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पिता के लिए ऐसा अनुभव करने से बढ़कर कोई अन्य क्षोभकारी बात नहीं होती ।
५ मानव जीवन की सबसे महान् घटना ( मौत ) कितनी शांति के साथ घटित हो जाती है । वह विश्व का एक महान् व्यंग, वह महत्त्वाकांक्षाओं का प्रचंड सागर, वह उद्योग का अनंत भंडार, वह प्रेम और द्वेष, सुख और दुःख का लीलाक्षेत्र, वह बुद्धि और बल की रंगभूमि न जाने कब और कहां लीन हो जाती है, किसी को खबर नहीं होती । एक हिचकी भी नहीं, एक उच्छ्वास भी नहीं, एक आह भी नहीं निकलती । सागर की हिलोरों का अन्त कहां होता है, कौन बता सकता है ? ध्वनि कहां वायुमग्न हो जाती है, कौन जानता है ? मानवीय जीवन उस हिलोर के सिवा, उस ध्वनि के सिवा और क्या है ? उसका अवसान भी उतना ही शान्त, उतना ही अदृश्य हो तो क्या आश्चर्य है ? ६ मानव- व - मस्तिष्क एक ऐसा गोदाम है जिसमें वर्षानुवर्ष के अनुभव, घटनाएं, कहानियां, शब्द, दृश्य और नाम एकत्र होते हैं। एक ऐसा कैमरा जो ज्ञानेन्द्रियों की सहायता से अनेक चित्र लेता रहता है । शरीर विज्ञान के ज्ञाता बताते हैं कि मानव मस्तिष्क में ५ अरब तहें होती हैं इनमें से केवल ५ लाख काम आती । एडीसन जैसा प्रसिद्ध वैज्ञानिक भी अपने मस्तिष्क का तीन चौथाई ही काम में ला सका ।
: सोचने की बात
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