Book Title: Agam 02 Ang 02 Sutrakrutang Sutra Part 02 Sthanakvasi
Author(s): Sudharmaswami, Hemchandraji Maharaj, Amarmuni, Nemichandramuni
Publisher: Atmagyan Pith
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सादर धन्यवाद !
भगवद्वाणी का अमृत जन-जन को सुलभ हो सके, इसलिए शास्त्र का हिन्दी अनुवाद प्रकाशित करने की प्रबल प्रेरणा नवयुगसुधारक भंडारी श्री पदमचन्दजी महाराज की वाणी से मिली। उनके सुयोग्य शिष्य, प्रवचनभूषण श्री अमरमुनिजी के प्रवचनों से उत्साह दुगुना बढ़ा । सेवाभावी श्री रतनमुनिजी महाराज ने भी प्रेरणा, प्रोत्साहन व सहयोग दिलाकर हमें गतिशील बनाया। हमारे पुण्यशाली गुरुभक्त सज्जनों ने उदारतापूर्वक अर्थ सहयोग दिया, और यह कार्य सुन्दरतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
यहाँ उन भाग्यशाली दाताओं की शुभ नामावली आदर और आभार पूर्वक प्रकाशित की जाती है१. श्री एस. एस. जैन विरादरी (रजि.), लुधियाना २. श्री मदनलाल अशोककुमार जैन, मानसा मंडी ३. श्री अभयकुमार जैन, जैन ज्वेलर्स, होशियारपुर ४. श्री बनारसीदास कृष्णचन्द्र जैन, मलोट मंडी ५. श्री भोजराज जैन, भटिंडा ६. श्रीमती शान्तिदेवी जैन,
धर्मपत्नी-श्री राजकुमार जैन, मंडी निहालसिंहवाला (पंजाब) ७. श्री सुन्दरलाल जयकुमार जैन, सोनीपत मंडी ८. श्री कश्मीरीलाल जैन ____ फर्म-भानामल दीपचन्द जैन, सफीदों मंडी ६. श्रीचन्द सुराना, आगरा
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