Book Title: Yogakshema Sutra
Author(s): Niranjana Jain
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 188
________________ समय कब किसके लिए रुका है ? १ समय तो स्प्रिट के समान है, अगर खुला छोड़ा तो उड़ जायेगा। २ अवसर या समय बड़ी चिकनी चीज है, सामने आते ही पकड़ लीजिये । गुजर गया तो पीछे से न पकड़ सकोगे। हाथों में से फिसल जाएगा। ३ समय की पाबंदी में यह है कि आपको एकांत के कुछ क्षण मिल जाते हैं। ४ जीवन का सबसे बड़ा शत्रु है-समय। जिंदगी का बीज पड़ा नहीं कि घुन की तरह समय उसके पीछे लग जाता है। ५ समय संसार का सबसे बड़ा मरहम है। लेकिन मरहम का सही इस्तेमाल मरहम-पट्टी करने वाले के हाथ में होता है। ६ धर्माचरण करने के लिए शीघ्रता करो, एक क्षणभर भी प्रमाद मत करो। जीवन का एक-एक क्षण विध्नों से भरा है, इसमें संध्या की भी प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए। ७ हमारे जीवन की यह छोटी-सी शोभा यात्रा भी कितनी विचित्र है। आज का काम कल पर छोड़ दिया जाता है। बालक कहता है कि किशोर होने पर देखा जाएगा, किशोर युवावस्था की प्रतीक्षा करता है, और युवा बनने पर कहता है गृहस्थ बनने पर देखेंगे और तब तक विचार बदल जाता है। सोचता है गृहस्थ हो गया तो क्या हुआ पहले सांसारिक झंझटों से निपट लूं । और जब कामकाज से छुट्टी मिल जाती है तब वह अपने भीतर अतीत पर दृष्टिपात करता है और उसे लगता है जैसे अतीत पर पाला पड़ गया हो, सब कुछ समाप्त हो गया हो। समय कब किसके लिए रूका है ? Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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