Book Title: Aasis
Author(s): Champalalmuni
Publisher: Adarsh Sahitya Sangh

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Page 360
________________ श्री भाईजी महाराज को इन सामूहिक कार्यक्रमों में बड़ा रस है । वे जैन समाज को यों एक मंच पर खड़ा देख फूले नहीं समाए। उन्होंने एक पद्य के माध्यम से अपने समर्थन को व्यक्त किया 'चम्पक' जैन समाज को, गंजे गौरव गान। पड्यो सामने प्रेम रो, फल चौड़े चौगान ॥' ३३० आसीस Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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