Book Title: Agam 18 Jambudivapannatti Uvangsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 32
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra पवारो-१ www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir २३ वण्णकविसीसगपरिमंडियाभिरामा अलकापुरीसंकासा पमुइयपक्कीलिया पञ्चवखं देवलोगभूया रिद्धत्थिमिय- समिद्धा पमुइय जण जाणवया जाय पडिरूवा ४२/- 41 (५५) तत्व णं विणीयाए रायहाणीए भरहे नामं राया चाउरंतचकूकवट्टी समुप्पञ्जित्यामहाहिमवंत-महंत मलय-मंदर-महिंदसारे जाव र पसासेमाणे विहरइ बिइओ गमो रायवण्णगस्स इमो-तत्य असंखेजकालवासंतरेणं उपजए जसंसी उत्तमे अभिजाए सत्त-वीरियपरक्कमगुणे पसत्यवण्ण-सर-सार-संघयण- बुद्धि-धारण- मेहा- संठाण - सीलप्यगई पहागणारवच्छायागइए अणेगवयणष्पहाणे तेय- आउ-बल-वीरियजुत्ते अद्भुसिरधणणिचियलोहसंकल-नारायबइरउसहसंघयणदेहधारी इस जुग भिंगार-यद्धमाणग-मद्दासण-संख छत्त-वीर्याणि पडागचकूकमंगल- मुसल-रह-सोत्थिय - अंकुस - चंदाइच-अग्गि-जून-सागर - इंदाइ - पुहवि - पउम - कुंजर -सीहासण-दंड-कुम्प - गिरिवर- गुरग-वर-मउड-कुंडल नंदावत्त- धणुकोंत-गागर-भवण विमाण-नेगल - क्खणपसत्यसुविभत्तचित्त करचरणदेसभागे उड्ढमुहलोमजात सुकुमाल - णिद्धमउयावत्तपसत्यलोमविरइयसिरिवच्छ-च्छण्णविउलवच्छे देसखेत्तसुविभत्तदेहधारी तरुणवरिरस्सिबोहिय- वरकमलविबुद्धगव्भवण्णे हयपोसण-कोससण्णिभ पसत्यपिद्वंतणिरुवलेवे पउ- मुप्पल-कुंद-जाइजूहिय-वर चंपग - नागपुष्प- सारंग तुझंधी-छत्तीसाहियपसत्यपत्थियगुणेहिं जुत्ते अब्बोच्छिण्णातपत्ते पागड उपयजोणी विसुद्धणियगकुल गयणपुत्रचंदे चंदे इव सोमयाए नयणमणणिव्वुईकरे अक्खोभे सागरीव्यथिमिए धणवइव्य भोगसमुदयसद्दव्वयाए समरे अपराइए परमचिक्कमगुणे अमरवइसमाणसरिसरूचे मणुयदई भरहचक्कवट्टी भरहं मुंजइ पन्नट्ठसत्तू ४३ । -42 (५६) तए णं तस्स मरहस्स रण्णी अण्णया कयाइ आउहघरसालाए दिव्वे चक्करयणे समुप्पज्जित्था तए णं से आउहधरिए भरहस्स रणो आउहघरसालाए दिव्वं चक्करयणं समुप्पन्नं पासाइ पासित्ता हतुट्ठ-चित्तमाणंदिए नंदए पीइमणे परमसोमणस्सिए हरिसवसविसप्पमाणहियए जेणामेय से दिव्वे चक्करपणे तेणामेव उवागच्छइ उषागच्छिता तिक्खुत्ती आयाहिण-पयाहिणं करेइ करेत्ता करयल जाव कट्टु चक्कूकरयणस्स पणामं करेइ करेत्ता आउघरसालाओ पडिणिक्खमइ पडिणिकूखमित्ता जेणावमेव बाहिरिया उड्डाणसाला जेणामेव भरहे राया तेणेव उपागच्छइ उवागच्छित्ता करयल जाय कट्टु जएणं विजएणं वद्धावे वद्धावेत्ता एवं वयासी एवं खलु देयाणुप्पियाणं आउहघरसालाए दिव्वे चक्करपणे समुप्पन्ने तं एयण्णं देवाणुप्पियाणं पिषट्टायाए पियं निवेदेमो पियं मे भवउ तते गं से भरहे राया तस्स आउहधरियस्स अंतिए एयमहं सोखा निसम्प हट्ट जाव वियसियवर कमलनयणवयणे पयलियवरकडग तुडियरकेऊर-मउड-कुंडल- कारविरायंतरइयवच्छे पालंबपलंबमाणघोलंतमूसणधरे ससंभमं तुरियं चवलं नरिदे सीहासणाओ अब्युट्ठेइ अब्भुट्टेत्ता पायपीढाओ पचोरुहइ पचोरुहित्ता पाउयाओ ओमुयइ ओमुइता एगसाडियं उत्तरासंगं करेइ करेत्ता अंजलिमउलियग्गहत्थे चक्करयणाभिमुहे सत्तट्ठपयाई अणुगच्छइ अजुगच्छिता बामं जाणुं अंचे अंचेत्ता दाहिणं जाणुं धरणितलंसि निहट्टु करयल -[परिग्गहियं सिरसावतं मत्यए ] अंजलि कड्ड चक्करयणस्स पणामं करेइ करेत्ता तस्स आउहघरियस्स अहामालियं मउडव ओमोर्य दलयइ दलइत्ता विउलं जीवियारिहं पीइदाणं दलयइ दलइत्ता सक्कारेइ सम्माणेइ सक्कारेत्ता सम्मात्ता पडिविसजेइ पडिविसजेता सीहासणवरगए पुरत्याभिमुहे सण्णिसण्णे तए णं से भरहे राया कोडुंबियपुरिसे सहावेइ सद्दावेत्ता एवं बयासी खिप्पामेव भो देवाणुप्पिया वीणीयं रायहाणि For Private And Personal Use Only

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