Book Title: Yogakshema Sutra
Author(s): Niranjana Jain
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 196
________________ त्रिकोण १ दीर्घजीवन का रहस्य तीन छोटी बातों में छिपा हुआ है १. सादा और शाकाहारी भोजन । २. भरपूर परिश्रम ३. प्रकृति की घनिष्ठता। २ तीन बातें करो-१. प्रेम सबसे करो। २. विश्वास थोड़ों का करो। ३. बुरा किसी का मत करो। ३ तीन बातें मत खोलो-१. पराया छिद्र । २. अपना पुण्य । ३. गुप्त-शुभ-मंत्रणा। ४ तीन समय पर रुको-१. क्रोध के समय । २. कामवासना के समय । ३. लोभ के समय । ५ संसार के ताप से जलते हुए प्राणियों के लिए तीन विश्राम के स्थान हैं-१. अपत्य-संतान । २. कलत्र-स्त्री । ३. सत्संगति । ६ शरीर के विषमय होने के तीन कारण-१. गलत भोजन । २. कम सोना। ३. शरीर की ग्रंथियों का कार्य अव्यवस्थित होना। ७ स्वस्थ बने रहने के तीन नियम-१. भोजन करें, पर परितृप्ति से थोड़ा कम । २. काम करें, इतना कि थककर चूर न हो जाएं । ३. प्रकृति के अनुरूप अपना जीवन बनाये रहें । ८ गहीत संकल्प तीन कारणों से स्वलित होता है-१. इन्द्रियों की अनियंत्रित वृत्ति । २. कठिनाईयों को झेलने की अक्षमता। ३. चित्त की चंचलता। ६ तीन वस्तुएं निरालंब होकर शोभित नहीं होती–१. पंडित । २. स्त्री । ३. लता। १० संसार में तीन सम्मान सबसे बड़े हैं-१. सन्त २. सुधारक ३. शहीद। त्रिकोण १७९ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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