Book Title: Agam 18 Jambudivapannatti Uvangsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan

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Page 26
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मकूखारो-२ आसणे चलिए तए णं से सक्के देविंदे देवराया आसणं चलियं पासइ पासित्ता ओहिं पउंजइ परंजित्ता भयवं तित्थयरं ओहिणा आभोएइ आभोएत्ता एवं वयासी परिणिव्युए खलु जंबुद्दीवे दीवे भरहे बासे उसके अरहा कोसलिए तं जीयमेयं तीयपचुप्पण्णमणागयाणं सक्काणं देविंदाणं देवराईणं तित्यगरामं परिनिव्वाणमहिमं करेत्तए तं गच्छामि णं अपि भगवतो तित्थगरस्स परिनिव्याणामहिमं करेमित्ति कट्टु एवं वंदइ नमसइ वंदित्ता नमसित्ता चउरासीईए सामाणियसाहस्सीहिं तायतीसाए तावत्तीसएहिं चउहिं लोगपालेहिं जाव घउर्हि घउरासीईहिं आयरक्खदेवसाहस्सीहिं अहि य बहूहिं सोहम्मकप्पवासीहिं वैमाणिएहिं देवेहिं देविर्हि य सद्धिं संपरिवुडे ताए उक्किट्ठाए जाव तिरियमसंखेज्जाणं दीवसमुद्दाणं मज्झंमज्जेणं वीईवयमाणे-वीईवयमाणे जेणेव अट्ठाबयपव्वए जेणेव भगवओ तित्थगरस्स सरीरए तेणेव उबागच्छइ उवागच्छित्ता विमणे निराणंदे अंसुपुत्रनयणे तित्ययरसरीरयं तिक्खुत्तो आयाहिण-पयाहिणं करेइ करेत्ता जाव पजुवासइ तेणं कालेणं तेणं समएणं ईसाणे देविंदे देवराया उत्तरद्धलोगाहिवई अट्ठावीसविमाणसयसहस्साहिवई सूलपाणी वसहवाहणे सुरिंदे अरयंबरवत्यधरे जाव विउलाई भोगभागोई भुंजमाणे विहरइ तए णं तस्स ईसाणस्स देविंदस्स देवरण्णो आसणं चलइ तए णं से ईसाणे देविंदे देवराया आसणं चलिये पासइ पासित्ता ओहिं पजइ पउंजित्ता भगवं तित्यगरं ओहिणा आभोएइ आभोएता जहा सक्के नियगपरिवारेणं भाणेयब्यो जाव पजुवासइ एवं सव्वे देविंदा जाब अधुए नियगपरिवारेणं आयव्वा एवं जाव भवणावासीणं इंदा वाणमंतराणं सोलस जोइसियाणं दोण्णि नियगपरिवारा नेच्या तए णं सके देविंदे देवराया बहवे भवणवइ-वाणमंतर - जोइस वैमाणिए देवे एवं वयासीखिप्पामेद भो देवाणुपिया नंदजवणाओ सरसाई गोसीसवरचंदणकट्ठाई साहरह साहरिता तओ चियगाओ रएह-एवं भगवओ तिस्वगरस्स एगं गणहराणं एगं अवसेसाणं अणगाराणं तए णं ते भवणवइ-वाणमंतराइ- जोइस वेमाणिया देवा नंदनवणाओ सरसाई गोसीसवरचं दणकट्ठाणं साहरति साहरिता तओ चियगाओ रएंति एवं भगवओ तित्थगरस्स एवं गणहराणं एवं अवसेसाणं अणगाराणं तए णं से सक्के देविंदे देवराया आभिओगे देवे सद्दावेइ सङ्घावेत्ता एवं वयासी खिप्पामेद भो देवाणुप्पिया खीरोदसमुद्दाओ खीरोदगं साहरह तए णं ते आभिओगा देवा खीरोदसमुद्दाओ खीरोदगं साहरंति तए णं सक्के देविंदे देवराया तित्यगरसरीरगं खीरोदगेणं पहाणेति पहाणेत्ता सरसेणं गोसीसरचंदणेणं अनुलिंपइ अनुलिंपित्ता हंसलक्खणं पडसाइयं नियंसेइ नियंसेत्ता सव्यालंकारविभूसियं करेति तए णं ते भवणयइ-वाणमंतर - जोइस-चेपाणिया देवा गणहरसरीरगाई अणगारसरीरगाणि य खीरोदगेणं व्हावेंति ण्हावेत्ता सरसेणं गोसीसवरचंदणेणं अनुलिंपति अनुलिंपित्ता अहताइं दिव्वाई देव-दूसजुयलाई नियंसंति नियंसित्ता सव्वालंकार- विभूसियाई करेति तए णं से सक्के देविंदे देवराया ते बहदे भवणवइ- [ वाणमंतर - जोइस ] -वेपाणिए देवे एवं वयासीखिप्पामेव भो देवाणुप्पिया ईहामिग-उस-तुरंग - जाव मत्ति-चित्ताओ तओ सिबियाओ विउब्वएएवं भगवओ तित्थगरस्स एगं गणहराजं एवं अवसेसाणं अणगाराणं तए णं ते बहवे भवणवइ[ वाणमंतर - जोइस ] -माणिया देवा तओ सिबियाओविउव्वति एगं भगवओ तित्थगरस्स एवं गणहराणं एवं अवसेसाणं अणगाराणं तए णं से सक्के देविंदे देवराया विमणे निराणंदे अंसुपुत्रनयणे भगवओ तित्थगरस्स विणट्टजम्मजरामरणस्स सरीरगं सीयं आरुहेति आरुहेत्ता चिपगाए ठयेइ तए णं बहये भवणवइ- [वाणमंतर-जोइस ] - वेमाणिया देवा गणहराणं अणगाराण य 18 2 For Private And Personal Use Only १७

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