Book Title: Agam 18 Jambudivapannatti Uvangsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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३८
जंबूदीय पन्नत्ती-३/७८
जो वा मस्से वा पक्खिप्पर तण्णं उम्मुग्गजला महानई तिवखुत्ती आहुणिच आहुणिय एते थलंसि एडेड जगणं निमुग्गजलाए महानईए तणं वा पत्तं वा कटुं वा सकूकरा वा आसे वा हत्थी वा रहे वा जोहे वा] मणुस्से या पक्खिप्पर तष्णं निमुग्गजला महानई तिक्खुत्तो आहुणिय-आहुणिय अंतो जलंसि निमज्जावेइ से तेणद्वेणं गोयमा एवं वुच्चइ- उम्मुग्गणिमुग्गजलाओ महानईओ तए णं से भरहे राया चक्करयणदेखियमग्गे अणेगरायवरसहस्साणुयायमागे महया उक्कट्ठसीहणायं [बोलकलकलरवेणं पक्खुभियमहासमुद्दरवभूयंपिव] करेमाणे करेमाणे सिंधूए महानईए पुरत्थि - मिल्लेणं कूलेणं जेणेव उम्मुग्गणिमुग्गजलाओ महाणईओ तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता बड्ढरयणं सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं बयासी खिप्पामेव भी देवाणुप्पिया उम्मुग्गणिमुग्गजलासु महानईसु अणेगखंभसयसण्णिविट्टे अचलकंपे अभेजकवए सालंवणबाहाए सव्वरयणामए सुहसंकर्म करेहि करेत्ता मम एयमाणत्तियं खियामेव पञ्चप्पिण्णाहिं तए णं से वड्ढरयणे भरहेणं रण्णा एवं दुत्ते समाणे. - चित्तमादिए [ नंदिए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्थए अंजलि कट्टु एवं सामी तहत्ति आणाए] विणएणं वयणं पडिसुणेइ पडिसुणेत्ता खिप्पामेव उम्भुग्गणिमुग्गजलासु महानईसु अगेगखंभसयसण्णिविट्टे [ अचलमकंपे अभे- जकवए सालंबणबाहाए सव्वरयणामए ] सुहसंकमे करेइ करेता जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता एयमाणत्तिवं पचप्पिणइ तए णं से भरहे राया संखधावरवले उम्मुग्गणिमुग्गजलाओ महानईओ तेहिं अणेगखंभसयसणिविद्वेहिं [ अचलमकंपेहिं अभेजकवएहिं सव्वरयणामएहिं] सुहसंकमेहिं उत्तरइ तए णं तीसे तिमिसगुहाए उत्तरिल्लस्स दुवारस्स कवाडा सयमेव महया महया कोंचारवं करेमाणा सरसरस्स सगाई सगाई ठाणाई पञ्चोसक्किन्या । ५५/-55
(८०) तेणं कालेणं तेणं समएणं उत्तरड्ढभरहे वासे वहवे आवाडा नाम चिलाया परिवसंतिअड्ढा दित्ता वित्ता विच्छिण्णविउलभवण-सयणासण- जाणवाहणाइण्णा बहुधण बहुजायरवरयया आओगपओगसंपउत्ता विच्छड्डियपउरभत्तपाणा बहुदासीदास गो-महिस- गवेलगप्पभूया बहुजणस्स अपरिभूया सूरा वीरा विक्कंता विच्छिण्णविउलवलबाहणा बहुमु समरसंपराए लद्धलक्खा यावि होत्या तए णं तेसिमावाडचिलायाणं अण्णया कयाइ बिसरांसि बहूई उप्पाईयसबाई पाउदमवित्था तं जहा अकाले गज्जियं अकाले विजयं अकाले पायवा पुष्पंति अभिक्खणंअभिक्खणं आगासे देवयाओ नचंति तए णं ते आवाडचिलाया विसयंसि बहूई उप्पाइयसयाई पाउब्भूयाई पासंति पासित्ता अण्णमण्णं सद्दावेंति सद्दावेत्ता एवं वयासी एवं खलु देवाणुम्पिया अम्हं विसरांसि बहूई उप्पाइयसयाई पाउब्भूयाई तं जहा अकाले त्रियं अकाले विजुयं अकाले पायवा पुष्पंति अभिक्खणं- अभिक्खणं आगासे देवयाओ नचंति तं णं नजइ णं देवाणुप्पिया अम्हं विसयस्स के मन्त्रे उबद्दवे भविस्सइत्ति कट्टु ओहयमणसंकप्पा चिंतासोगसागरं पविट्ठा करयलपल्हत्थमुहा अट्टन्झाणीवगया भूमिगयदिट्ठिया झियायंति तए णं से भरहे राया चक्करयणदेसियमग्गे जाव समुद्दरवभूयं पिच करेमाणे करेमाणे तिमिसगुहाओ उत्तरिल्लेणं दारेणं नीति ससिव्य मेहंधवारविहा तए णं ते आवाडचिलाया मरहस्स रण्णो अग्गाणीयं एजमाणं पासंति पासित्ता आसुरुत्ता रुट्ठा चंडि किकया कुविया मिसिमिसेमाणे अत्रमण्णं सद्दार्वेति सद्दावेत्ता एवं बयासी-एसणं देवाणुपिया केइ अप्पत्थियपत्याए दुरंत पंतलक्खणे हीणपुत्रचाउद्दसे हिरिसिरिपरिवज्जिए जेणं अम्हं विसयस्स उबरिं विरिएणं हव्वमागच्छइ तं तहा णं धत्ताओ देवाणुपिया जहा णं एस अम्हं विसयस्स
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