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९ अच्छा रोगी कौन ? १. जो बीमारी के दिनों में सदा आशावादी रहे। २. अपनी इच्छाशक्ति, डाक्टर और सबसे ऊपर प्रकृति पर भरोसा करे कि वह स्वस्थ हो जाएगा। ३. जो अपने मित्रों, संबंधियों और पड़ौसियों में अपनी बीमारी का शोर नहीं मचाता। ४. डाक्टर या हकीम के समक्ष अपनी बीमारी का विवरण बेझिझक प्रस्तुत करे। ५. जो संतोष व संयम का साथ नहीं छोड़ता। ६. जो इलाज के मामले में जल्दबाजी नहीं करता वरन् दृढ़ता दिखाता है । ७. शरीर व मस्तिष्क को पूरा विश्राम का अवसर देता है। ८. अपना काम खुद करने में दिलचस्पी ले। ह. रोग से पाठ ग्रहण करे, उसे दोहराए नहीं। १०. डा० को धन्यवाद ज्ञापित करे। ११. संबंधियों का आभार माने एवं १२. रोग को
प्रकृति की चेतावनी समझे। १० जिसने दुःख नहीं देखा वह सबसे बड़ा दुखियारा है।
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योगक्षेम-सूत्र
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