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धर कर ।
कोई दस ही कदम आगे चर्च की नुक्कड़ पर हटात् घोड़ा गिर पड़ा। लोगों की भीड़ जमा हो गयी । जब हम शौच निवृत्ति कर पुनः लौटे तो देखा, हट्टा-कट्टा मजबूत जवान घोड़ा मरा पड़ा है और एक ओर तांगे के पास खड़ा कोचवान रो रहा है।
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संस्मरण २५१
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