________________
मैं उस रहस्यमयी चिट के बारे में आज तक नहीं पूछ सका और शायद जिन्दगी भर न पूछ सकू। कभी-कभी मन करता है पूछे तो सही
'छानै सिरहाणे छिपा, चिट कद स्यं क्यं मेली ? तुलसी ! 'चम्पक' चिमठियो, बणी अबूझ पहेली॥'
संस्मरण २५६
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org