Book Title: Agam 18 Jambudivapannatti Uvangsutt 07 Moolam
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Agam Shrut Prakashan
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वखारो-१ आलिंगपुक्खरेइ वा जाव नाणाविहपंचवण्णेहिं पणीहि तणेहि य उवसोभिए तंजहा कित्तिमेहि चैव अकित्तिमेहिं चेव तत्य णं दक्खिणिल्लाए विजाहरसेटीए गगणवल्लभपामोक्खा पन्नासं विज्ञाहरनगरावासा पनत्ता उत्तरिल्लाए विजाहरसेदीए रहनेउरचकूकवालपामोक्खा सहि विज्ञाहरनगरायासा एवामेव सपुव्वावरेणं दाहिणिल्लाए उत्तरिलाए विजाहरसेटीए एगं दसुत्तरं विजाहरनगावाससयं भवतीतिमक्खायं ते विज्ञाहरनगरा रिद्धस्थिमिय-समिद्धा पमुइयजण-जाणवया जाव पडिरूवा तेसु णं विज्जाहरनगरेसु विजाहररायाणो परिवसति-महयाहिमवंत-महंत मलय-मंदरमहिंदसारा रायवण्णओ माणियब्दो रिजाहासेढीणं भंते मणुयाणं केरिसए आगारभावपडोयारे पन्नत्ते गोयमा ते णं मणुया बहुसंघयणा बहुसंठाणा बहुउच्चत्तपञ्जवा बहुआउपजदा जाय सव्वदुक्खाणमंतं करेंति तासि णं विशाहरसेटीणं बहुसमरमणिजाओ भूमिमागाओ वेयड्ढस्स पव्ववस्स उभओ पासिं दस-दस जोयणाई उड्ढे उप्पइत्ता एस्थ णं दुवे आमिओग्गसेढीओ पन्नताओ-पाईणपडीणाययाओ उदीणदाहिणवित्थिण्णाओदस-दस जोयणाई विखंभेणं पव्वयसमियाओ आयामेणं उभओ पासिं दोहिं पउमवरवेइयाहिं दोहिं य वनसंडेहि संपरिक्खित्ताओ वण्णओ दोण्हवि पव्ययसमियाओ आयामेणं आभिओग्गसेढीणं भंते केरिसए आगारभावपडोयारे गोयमा बहुसमरमणिले भूमिमागे पत्नत्ते जाव तणेहि उवप्सोभिए वण्णाइ जाव तणाणं सद्दोत्ति तासि णं आभिओगगसेढीणं तत्थ-तत्य देसे तहि-तहिं जाव वाणमंतरा देवा य देवीओ अ आसंयति सयंति जाव फलवित्तिविसेसं पचणुपदमाणा विहरति तासु णं आभिओग्णसेढीसु सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो सोम-जम-वरुण-वेसमणकाइयाणं आभिओग्गाणं देवाणं बहवे भवणातेणं मवणा बाहिवट्टा अंतोचउरंसा वण्णओ जाव अच्छरगण-संघ-संविकिण्णा जाव पडिरूवा तत्य णं सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो सोम-जम वरुण-देसमणकाइया बहवे आभिओग्गा देवा महिड्ढिया जाय महाणुभागा पलिओवमष्ट्रिईया परिवसंति, तासि णं आभिओग्गसेढीणं बहुसमरमणिज्जाओ भूमिभागाओ वेयड्ढस्स पव्वयस्स उमओ पासिं पंच-पंच जोवणाई उड्ढं उप्पइत्ता एत्य णं वेयड्ढस्स पव्ययस्स सिहरतले पन्नते-पाईणपडीणायए उदाण- दाहिणविच्छिण्णे दप्त जोवणाई विक्खंभेणं पव्वयसमगे आयामेणं से णं एक्काए पउमबरवेइयाए एक्केण य धनसंडेणं सवओ समंता संपरिखित्ते पमाणं घण्णगो दोण्डंपि वेयड्वस्स णं भंते पब्बयस्स सिहरतलस्स केरिसए आगारभावपडोयारे गोयमा यहुसमरमणिग्ने भूमिभागे पत्नत्ते से जहानामए-आलिंगपुस्खरेइ वा जाव नाणाविहपंचवण्णेहिं मणीहिं तणेहि य उवसोभिए जाव घावीओ पुस्खरिणीओ जाव वाणमंतरा देवा य देवीओय आसयंति जाव फलवित्तिविसेसं भुंजमाणा विहरंति जंबुद्दीये णं भंते दीवे भारहे वासे वेपड्ढपव्यए कइ कूडा पन्नत्ता गोयमा नव कूड़ा तं जहा-सिद्धायतणकूड़े दाहिणड्ढभरहकूडे खंडप्पयाय गुहाकूडे, माणिमद्द कूड़े वेयड्ढकूड़े, पुनमदं कूडे, तिमिसगुहा कूडे, उत्तरड्ढ भरह कूडे वेसमणकूडे (१२1-12
(१४) कहिणं भंते जंबुद्दीवे दीवे मारहे वासे वेयड्ढपव्यए सिद्धायतणकूडे नामं कूडे गोयमा पुरस्थिमलवणसमुद्दस्स पञ्चत्यिमेणं दाहिणड्दभरहकूडस्स पुरत्यिमेणं एत्थणं जंबुद्दीवे दीवे मारहे वासे वेयड्ढपव्वएसिद्दायतणकूडे पत्रतेछ सक्कोसाइंजोयणाइंउड्ढं उच्चत्तेणंमूले छ सक्कोसाई जोयणाई विक्खंभेणं मझे देसणाई पंच जोयणाई विखंभेणं उवरि साइोगाई तिणि जोयणाई विक्खंभेणं मूले देसूणाई वीसं जोयणाई परिक्खेवेणं मूले विच्छिपणे मझे संखित्ते उपि तणुए गो
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