Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 05 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 12
________________ पृष्ठांङ्क अनुक्रम अंक १९ एकान्त दुःखवेदन के विषयमें अन्य यूथिको के __मतका निरूपण २१९-२२७ २० नैरयिकादिकों के आहारके स्वरूपका निरूपण २२८-२३२ २१ केवलीकों के अतिंद्रियत्व होनेका निरूपण २३३-२३९ सातवे शतकका पहला उद्देश २२ सातवें शतक के पहिले उद्देशे का संक्षेपसे विषय विवरण २४०-२४१ २३ सांतवे शतक के दश उद्देशक प्रदर्शक संग्रहगाथा २४३-२४४ २४ जीवके आहारक-अनाहारक आदिका वर्णन २४५-२५७ २५ लोकके संस्थान आदिके स्वरूपका वर्णन २५८-२६१ २६ श्रमणोंपासकोंका क्रियाके स्वरूपका वर्णन २६१-२७२ २७ श्रमण के प्रतिलाभ का कथन २७३-२७८ २८ कर्म रहित जीवके गतिका निरूपण २७९-२९५ २९ अदुःखी जीवका निरूपण २९५-३०० ३० अनगारके विषयमें विशेष कथन ३०१-३०८ ३१ अङ्गारादि दोष रहित आहारादिका निरूपण ३०९-३२२ ३२ क्षेत्रातिक्रांतादि आहारक स्वरूपका निरूपण ३२३-३३३ ३३ शस्त्रातीत आदि पानभोजनका निरूपण ३३४-३४५ दूसरा उद्देश ३४ दूसरे उद्देशेके विषयोंका निरूपण ३४६-३४७ ३५ प्रत्याख्यानके स्वरूपका निरूपण ३४८-३८१ ३६ जीवके मूलगुण प्रत्याख्यानित्वका निरूपण ३८२-४०६ ३७ संयताऽसंयतादिका निरूपण ४०७-४१६ ३८ जीवोंके शाश्वताशाश्वतत्व निरूपणम् ४१७-४२२ तीसरा उद्देश ३९ तीसरे उद्देशेका संक्षिप्त विषय विवरण ४२३-४२५ ४० वनस्पतिकायके आहारका निरूपण ४२६-४३२ શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૫

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