Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 11 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 866
________________ ८५२ भगवती सूत्रे , खहयराणं जाव किच्चा जाई इमाई उरपरिसप्पविहाणाई भवंति, तं जहा - अहीणं, अयगराणं, आसालियाणं महोरगाणं तेसु अगसयसहस्स खुत्तो जाव किच्या जाई इमाई चउप्पयविहाणाई भवंति तं जहा - एगखुराणं, दुखुराणं गंडीपयाणं सणहपयाणं, तेसु अणेगस्यसहस्स जाव किच्चा जाई इमाई जलयरविहाणाई भवति, तं जहा-मच्छाणं, कच्छभाणं, जाव सुसुमाराणं, तेसु अणेगसय सहस्सखुत्तो जाव किच्चा जाई इमाई चउरिदियविहाणाई भवंति, तं जहा अंधियाणं, पोत्तियाणं जहा पन्नवणापदे जाव गोमयकीडाणं, तेसु अणेगसयसहस्स खुत्तो जाव किच्या जाई इमाई तेइंदिय विहाणाई भवति, तं जहा - उवचियाणं जाव हस्थिसोंडाणं तेसु अणेग जाव किच्चा जाईं इमाई बेइंदियविहाणाई भवंति तं जहा - पुलाकिमियाणं जाव समुद्दलिक्खाणं, तेसु अणेगस्य जाव किच्चा जाई इमाई वणस्सइविहाणाई भवंति, तं जहा - रुक्खाणं, गुच्छाणं जाव कुहणाणं, तेसु अणेगसय जाव पच्चायाइस्सइ, उस्सन्नं चणं कडुयरुक्खेसु कडुयवल्लीसु सन्वत्थ वि णं सत्थ वझे जाव किच्चा, जाई इमाई वाउक्काइयविहाणाई भवंति, सं जहा - पाईणवायाणं, जान सुद्धवायाणं तेसु अरोग सय सहस्स जाव किच्चा जाईं इमाई तेउक्कायविहाणाई भवंति, तं जहाइंगाला जाव सूरकंतमणिनिस्लियाणं, तेसु अणेगसयस हस्स खुत्तो जाव किच्चा जाई इमाई आउक्काइयविहाणाइं भवंति, શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૧

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