Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 11 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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भगवती सूत्रे
एयारूवेणं महया मणोमाणसिएणं दुक्खेणं अभिभूए समाणे आयावणभूमीओ पच्चोरुहेइ, पच्चोरुहित्ता, जेणेव मालुया कच्छए तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छित्ता, मालुया कच्छगं अंतो अंतो अणुपविसर, अणुष्पविसित्ता महया महया सदेणं कुहुकुहुस्स परुन्ने, अजोत्ति समणे भगवं महावीरे समणे निग्गंथे आमंते, आमंतेत्ता एवं वयासी - एवं खलु अजो! ममं अंतेवासी सीहनामं अणगारे पगइभदए तं चैव सव्वं भाणियव्वं जाव परुने, तं गच्छह णं अजो! तुब्भे सीहं अणगारं सह । तए णं ते समणा निग्गंथा समणेणं भगवया महावीरेणं एवं वृत्ता समाणा समणं भगवं महावीरं वंदति, नमसंति, वंदित्ता नमसित्ता समणस्स भगवओ महावीरस्स अंतियाओ सालकोट्टयाओ चेइयाओ पडिनिक्खमंति, पडिनिक्खमित्ता, जेणेव मालुयाकच्छए जेणेव सीहे अणगारे तेणेव उवागच्छंति उवागच्छत्ता सीहं अणगारं एवं वयासी- सीहा ! धम्मायरिया सदावैति । तए of से सीहे अणगारे समणेहिं निग्गंथेहिं सद्धिं मालया कच्छगाओ पडिनिक्खमइ, पडिनिक्खमित्ता जेणेव सालकोटुए चेइए जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ, उवागच्छत्ता समणं भगवं महावीरं तिक्खुत्तो आयाहिणं पयाहिणं करेइ, करिता जाव पज्जुवासइ । सीहाइ समणं भगवं महावीरे सीहं अणगारं एवं वयासी-से नणं ते सीहा ! झाणंतरियाए वमाणस्स अग्रमेयारूवे जाव परुन्ने, से नणं ते सीहा !
શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૧
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