Book Title: Agam 18 Jambudivapannatti Uvangsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 79
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जंबुद्दीव पन्नती-४/१४५ यण्णओसपणियाणं उत्तरपुरस्थिमे दिसिमाए खुडगमहिंदझया मणिपेढियाविहूणामहिंदज्झयप्पमाणा तेसिं अवरेणं घोप्पाला पहरणकोसा तत्य णं बहवे फलिहरयणपाभोक्खा जाव चिट्ठति सुहम्पाणं उप्पिं अट्ठमंगलगा तासिणंउत्तरपुरस्थिमेणं सिद्धायतणा एसेव जिनपराणविगमोनवरंइमंनाणतं-एतेसिणंबहुमझदेसभाएपत्तेयं-पत्तेयं मणिपेढियाओ दो जोयणाईआयाम विक्खंभेणं जोयणं बाहल्लेणं तासि उप्पिं पत्तेयं-पत्तेयं देवच्छंदया पन्नत्ता-दो जोयणाई आयाम-विक्खंभेणं साइरेगाइंदोजोयणाई उड्ढं उच्चत्तेणं सव्वरयणामया जिनपडिमा वण्णओ जाव धूयकडुच्छुगा एवंचेव अवसेसाणविसमाणंजाय उववायसमाए सयणिशंहरओय अभिसेयसभाए बहू आभिसेक्के भंडे अलंकारियसभाए यह अलंकारियमंडे चिट्ठइ ववसायसपासु पोत्ययरयणा नंदा पुस्खरिणीओ बलिपेढा दो जोयणाई आयाम-विक्खंभेणंजोयणं बाहल्लेणं [जाव] |८९1-88 (१४४) उववाओ संकप्पो अभिसेय विहूसणाय ववसाओ । अन्चणियसुधम्मगमो जहा य परिवारणाइड्ढी १४२।। -1 (१४५) जावइयंमि पमाणंमि तिजमगाओ नीलवंताओ तावइयमंतरं खलु जमगदहाणं दहाणंच ॥४३||-2 (१४६) कहि णं भंते उत्तरकुराए कुराए नीलवंतबहे नामं दहे गोयमा जमगाणं दक्खिणिलाओ चरिमंताओ अट्ठसए चोत्तीसे चत्तारि य सत्तभाए जोयणस्स अबाहाए सीयाए महानईए वहुमन्झदेसभाए एस्थ नीलवंतहहे दाहिणउत्तरायए पाईणपडीणविच्छिण्णे जहेव पउमद्दहे तहेब वण्णओ नेयव्यो नाणतं-दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहिं य वणसंडेहि संपरिस्खित्ते नीलवंते नार्म नागकुमारे देवे सेसंतं चेव नेयव्यं, नीलवंतद्दहस्सपुव्वावरे पासे दस दस जोयणाइंअबाहाए एत्थ णं वीसं कंचणगपव्वया एगंजोयणसयं उड्ढं उच्चत्तेणं ।९०-१1-89-1 (१४७) मूलंमिजोयणसयं पन्नत्तरि जोयणाई मज्झमि उवरितले कंचणगा पन्नास जोयणा हुंति (१४८) मूलंमि तिणि सोले सत्तत्तीसाइं दुण्णि मझमि अट्ठावण्णं च सयं उवरितले परिरओ होइ ।।४५||-2 (१४९) पढमोत्थ नीलवंतो वितिओउत्तरकुरू मुणेयव्वो चंदद्दहोत्या तइओ एरावणमालवंतोय ।१४६||-३ (१५०) एवं वण्णओ अट्ठोपमाणं पलिओवमट्टिइया देवा।९०५-89 (१५१) कहि णं मंते उत्तरकुराए कुराए जंबूपेढे नाम पेढे पन्नत्ते गोयमा नीलवंतस्स वासहरपव्वयस्स दक्खिणेणं मंदरस्स उत्तरेणं मालवंतस्स यखारपव्ययस्स पञ्चस्थिमेणं सीयाए महानईए पुरथिमिल्ले कूले एस्थ णं उत्तरकुराए कुराए जंबूपेढे नाम पेढे पन्नत्ते-पंच जोयणसयाई आयाम-विक्खंभेणं पत्ररस एक्कासीयाई जोयणसयाई किंचिविसेसाहियाइंपरिक्खवणंबहुमन्झदेसभाए बारस जोयणाई बाहल्लेणं तयणंतरं च णं मायाए मायाए पदेसपरिहाणीए परिहायमाणेपरिहायमाणे सव्येसु णं चरिमपेरंतेसु दो-दो गाउयाई बाहल्लेणं सव्यजंबूणयामए अच्छे से णं एगाए पउमवरवेइयाए एगेण य वणसंडेणं सव्वओ समंता संपरिक्खित्ते दुण्हपि वण्णओ तस्स णं जंबू पेढस्स चउद्दिसि एए चत्तारितिसोवाणपडिरूवगा पन्नत्ता वण्णओजाव तोरणाई तस्स णं जंबूपेढस्स बहुमज्झदेसभाए एस्थ णं मणिपेढिया पत्रत्ता-अट्ठ-जोयणाई आयाम-विक्खंभेणं चत्तारि जोयणाई बाहल्लेणं तीसे णं मणिपेढियाए उपि एस्थ णं जंवू सुदंसणा पन्नता -अट्ट जोयणाई उड्ढे उच्चत्तेणं ||४४|-1 For Private And Personal Use Only

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