Book Title: Yogakshema Sutra
Author(s): Niranjana Jain
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 184
________________ जल्दी सोना जल्दी जगना, स्वस्थ सुखी संतोषी बनना १ जल्दी सोने वाला और प्रातःकाल जल्दी उठने वाला मनुष्य आरोग्यवान, भाग्यवान और ज्ञानवान होता है। २ हमें अपने आपको जगाना और जगाते रहना अवश्य सीखना चाहिए। किंतु यह काम किसी मशीनी युक्ति से नहीं अपितु भोर की अनंत प्रत्याशा से होना चाहिए। ३ जो ब्रह्ममुहर्त में नहीं उठता उसके दरवाजे पर आया ज्ञान देवता लौट जाता है। ४ प्रभात की उपासना में प्रतिदिन अपने अन्तःस्थित मानवता के महात्म्य को हम एकदम बाधामुक्त होकर देख सकते ५ भोर की बयार ! दिनारम्भ की इस प्रथम फुहार का रसास्वादन भी लोग नहीं कर पाते हैं तो हमें चाहिए कि हम इसे थोड़ा बहत बोतलों में बंद कर लिया करें और उन्हें दुकानों पर रखकर उन लोगों में बेचा करें जो इस दुनिया में प्रातःकाल के आनन्द का अधिकार पत्र खो चुके ६ नींद में जाते समय ऐसी-वैसी बातों का संग्रह लेकर नहीं सोना चाहिए, हल्का साहित्य नहीं पढ़ना चाहिए, इसका हमारे जीवन पर बहुत असर पड़ता है। ७ जब सूर्यास्त यानि रात और दिन का मिलन होता है उस समय प्रकृति में, हमारे शरीर व मन में परिवर्तत घटित होने लगता है, सुषुम्ना-स्वर चलने लग जाता है-इस समय को धार्मिक कार्य में लगाना चाहिए क्योंकि इसे अनिष्ट उत्पन्न का क्षण माना है, सुषुम्नास्वर में किसी प्रकार का भौतिक कार्य प्रारंभ नहीं करना चाहिए। जल्दी सोना जल्दी जगना स्वस्थ सुखी सम्पन्न बनना Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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