Book Title: Yogakshema Sutra
Author(s): Niranjana Jain
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 195
________________ ११ जो व्यक्ति अकषायी बन गया, उस व्यक्ति के परमाणु करुणा विकिरण करते रहते हैं। उससे आभामण्डल सुन्दर और स्वच्छ बनता है, उस व्यक्ति की प्रत्येक प्रवृत्ति में मधुरता और निखार आ जाता है। १२ आलसी व्यक्ति आने वाली संपदा को भी ठकरा देता है। १३ जो क्रोधी है उसके लिए शत्रुओं की कमी नहीं, क्षमाशील के लिए मित्रों की कमी नहीं। १४ अशान्त मन सब बुराईयों की जड़ है। १५ जिसने जीवन भर सम्मान प्राप्त किया हो, उसके लिए अपमान के समय क्रोध से बचना कठिन है। मोमोम-सूत्र Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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