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मस्कराइये, छोटी बात को बड़ी चिन्ता मत बनाइये
१ प्रसन्नता को वही पा सकता है जो हर चीज में कोई न कोई
प्रसन्नता ढूंढने की आदत बना लेता है। २ प्रसन्नता के प्याले को दूसरों के लिए आगे बढ़ाने से अधिक
दैवी कार्य क्या हो सकता है ? ३ आदमी वह है जो मुस्कुराते हुए हर चुनौती को स्वीकार
करे। ४ चिन्ताजनक समस्या के समय अपने आपसे पूछिये कि इससे
संभावित अनिष्ट क्या हो सकता है? कोई उपाय न हो तो स्वीकार कर लीजिये या धैर्यपूर्वक उस अनिष्ट को सुधारने के लिए बढ़ चलिए। ५ चिन्तित व्यक्ति को चाहिये कि हर वक्त व्यस्त रहे नहीं तो
नैराश्य में डूब जायेगा। ६ अपने जीवन के खटास को मिठास में बदलने का प्रयत्न करो। ७ जो मनुष्य आनंद-विनोद से भरा रहता है, उसकी कठिनाईयां उसके सामने पिघल जाया करती हैं। किंतु जो व्यक्ति अपने दुर्भाग्य को कोसने में लगा रहता है उसके सामने कठिनाईयां हमेंशा जमा रहती हैं। उसके भाग्याकाश से बादल कभी नहीं हटते। ८ उठो, जीवन की यात्रा प्रफुल्लता से करनी है। जो हर हाल में खुश है, उसके जीवन में बसन्त आता है, पतझड़ कभी नहीं
आता। ६ कष्टों और कठिनाईयों का या किसी दुःखद घटना का
निरंतर चिंतन जीवन में जहर घोल देता है। १० शांतिपूर्ण नींद पाने के लिए चिन्ताओं को कोट की भांति
उतारकर खूटी पर टांग दो। मुस्कुराइये, छोटी बात को बड़ी चिन्ता मत बनाइये
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