Book Title: Agam 18 Jambudivapannatti Uvangsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 29
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir जंबुद्दीव पन्नत्ती-२४९ झाया गुरुणिओग-विणय-रहिया य विकलख्या परूढणह-केस मंसु-रोमा काला खर-फरुससामवण्णा फुटसिरा कविलपलियकेसा बहुम्हारुणिसंपिणद्ध-दुईसणिशरूवा संकडियवलीतरंगपरिवेदिअंग-मंगा जरापरिणयच घेरग-नरा-पविरस-परिसडिय-दंतसेढी उब्बडघडामहा विसमणयण चंकणासा वंक चीविगय-भेसणमुहा दडु-किटिम-सिस्म-फुडियफरुसच्छवी चित्तलंगमंगा कच्छूखसराभिमूया खरतिक्खणख-कंडूइय-विस्खयत' टोलाकित-विसमसंधिबंधणउक्कुष्यडिविभत्त-दुबल-कुसंधयण कुप्पमाणकुसंठिया कुरुवा कुट्ठाणासण-कुसेज-कुमोइणो असुइणो अणेगवाहिपरिपीलिअंगमंगा खलंत-विमलगई निरुच्छाहा सत्तरियनिता विगयचेट्ठा नट्टतेया अमिक्खणं सीउण्ह-खरफरुसवायविन्झडिय-मलिणपंसुरओगुंडिअंगमंगा बहुकोहमानमायालोमा बहुमोहा असुमदुक्खभागी ओसण्णं धप्पसण्ण-सम्पत्तपरिमट्ठा उक्कोसेणं रयणिप्पमाणमेत्ता सोलस-वीसइवास-परमाउसो बहुपुत्तणतुपरियाल-पणय-बहुवला गंगासिंधूओ महानईओ देयड्ढंच पच्चयं नीसाए बावत्तरिं निगोयाबीयं बीयमेत्ता बिलवासिणो मणुया भविस्संतितेणं भंते मणुया किमाहारिस्संति गोयमा तेणं कालेणं तेणं समएणं गंगासिंधूओ पहानईओ रहपहमित्तवित्यराओ अखसोयप्पमाणमेत्तं जलं वोज्झिहिंति सेवि य णं जले बहुमच्छकच्छ. भाइण्णे नो चेवणं आउबहुले भविस्सइतएणं ते मणुयासुरूगमणमुहत्तंसियसूरत्यमणमुहत्तंसिय बिलहितो निदाइस्संति निद्धाइत्ता मछकच्छभे यलाई गाहेहिति गाहेत्ता सीवातवतत्तेहिं मछकच्छभेहिं इक्वीसं वाससहस्साई वित्ति कप्पेमाणा विहरिस्संति ते णं भंते मणुया निस्सीला निब्बया निग्गुणा निम्मेरा निप्पच्चक्खाण पोसहोदवासा ओसणं मंसाहारा मच्छाहारा खोक्षाहारा कुणिमाहारा कालपासे कालं किया कर्हि गच्छिहिंति कहिं उववझिर्हिति गोयमा ओसणं नरगतिरिक्खजोणिएस उववनिर्हिति ते णं मंते सीहा वग्धा वगा दीविया अच्छा तरच्छा परस्सरा सियाल-बिराल-सुणगा कोलसुणगा ससगा चित्तलगा चिल्ललगा ओसण्णं मंसाहारा मच्छाहारा खोद्दाहारा कुणिमाहाराकालमासे कालं किच्चा कहिंगच्छिहिंति कहिं उववलिहिंति गोयमा ओसण्णं नरगतिरिक्खजोणिएसउववनिहिति ते णं भंते ढंका कंका पिलगा मद्दगा सिही ओसण्णं मंसाहारा जाव कालमासे कालं किंवा गोयमा ओसणं नरगतिरिक्खजोणिएसु उववजिहिति।३७/-38 (५०) तीसे णं सपाए एक्कवीसाए वाससहस्सेहिं काले वीइक्कंते आगमेस्साए उस्सप्पिणीए सावणबहुलपडिवए बालवकरणंसि अभीइनक्खत्ते चोद्दसपढ़मसमये अनंतेहिं वण्णपद्धवेहिं जाव अनंतगुणपरिवड्टीए परियड्ढेमाणे-परिवड्ढेमाणे एत्य णं दूसमदूसपाणामं समा काले पडिवज़िस्सइ समणाउसो तीसे णं भंते समाए भरहस्स यासस्स कैरिसए आगारभावपडोयारे भविस्सइ गोयमा काले भविस्सइ हाहाभूए भंभाभूए एवं सो चेव दूसमदूसमावेढो नेयम्बो तीसे णं समाए एक्कवीसाए वाससहस्सेहिं काले विइक्कंते अनंतेहिं वण्णपञ्जदेहिं जाव अनंतगुणपरिवड्दीए परिवड्डेमाणे-(२) एत्यणंदूसमाणामसपाकाले पडिवज़िस्सइसमणाउसो।३८1-37 (५१) तेणं कालेणं तेणं समएणं पुक्खलंसवट्टए नाम महामेहे पाउभविस्सइ-माहप्पमाणमेत्ते आयामेणं तदणुरूवं च णं विक्खंमे-वाहल्लेणं तएणं से पुक्खलसंयए महामेहे खिप्पापेव पतणतणाइस्सइ पतणतणाइत्ता खिप्पामेव पविजुयाइस्सइ पविजुयाइत्ता खिप्पामेव जुग-मुसलमुट्ठिप्पमाणमेत्ताहिं धाराहि ओघमेषं सत्तरतं वासं वासिस्सइ जेणं परहस्स वासस्स भूपिभागं इंगालभूयं मुम्पुरभूयं छारियभूयं तत्तकवेल्लगमूर्य तत्तसमजोइभूयं निव्याविस्सति तंसि च णं For Private And Personal Use Only

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