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तोड़ो मत, जोड़ो
१ घृणा तोड़ती है, प्रेम जोड़ता है ।
२ संवाद का अर्थ है— जुड़ जाना । विवाद का अर्थ है - टूट जाना | संवाद करना सीखें ।
३ आशा टूट जाने जैसा भयंकर दुःख इस दुनियां में और कोई नहीं अतः आशा को जीवन से जोड़े रखो ।
४ ईमानदारी और स्पष्टवादिता से आप मुसीबत में पड़ जाएंगे, तो भी किसी तरह ईमानदार और स्पष्टवादी बनिए ।
५ वर्षों की मेहनत से बनाया महल रातोंरात मटियामेट हो सकता है, तो भी किसी तरह निर्माण करते रहिए ।
६ दुनियां को अपना सर्वस्व दे दीजिए, पर दुनियां आपके दांत तोड़ देगी, तो भी अपना सर्वस्व दिए जाइये ।
७ आप सफल हो जाएं तो आपके बहुत से कपटी मित्र और सच्चे दुश्मन निकल आएंगे, तो भी किसी तरह सफल होइए । ८ व्यक्तित्व रुपान्तरण का एक उपाय है - बाहरी चेतना को अन्तर्चेतना से जोड़ देना ।
& तोड़ना ही है तो तोड़ो जड़ताओं को, सामाजिक और आर्थिक दासताओं को, मन की मूर्च्छा को ।
१० नई प्रतिष्ठा का अर्जन न कर सको तो मत करो किन्तु अर्जित प्रतिष्ठा रुठकर विदा हो चले, ऐसा कभी कुछ भी मत करो । ११ आप एक व्यक्ति का समय खरीद सकते हैं, आप मनुष्य की शारीरिक उपस्थिति क्रय कर सकते हैं, यहां तक कि आप एक कुशल व्यक्ति की प्रति घण्टा या प्रतिदिन के हिसाब से शारीरिक गतिविधियां खरीद सकते हैं । किन्तु आप उसका उत्साह नहीं खरीद सकते, आप उसकी लग्न एवं स्वामिभक्ति नहीं खरीद सकते हैं, आप उसके दिल, दिमाग और आत्मा की निष्ठा नहीं खरीद सकते हैं ।
१२ जब तक जीना तब तक सीना ।
१३ लड़ाई का अर्थ होता है—अकड़न, जिद्द और गर्म मिजाज । एक शब्द मन के टुकड़े कर देता है और एक शब्द गिरते मन थाम लेता है ।
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योगक्षेम-सूत्र
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