Book Title: Agam 18 Jambudivapannatti Uvangsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 63
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org • Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir r जंबुद्दीव पन्नत्ती-३/१२२ गंधिएहिं गंधेर्हि गायाई भुकंडेतिं दिव्यं च सुमणदामं पिणद्धेति किं बहुणा गंधिम-वेढिम- [पूरिमसंघाइमेणं चव्विहेणं मल्लेणं कप्परुक्खयं पिव अलंकिय] - विभूसियं करेति तए णं से भरहे राया महया-महया रायाभिसेएणं अभिसिंचिए समाणे कोडुंबियपुरिसे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं बयासीखिप्पामेय मो देवाणुपिया हत्थिखंधवरगया विणीयाए रायहाणीए सिंधाडग-तिग- चउक्क-चच्चरचउम्मुल - महापह-पहेसु महया-महया सद्देणं उग्घोसेमाणा उग्धोसेमाणा उस्सुक्कं उक्करं उकिकट्ठे अदिचं अमिज्जं अमडप्पवेसं अदंडकोदंडिमं [अघरिमं गणियावरणाडइञ्जकलियं अणेगतालायराणुचरियं अनुद्धयमुइंगं अमिलायमल्लदामं पभुइयपक्कीलिय]-सपुरजणजाणवयं दुवालस संवच्छरियं पमोयं घोसेह घोसेत्ता ममेयमाणत्तियं पचप्पिणह तए णं ते कोडुंबियपुरिसा भरणं रण्णा एवं वुत्ता सपाणा हतुचित्तमाणंदिया नंदिया पीइमणा परमसोमस्सिया हरिसवसविसप्पमाणहियया विणएणं वयणं पडिसुणेति पडिसुणेत्ता खिप्यामेव हत्थिखंधवरगया [विणीयाए रायहाणीए सिंघा - डग-तिग- चउक्क चञ्चर-चउम्मुह महापह-पहेसु महया - महया सद्देणं उग्यो- सेमाणा - उच्धोसेमाणा उस्सुक्कं उक्करं उक्कट्टं अदिजं अमिजं अभडम्पवेसं अंदडकोदंडिमं अधरिमं गणियावरणाडइज्जकलियं अणेगतालायराणुचरियं अनुद्धयमुइंगं अमिलायमल्लदामं पमुइयपक्कीलियसपुरजण जाणवयं दुबालससंवच्छरियं पमोयं] घोसंति घोसित्ता एयमाणत्तियं पचप्पिणंति तए णं से मरहे राया महया - महया रायभिसेएणं अभिसित्ते समाणे सीहासणाओ अब्मुइ अब्भुट्टेत्ता हत्थिरयणेणं [बत्तीसाए उडुकल्लाणिया सहरसेहिं बत्तीसाए जणवय कल्लाणियासहस्सेहिं बत्तीसाए बत्तीसइवद्धेहिं] नागसहस्सेहिं सद्धिं संपरिवुडे अभिसेवपीढाओ पुरत्यिमिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पञ्चोरुहर पञ्चोरुहित्ता अभिसेयमंडवाओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ता जेणेव अभिसेक्के हस्थिरयणे तेणेव उवागच्छइ उवागच्छिता अंजणगिरिकूइसणिभं गववई नरवई दुरुढे तए णं तस्स भरहस्स रणो बत्तीसं रायसहस्सा अभिसेयपीढाओ उत्तरिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पचोरुहंति तए णं तस्स भरहस्त रण्णो सेणावइरयणे [गाहावइरयणे बड्ढइरपणे पुरोहियरयणे तिणि सडे सूयसए अट्ठारस सेणि-प्पणीओ य बहवे राईसर-तलवर- माटुंबिय - कोटुंबिय इब्भ-सेट्ठि-सेणावइ] - सत्यवाहम्पभिइओ अभिसेयपीढाओ दाहिणिल्लेणं तिसोवाणपडिरूवएणं पञ्च्चोरुहंति तए णं तस्स भरहस्स रण्णो आभिसेक्कं हत्थिरयणं दुरुदस्स समाणस्स इमे अट्ठट्टमंगलगा पुरओ अहाणुपुब्बीए संपट्टिया जच्चिय अइगच्छमाणस्स गमो पढमी कुबे- रावसाणो सो चेव इहंपि कमो सस्कारजढो नेयव्यो जाव कुबेरोव्व देवराया केलासं सिहरिसिंभूयं तए णं से भरहे राया मज्जणघरं अनुपविसइ अनुपदिसित्ता जाव भोयणमंडवंसि सुहासणवरगए अट्ठमभत्तं पारेइ पारेत्ता भोयणमंडवाओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ता उपि पासायवरगए फुट्टमाणेहिं मुइंगमत्यएहिं [ बत्तीसइबद्धेहिं नाडएहिं बरतरुणी संपउत्तेहिं उबलालिज्रमाणे उव- लालिमाणे उवणविज्रमाणे उवणविज्ञमाणे उबगिज्जमाणे-उयगिजमागे महयाहयणट्ट-गीय - बाइय-तंती - तल-ताल-तुडिय-वण-पुइंगपडुप्पवाइयरवेणं इट्ठे सद्दफरिसरसरूवगंधे पंचविहे माणुस्सए कामभोगे] भुंजमाणे विहरइ तए गं से भरहे राया दुवालससंयच्छरियंसि पमोयंसि निव्वतंसि समाणंसि जेणेव मणघरे तेणेव उवागच्छइ उबागच्छित्ता जाव मज्जणधराओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ता जेणेव बाहिरिया उवद्वाणसाला जेणेव सीहासणे तेणेच उपागच्छति उवागच्छित्ता सीहासणवरगए पुरस्थाभिमुहे निसीयइ निसीइता सोलस देवसहस्से सक्कारेइ सम्माणेइ सक्कारेता सम्माणेत्ता पडिविसज्जेइ पडिविसजेता बत्तीसं For Private And Personal Use Only

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