Book Title: Agam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 05 Sthanakvasi
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

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Page 866
________________ 848 भगवतीसगे कालोदायी भगवान् के इस कथनका समर्थन करते हुए कहते हैं 'सेवं भंते ! सेवं भंते / त्ति' हे भदन्त ! आपका कथन सर्व सत्य ही है हे भदन्त ! आपका कथन सर्वथा सत्य ही है // सू० 5 // सातवें शतकका दशवां उद्देशक समाप्त जैनाचार्य श्री घासीलालजी महाराजकृत 'भगवतीसूत्र' की प्रमेयचन्द्रिका व्याख्याके सप्तम शतक समाप्त // 7 // શ્રી ભગવતી સૂત્ર : 5

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