Book Title: Achar Pradip
Author(s): Ratnashekharsuri
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
View full book text
________________
आ०म० चारित्राचा
हयारस्सेव तकाल व किंचि फलं अइविउल, तओ रायसुओं सहचरीसहिएग विजाहरेण विजासत्तीए अभंगहाणाइपुर्व ॥६१॥
विविहभुज्जेहिं परिभोइओ विहिओ अविगर्यपरिस्समो, तत्तो तेहिं दोहि अत्थकाभेहिं गिहत्वधम्मोव्व सो सेविजमाणी उज्जाणरमणीअत्तणं अमयरसं व निरवसायं आसाययंतो जोअगमित्तखितमि जाच पत्तो ताव पिच्छेइ सिरिदेवयाविणिम्मि मणिमयं सिरिसतितित्थंकरस्स चेइथं रोहगसिहरिसिहरं व अवरं, अइहट्ठो पविट्ठो अ तम्म_मि, निब्भरभत्तीए तिहुअणदिणेसरं जिणेसरं पणमिऊण अइपसत्यमहत्यसंथवेण य थुणिऊण मज्झमंडवमज्झकयठिई भारइं च नर्मसिऊण तत्येव निविट्ठी इत्थं चितिउमाढत्तो-हिंडोलयाधिरूढाए नवजव्वणप्परूढाए जीए कुमारीए मझमणोधणं अवहरि तीए दिकरीए तकरीएव तक्खणा चेव पणढाए अजवि कावि पवित्ती नोवलद्धा, इच्चाइचिंताउरो जाव जाओ कुमारो ताव सरस्सइदे - 21 बयाए पञ्चक्खाए होऊण भणिओ:-भो महाभाग ! भगवओ भत्तीए अउवभावुत्तिजुत्तीए असंतुट्ठाऽहं ता अणेगइडविअड्डज णपबङमाणमहिडिगहिरवेअपत्यपुहवीरमणिमणिनेउररहनेउरनाममहानयराहिवस्स वइरवेगविज्जाहराहिवस्स पुत्ती विस्सातिसाइरूवाइगुणसंपत्ती तुम मए दिन्ना संतिमइ नाम कन्ना जा तुमए तइआ कुसुमिअमालइन्छ भसलेण साहिलासं निहालिआ | बालिआ । इमाए भारईए भारईए अमयबुट्टीए परितुट्ठो सा कत्थ इआणिं अच्छइ ? तइआ तत्थ कह संपत्ता ? कहं वा इमीए | दिनावि कप्पवल्लिद दुल्लहदसणा सा मए पाविअदा ? इचाइचिंता जाव पविट्ठो ताव तत्थ पसत्थकणयकंबहत्य प्रविहत्य
पडिहारीसंगया समागया दिवविमाणारूढा कुमरस्स पुत्वसंपुण्णपुण्णज्जुईव मुत्तिमई सा चेव कन्ना संतिमई ॥ इत्थ सिलोगो- अरुणदेवP अहो ! पुण्णस्स संजोगो, कोऽवि कप्पदुमोवमो। जाओ अतकणिज्जोऽवि, तीसे जोगो इमस्स जं ॥१॥जं जहावृत्तं ॥ | चिंतिअं कजं, तं तहा जस्स सिज्झए । कयउन्नो इमो नूणं, अन्नो अकयपुन्नओ ॥१॥ तओ रायतणी अणब्भवुट्ठी
॥६ ॥
KRKRSSSSSSSSSSSSSSSS
in Education intem
For Private & Personal use only
Haw.jainelibrary.org

Page Navigation
1 ... 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180 181 182 183 184 185 186 187 188 189 190 191 192 193 194 195 196 197 198 199 200 201 202 203 204 205 206 207 208