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२०१६ चैत्र कृष्णा तेरह को लांगच की ग्रामीण सभा में बोलते हुए भाईजी महाराज ने फरमाया
मांगी, मांग करी घणी, पर नहीं मानी एक पड्यो गुरां मैं पिघलणी, रही भगत की टेक. १ भगत बड़ो संसार मैं, सब ली इकमति ठान, (पर) भगता रै लारै झुकै, देखो यूं भगवान २ भगती मैं सगती विविध-जुगती करें विनीत, रीत प्रीत री देखल्यो, हुई भगत री जीत...३
२९६ आसीस
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