Book Title: Yogakshema Sutra
Author(s): Niranjana Jain
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 206
________________ मासिक प्रयोग १८. जनवरी मास में भोजन में ५ द्रव्य लेना। १६. फरवरी में पापड़ नहीं खाना। २०. मार्च में प्रतिदिन एक प्रहर करना। २१. अप्रैल में प्रति सोमवार-चीनी वर्जन, मंगलवार-दूध वर्जन, बुध-दही वर्जन, गुरु-पापड़-त्याग। शुक्र०-धी-त्याग, शनि० ५ द्रव्य, रवि०-नमक वर्जन । २२. मई में भोजन मौन पूर्वक करना। २३. जून मास में प्रतिदिन : द्रव्यों से अधिक नहीं लेना। २४. जुलाई में आम का प्रत्याख्यान । २५. अगस्त में पूरे महिने चयनित २१ द्रव्यों का सेवन । २६. सितम्बर में दिन के १२ बजे से ३ बजे तक तीनों आहार का त्याग। २७. अक्टूम्बर में दिन में एक बार से अधिक चाय-सेवन नहीं। २८. नवम्बर में सब्जी-फलका-चावल को अलग-अलग खाने का अभ्यास। २६. पौष वदी १० से २७ दिनों तक "उवसग्गहर-स्तोत्र" का सविधि जाप। ३०. दिसम्बर में एकांतर मौन एवं अन्नाहार ग्रहण करना। ३१. सावन-मास में दूध का त्याग । ३२. सावन एवं भादवा में आलू, प्याज, मिठाई, तली चीजों का त्याग । ३३. भादवा में दही-प्रत्याख्यान । ३४. १२ अक्टूबर से १२ जनवरी-तीन महीने तक एकत्व-अनुप्रेक्षा - एकोऽहं' का अभ्यास । वार्षिक-प्रयोग ३५. योगक्षेम वर्ष में रात्रि-भोजन-त्याग । ३६. नित्य १५ मि० पुस्तक-वाचन । ३७. योगक्षेम वर्ष में एक महिने का मौन करना। ३८. नित्य १५ मि० अंग्रेजी-साहित्य का वाचन । ३६. पूरे वर्ष भर में एक प्रकार की दवा के सिवाय दवा-सेवन त्याग। ७५ संकल्प-सूत्र १८६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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