Book Title: Agam 18 Jambudivapannatti Uvangsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 54
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir चकूखारो-३ अट्ठाहिय- महामहिमं करेति तए णं से दिव्वे चक्करवणे आउहघरसालाओ पडिणिक्खमइ पडिणिकिखमित्ता जाव उत्तरपुरत्थिमं दिसिं गंगादेवी भवणाभिमुहे पयाए, यावि होत्या सच्चेच सव्या सिंधुवत्तव्या जाव नवरं कुंभट्टसहस्सं रयणचित्तं नाणामणिकणगरयण भत्तिचित्ताणि य दुवे कणगसीहासणाई सेसं तं चैव जाव महिमत्ति ६४।-64 (१०४) तए णं से दिव्वे चक्करयणे गंगाए देवीए अट्ठाहियाए महामहिमाए निव्वत्ताए समाणीए आउहघरसालाओ पडिणिक्खमइ पडिणिक्खमित्ता [अंतलिक्खपडिवण्णे जक्खसहस्ससंपरिपुडे दिव्वतुडियसद्दसण्णिणादेणं पुरेंते चेव अंबरतलं] गंगाए महानईए पञ्च्चत्थिमिल्लेणं कूलेणं दाहिणदिसिं खंडप्पवायगुहाभिमुहे पयाए यावि होत्या तते णं से भरहे राया तं दिव्वं चक्करयणं गंगाए महानईए पञ्चत्थिमिल्लेणं कूलेणं दाहिणदिसिं खंडप्पवायगुहाभिमुहं पयातं चादि पासइ पासित्ता हट्टतुट्ठ-चित्तमाणंदिए जाव जेणेव खंडप्यवायगुहा तेणेव उवागच्छइ उद्यागच्छित्ता सव्वा कयमालकवत्तब्वया नेवव्वा नचरि-नट्टपालगे देवे पीतिदाणं से आलंकारियभंड कडगाणि य सेसं सव्वं तहेव जाव अट्ठहिया महामहिमा तए णं से भरहे राया नट्टमालगस्स देवस्स अड्डाहियाए महामहिमाए निव्वत्ताए समाणीए सुसेणं सेणावई सद्दावेइं सद्दावेत्ता एवं वयासी- गच्छाहिं णं मो देवाणुपिया गंगाए महानईए पुरत्थिमिल्लं निक्कुडं सगंगासागरगिरिमेरागं समविसमणिक्खुडाणि य ओयवेहि ओयवेत्ता अग्गाई वराई रयणाई पडिच्छाहिं पडिच्छित्ता ममयमाणत्तियं पञ्चष्पिणाहि जाव सिंधुगमी नेयच्च जाव तओ महानइमुत्तरित्तु गंग अप्पडिहयसासणे य सेणावई गंगाए महानईए पुरथिमिल्लं निक्खुडं सगंगासागरगिरिमेरागं समविसमणिक्खुडाणि य ओयवेइ ओयवेत्ता अग्गाणि वराणि रयणाणि पडिच्छइ पडिच्छिता जेणेव गंगा महानई तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता दोघं पिसखंधावारवले गंगामहानई विमलजलतुंगदीई नावाभूएणं चम्मरयणेणं उत्तरइ उत्तरित्ता जेणेव मरहस्स रणो विजयखंधावारणिवेसे जेणेव बाहिरिया उबट्ठाणसाला तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता आभिसेक्काओ हत्थिरयणाओ पञ्च्चोरुहइ पचोरुहिता अग्माईवराई रयणाई गहाय जेणेव भरहे राया तेणेव उवागच्छइ उवागच्छित्ता करयलपरिग्गहियं सिरसावत्तं मत्यए अंजलिं कट्टु भरहं रायां जएणं विजएणं वद्धावेइ वद्धावेत्ता अग्गाई वराई एयणाई उवणेइ तए णं से भरहे राया सुसेणस्स सेणावइस्स अग्गाई वराई एयणाई पडिच्छइ पडिच्छित्ता सुसेणं सेणावई सक्कारेइ सम्माणे सकारेत्ता सम्माणेत्ता पडिविसजेइ तए णं से सुसेणे सेणावई मरहस्स रण्णो अंतिचाओ पडिणिक्खमति पडिणिक्खमित्ता जेणेव सए आवासे तेणेव उवाग्च्छइ उवागच्छित्ता मञ्जणघरमणुपविसति अनुपवसित्ता हाए सेसंपि तव जाब विहरइ तए णं से भरहे राया अण्णया कयाइ सुसेणं सेणावइरयणं सद्दावइ सद्दावेत्ता एवं वयासी-गच्छष्णं भो देवाणुप्पिया खंडगप्पवायगुहाए उत्तरिल्लास दुधारस्स कवाडे विहाडेहि विहाडेत्ति मम एयमाणत्तियं पत्रप्पिणाहि तए णं से सुसेणे सेणावई जहा तिमिसगुहाए तहा भाणियव्वं जाव दंडरयणं गहाय सत्तट्ठपयाई पोसक्कइ पचोसकित्ता खंडप्पवायगुहाए उत्तरिल्लस्स दुवारस्स कवाडे दंडरयणेणं महया महया सद्देणं तिखुत्तो आउडेइ तए गं खंडप्पवायगुहाए उत्तरिल्लस्स दुवारस्स कवाडा सुसेणसेणावइणा दंडरयणं महया-महया सद्देणं तिक्खुत्तो आउडिया समाजा महया - महया सद्देणं कोंचारबं करेमाणा सरसरस्स सगाई- सपाई ठाणाई पश्चोसक्कित्या तए णं से सुसेणे सेजावई खंडप्पवाहगुहाए उत्तरिल्लस्स दुवारस्स कवाडे विहाडेइ विहाडेता जेणेव मरहे राया तेणेव उपागच्छइ उदागच्छित्ता For Private And Personal Use Only ४५

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