Book Title: Agam 18 Jambudivapannatti Uvangsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 105
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org १६ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जंबुद्दीय पन्नत्ती-५/२४३ स्सेहप्पमाणमेत्तं ओहिनिगरं करेत्ता चंदप्पम - रयण-वहर-वेरुलियविमलदंडं कंतणमणि-रयणमत्तिचित्तं कालागरु-पवरकुंदुरुक्क तुरुक्क-धूवगंधुत्तमाणुविद्धं च धूमवद्धिं विणिम्पुयंतं वेरुलिमयंक डुच्छ्रयं पग्गहेतु पयते धूवं दाऊण जिणवरिंदस्स सतट्ठपयाई ओसरिता दसंगुलियं अंजलि करिय मत्ययसि पयओ अट्ठसयलिसुद्धगंधजुतेहिं महावितेर्हि अपुणरुतेहिं अत्यजुत्तेर्हि संयुणइ संयुणित्ता वामं जाणुं अंबेड़ अंचेत्ता जाय एवं वयासी - नमोत्यु ते सिद्ध बुद्ध नीरय समण समाहिय समत्त समजोगि सलगतण निष्भय नीरागदोस निम्मम निस्संग नीसल्ल माणमूरण गुणरयण सीलसागरमणंतमप्पमेय भविय धम्मवरचाउरंतचक्कवट्टी नमोत्यु ते अरहओत्तिकट्टु वंदइ नमसइ वंदित्ता नर्मसित्ता नचासपणे नारे सुस्सूसमाणे जाव पजुवासइ एवं जहा अच्चुयस्स तहा जाव ईसाणस्स भाणियव्वं एवं भवणइ - वाणमंतर - जोइसिया य सूरपजवसाणा सएणं-सएणं परिवारेणं पत्तेयं - पत्तेयं अभिसिंचंति ते णं से ईसाणे देविंदे देवराया पंच ईसाणे विउव्बिई विउव्वित्ता एगे ईसाणे भगवं तित्ययरं करयलपुडेणं गिन्हइ गिण्हित्ता सीहासणवरगए पुरत्याभिमुते सण्णिसणे एगे ईसा पिट्टओ आयवत्तं धरेइ दुवे ईसाणा उभओ पासिं चामरुक्खेवं करेति एगे ईसाणे पुरओ सूलपाणी चितए णं से सक्के देविंदे देवाराया आभिओगे देवे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एसोवि तह चेय अभिसेयाणत्ति देइ तेवि तए चेव उवर्णेति तए णं से सक्के देविंदेदेवराया भगवओ तित्थयरस्स चउद्दिसि चत्तारि धवलवसमे विउव्वेइ- सेए संखतल- विमल-निम्मल-दधिषण- गोखीर- फेण-रययनिगरष्पगासे पासाईए दरिसणिजे अभिरूवे पडिलवे तए णं तेसिं चउण्हं धवलवसभाणं अट्ठहिं सिंहिंतो अट्ठ तोयधाराओ निग्गच्छंति तए णं ताओ अट्ट तोयधाराओ उड्ढं वेहासं उप्पयंति उप्पइत्ता एगओ पिलायंति मिलाइता भगवओ तित्ययरस्स मुद्धाणंसि निवयंति तए णं से सक्के देविंदे देवराया चउरासीईए सामाणियसाहस्सीहिं एवस्सवि तहेव अभिसेओ माणियत्वो जाव अरहओत्तिकट्टु बंदइ नमसइ जाब पजुवासइ ११२३1-122 (२४४) तए णं से सक्के देविंदे देवराया पंच सक्के विउव्वइ विउव्वित्ता एगे सक्के भयवं तिस्थयरं करपलपुडेणं गिन्हइ एगे सक्के पिट्टओ आयवत्तं धरेइ दुवे सक्का उभओ पासिं चामरुक्खेवं करेंति एगे सक्के वज्रपाणी पुरओ पकडूढइ तए णं से सक्के देविंदे देवराया चउरासीईए सामाणियसाहस्सीहिं जाव अण्णेहि य वहूहिं भवणवइ-वाणमंतर - जोइस-वेमाणिएहिं देवेहिं देवीहिय सद्धिं संपरिवुडे सव्विड्ढीए जाब दुंदुहिणिग्धोसणाइयरवेणं ताए उक्किट्ठाए जाव देवगईए बीईवयवमाणे जेणेव भगवओ तित्ययरस्त जम्मणनयरे जेणेव भगवओ तित्ययरस्स जम्मणभवणे जेणेव तित्थयरमाया तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता भगवं तित्ययरं माऊए पासे ठवेइ ठवेत्ता तित्थयरपडिरूवगं पडिसाहरइ पडिसाहरिता ओसोवणि पडिसाहरइ पडिसाहरिता एवं महं खोमजुयलं कुंडलजुयलं च भगवओ तित्ययस्स उस्सीसगमूले ठवेइ ठवेत्ता एवं महं सिरिदामगंड तवणिज्जलंबूसगं सुवण्णपयरंगमंडियं नानामणिरयणविविहहारद्धहारउवसोहियसमुदयं भगवओ तित्ययस्स उल्लीयंसि निक्खिव तण्णं भगवं तित्ययरे अणिमिसाए दिडीए देहमाणे- देहमाणे सुहंसुहेणं अभिरममाणे- अभिरममाणे चिट्ठइ तए णं से सक्के देविंदे देवराया वेसमणं देवं सद्दाये सद्दावेत्ता एवं बयासी-खिप्पामेब भो देवामुप्पिया बत्तीसं हिरण्णकोडीओ बत्तीसं सुवण्णकोडीओ बत्तीसं नंदाई बत्तीसं भद्दाई सुभगे सोभग्ग रूव-जोव्वण-गुण-लावण्णे य भगवओ तित्ययरस जम्मणभवणंसि साहराहि साहरित्ता एयमाणत्तियं पञ्चष्पिणाहिं तए णं से वेसपणे देवे सक्केणं जाव For Private And Personal Use Only

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