Book Title: Yogakshema Sutra
Author(s): Niranjana Jain
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 199
________________ १२ शरीर की शक्ति में असंतुलन आने पर आलस्य आता है, तनाव उत्पन्न होता है तथा अंग विशेष में दर्द आदि होता है। स्वर परिवर्तन द्वारा इसका निराकरण किया जा सकता १२ सबसे अधिक खतरनाक अपराधी हैं—अत्यधिक लचीली सीटें, फोम या डनलोपिलो आदि की लुभावनी शय्याएं जो रातभर गाढ़ निद्रा में सोने का आमंत्रण देती हैं और दिनभर पीठ के दर्द से पीड़ित होने के लिए बाध्य करती हैं। १२२ योगक्षेम-सूत्र Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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