Book Title: Agam 18 Jambudivapannatti Uvangsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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मखारो-२
उवसोभिए तंजहा-कत्तिमेहिं चेवअकत्तिमेहि चेवतीसेणं प्रते समाएभरहे वासे मणुयाणं केरिसए आगारभावपड़ोयारे पत्रत्ते गोयमा तेर्सि मणुयाणं छब्बिसंघयणे छबिहे संठाणे बहूई घणूइं उड्ढे उच्चतेणं जहणेणं जहण्णेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं पुवकोडिं आउयं पालेंति पालेत्ता अप्पेगइया निरयगामी जाव देवगामी अप्पेगइया सिझंति जाव सव्वदुक्खाणमंतं करेंति तीसे णं समाए परहे वासेतओवंसा समुप्पञ्जित्था तंजहा-अरहंतयंसे चक्कवष्टियंसे दसारवंसे तीसेणं समाए परहे वासे तेवीसं तित्यकरा एक्कारस चक्कवट्टी नव बलदेवा नव वासुदेवा समुपजित्या ३५34
(४) तीसे णं समाए भरहे वासे सागरोदमकोडाकोडीए यायालीसाए वाससहस्सेहि ऊणियाए काले वीइक्कंते अनंतेहिं वण्णपनवेहिं जाव परिहाणीए परिहायमाणे-परिहाय-माणे एत्यणदूसमा नाम समा काले पडिवजिस्सइ समणाउसो तीसेणं मंते समाए मरहस्स वासस्स केरिसए आगारभावपडोयारे भविस्सइ गोयमा बहुसमरमणिजे भूमिमागे मविस्सइ से जहानामए आलिंगपुक्खरेइ वा मुइंगपुक्खरेइ वा जाव नाणायिहपंचवण्णेहिं जाव कत्तिमेहि चेव अकत्तिमेहि वेव तीसे णं मंते समाए भरहस्स वासस्स मणुयाणं केरिसएआगारमावपडोयारे पत्रत्ते गोयमातेसिं मणुयाणं छव्यिहे संघपणे छव्यिहे संठाणे बहुईओ रयणीओ उइदं उछत्तेणं जहणेणं अंतोमहत्तं उक्कोसेणं साइरेगं वाससयं आउयं पालेति पालेत्ता अप्पेगइया निरयगामी जाव करेंति तीसे णं समाएपच्छिमेतिभागेगणधम्मेपासंडधम्मेरायधम्मेजायतोएधम्मचरणेयवोच्छिजिस्सइ३६।-35
(४९) तीसे णं समाए एफवीसाए याससहस्सेहिं काले विइकूकंते अनंतेहिं यण्णपनयेहिं जाव परिहायमाणे-परिहायमाणे एत्य णं दूसमदूसमणामं समा काले पडियजिस्सइ समणा- उसो तीसे णं भंते समाए उत्तपकट्टपत्ताए वासस्स केरिसए आगारभावपडोयारे पविस्सइ गोयमा काले पविस्सई हाहामूए पंमाभूए कोलाहलमूए समाणुमावेणं य णं खरफरुसधूलिमइला दुविसहा पाउला भयंकरा य वाया संवगा य याहिति इह अभिक्खं धूमाहिति य दिसा समंता रउस्सला रेणुकलुस-तमपडल-निरालोया समयलुक्खयाए यणं अहियं चंदा सीयं मोच्छिहिंति अहियं सूरिया तविस्संति अदुत्तरं च ण गोयमा अभिक्खणं अरसमेहा विरसमेहा खारमेहा खत्तमेहा अग्गिमेहा विनुमेहा विसमेहा असणिमेहा अजवणिोदगा वाहिरोगदेदणोदीरण-परिणामसलिला अमणुण्णपाणियगा चंडानिलपहत-तिखधारण-निवातपउरं वासं वासिहितिजेणं भरहे वासे गामागर-नगरखेड-कब्बड-मडंब-दोणमुह-पट्टणासमगयं जणवयं घउप्पयगवेलए खहयरे पक्खिसंधे गामारण्णप्पयारणिरए तसे य पाणे बहुप्पयारे रुक्ख-गुच्छ-गुम्म-लय-यल्लि पयालंकुर-मादीए तणयणस्सइकाइए ओसहीओ य विद्धंसेहिति पन्चय-गिरि-डोंगरुत्यलमटिमादीए य वेयड्दगिरिवले विरादेहिति सलिलबिल-विसम-ग-निण्णुण्णयाणि य गंगासिंधुवाइं समीकरहितो तीसे णं मंते समाए परहस्स वासस्स भूमीए केरिसए आगारभावपडोयारे भविस्सइ गोयमा भूपी भविस्सइ इंगालभूया मुम्मूरभूया छारियभूया तत्तकवेल्लुपमूया तत्तसमजो भूया धूलिषहुला रेणुबहुला पंकबहुला पणयबहुला चलणिबहुला बाहूणं धरणिगोयराणं सत्ताणं पुत्रिकामा यावि भविस्सई तीस गंमते समाएभरहे यासेमणुयाणं केरिसएआगारमावपडोयारे मविस्सइगोयमामणुया मविस्संति दुरूवा दुवण्णा दुग्गंधा दुरसा दुफासा अणिट्ठा अकंता अप्पिया असुमा अमणुग्णा अमणामा हीणस्सरा दीणस्सरा अणिनुस्सराअकंतस्सराअपियस्सराअमणुष्णस्सराअमणामस्सरा अणादेजवयणपधायातानिलजा कूड-कवड-कलह-वह-बंध-वेरनिरया मनायातिक्कमप्पहाणा अकणि
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