उत्तरिस्लेयि एमेय भाणियच्चे जहा सीयाए बम्पे विजए विजया रायहाणी चंदे वक्खारपच्चए सुवप्पे विजए वेजयंती रायहाणी ओम्निमालिणी नई महावप्पे विजए जयंति रायहाणी सूरे बक्खारपव्वए वप्पायई विजए अपराइया रायहाणी फेणमालिणी नई वग्गू विजए चक्कपुरा रायहाणी नागे वक्खारपब्वए सुवग्गू विजए खग्गपुरा रायहाणी गंभीरमालिणी अंतरनई गंधिले विजए अवज्झा रायहाणी देवे बक्खारपव्यए गंधीलावई विजए अओझा रायहाणी एवं मदरस्स पव्वयस्स पञ्चत्थिमिल्लं पासं भाणियच्वं तत्थ ताव सीतोदाए नईए दक्खिणिले णं कूले इमे विजया [तं जहा ] - 1903-91-102-1 (१८८) पम्हे सुरम्हे माहपम्हे चउत्थे पम्हगावई संखे कुमु नलिणे अट्ठमे नलिणावई (१८९) आसपुरा सीहपुरा महापुरा चैव हवइ विजयपुरा ६१-1 अचराइयाय अश्या असोग तह वीयसोगा य ॥६२॥-1 (१९० ) इमे वक्खारा तं जहा अंके पम्हे आसीविसे सुहावहे एवं इत्य परिवाडीए दो-दो विजया कूडसरिणामया भाणियव्वा दिसा विदिसाओ व भाणियव्याओ सीयोयामुहवणं घ भाणियव्वं सीतोदाए दाहिणिल्लं उत्तरिल्लं च सीतोदाए उत्तरिल्ले पासे इमे विजया ।१०३-२1-102-2 ( १९१ ) दप्पे सुवप्पे महावप्पे चउत्थे वप्पागावई वग्गू य सुवग्गू या गंधिले गंधिलावई (१९२) विजया य वेजयंती जयंति अपराजिया For Private And Personal Use Only ॥६३॥ ॥६४॥ चक्कपुरा खागपुरा हवइ अवज्झा अओज्झा य (१९३) इमे वक्खारा तं जहा - चंदपव्यए सूरपव्यए नागपव्वए देवपव्यए सीयोयाए महाण'ईए दाहिणिल्ले कूले- खीरोया सीहसोया अंतोवाहिणीओ नईओ उम्निमालिणी फेणमालिणी गंभीरमालिणी उत्तरल्लविजयाणंतराओ इत्य परिवाडीए दो-दो कूडा विजयसरिसणामया भाणि यव्या इमे दो-दो अवट्टिया तं जहा- सिद्दाययणकूडे पव्वयसरिसणामकूडे ११०३ -102 ( १९४) कहि णं भंते जंबुद्दीवे दीवे महाविदेहे वासे मंदरे नामं पव्यए पत्ते गोयमा उत्तरकुराए दक्तिणेणं देवकुराए उत्तरेणं पुव्वविदेहस्स वासस्स पञ्चत्थिपेणं अवरविदेहेस्स वासस्स पुरत्थिमेणं जंबुद्दीवस्स दीवस्स बहुमज्झदेसभाए एत्य णं जंबुद्दीवे दीवे मंदरे नामं पव्यए पत्रत्तेनवणउतिजोयणसहस्साई उड्द्धं उच्चतेणं एवं जोयणसहस्सं उब्वेहेणं मूले दसजोयणसहस्साई नवई च जोयणाई दस य एगारसभाए जोयणस्स विक्खंभेणं धरणितले दस जोयणसहस्साई विक्खंभेणं तयणंतरं चणं मायाए-मायाए परिहायमाणे- परिहायमाणे उवरितले एगं जोयणसहस्सं विक्खंभेणं

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