Book Title: Agam 18 Jambudivapannatti Uvangsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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१८
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जंबुद्दीय पन्नत्ती- २/४६
विणट्टजम्मजरामरणाणं सरीरगाई सीयाओ आरुहेति आरुहेत्ता चियगए ठवेति तए णं से सक्के देविंदे देवराया अग्निकुमारे देवे सद्दावेइ सद्दावेत्ता एवं बयासी खिम्यामेव भो देवाणुप्पिया तित्थगरचियगाए [गणहरचियगाए] अणगारचियगाए अगणिकायं विउव्वह बिउव्वित्ता एयमाणत्तिपं पञ्चप्पियाह तए णं ते अग्गिकुमारा देवा विमणा निराणंदा अंसुपुत्रनयणा तित्वगरचिबगाए [गणहरचियगाए] अणगारचियगाए य अगणिकायं विउव्वंति तए णं से सक्के देविंदे देवराया वाउकुमारे देवे सहावे सद्दावेत्ता एवं वयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया तित्यगरचियगाए [गणहरचिपगाए] अणगारचियगाए य धाउक्कायं विउव्वह बिउव्वित्ता अगणिकायं उज्जालेह तित्वगरसरीरगं गणहरसरीरगाई अणगारसरीरगाई च झामेह तए णं ते वाउकुमारा देया विपणा जाव बाउक्कायं विउव्वंति अगणिकायं उजालेति तित्यगरसीरगं [गणहरसरीरगाई] अणगारसरीरगाणि यामेति तए णं से सक्के देविंदे देवराया ते बहवे भवणवई -[ वाणमंतर-जोइस]वेमाणिए देवे एवं बयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया तित्थगरचियगाए [ गणहरचियगाए अणगारचियाए य अगुरु तुरुक्क-षय-मधुं च कुंभग्गसो य साहरह तए णं ते भवणवइ-जाव भारसोय सारंति तए गं से सक्के देविंदे देवराया मेहकुमारे देवे सद्दावेइ सद्दादेत्ता एवं बयासीखिप्पमावे भो देवाणुप्पिया तित्थगरचियगं [गणहरचियगं] अणगारधियगं च खीरोदगेणं निव्वावेह तणं ते मेहकुमारा देवा तित्थगरचियगं जाव निव्वावेति तए णं से सक्के देविंदे देवराया भगवओ तित्थगरस्स उवरिल्लं दाहिणं सकहं गेण्हइ ईसाणे देविंदे देवराया उवरिल्लं वामं सकलं गेण्हइ चमरे असुरिदै असुरराया हेट्ठिल्लं दाहिणं सकहं गेण्हइ बली वइरोयणिंदे वइरोयणराया हेल्लिं वामं सकलं oes अवसेसा भवणवइ -[ वाणमंतर - जोइस ] - वेमाणिया देवा जहारिहं अवसेसाई अंगमंगाई- केइ जिणभत्तीए केइ जीयमेयंतिकट्टु केइ धम्मोत्तिकट्टु-रोव्हंति तए णं से सक्के देविंदे देवराया बहवे भवणवइ-[वाणमंतर-जोइस ] - वेमाणिए देवे एवं बयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया सव्वरयणामे महइमहालए तओ चेइयधूमे करेह एवं भगवओ तित्यगास्स चियगए जाव अणगाराणं चिदगाए तए णं ते बहवे जाव एवं करेति तए णं ते बहवे भवणदइ -[ वाणमंतर - जोइस ] - वेमाणिया देया तित्यगरस्स परिणिव्वाणमहिमं करोति करेत्ता जेणेव नंदीसरवरे दीवे तेणेव उवागच्छंति तए णं से सक्के देविंदे देवराया पुरथिमिले अंजणगपव्वए अद्वाहियं महामहिमं करेति तए णं सक्करस देविंदस्स देवरण्णो चत्तारि लोगपाला चउसु दहिमुहपव्यएसु अट्टाहियं महामहिमं करेति ईसाणे देविंदे देवराया उत्तरिल्ले अंजणगे अट्ठाहियं तस्स लोगपाला चउसु दहिमुहेसु अट्ठाहियं चमरो दाहिणिल्ले अंजणगे तस्स लोगपाला दहिमुहपव्वएसु बली पञ्चत्थिमिले अंजणगे तस्स लोगपाला दहिमुहेसु तए णं बहवे देवा अट्ठाहियाओ महामहिमाओ करेति करेत्ता जेणेव साई-साई विमाणाई जेणेव साओ - साओ सभाओ सुहम्माओ जेणेव सगा सगा माणवगा चेइयखंभा तेणेव उवागच्छंति उवागच्छित्ता षइरामएस गोलबट्टसमुग्गएसु जिण सकहाओ पक्खियंति पक्खिवित्ता अग्गेहि वरेहिं मल्लेहि य गंधेहि य अच्चेति अचेत्ता विउलाई भोगभोगाई भुंजमाणा विहरति । ३४/-33
(४७) तीसे णं समाए दोहिं सागरीवमकोडाकोडीहिं काले वीइक्कंते अनंतेहि वण्णपज्जवेहिं जाव परिहायमाणे- परिहायमाणे एत्य णं दूसमसुसमाणामं समा काले पडिवजिंसु समणाउसो तीसे णं भंते समाए भरहस्स वासस्स केरिसए आगारभावपडोयारे पत्ते गोयमा बहुसमरमणि भूमिभागे पत्रते से जहानामए आलिंगपुक्खरेइ घा जाव नानाविहपंचवण्णेहिं मणीहिं तपेहि य
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