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१२ लगता है, पूरी दुनियां ही शैतानों से भरी पड़ी है। शरीफ
शायद वही हैं जिन्हें शैतान बन पाने का अवसर नहीं मिलता। अवसर पाते ही आदमी आदमी नहीं रहता, शैतान बन जाता
१३ मनुष्य ही परमात्मा का सर्वोच्च साक्षात् मन्दिर है, इसलिए
साकार देवता की पूजा करो। १४ वास्तव में मनुष्य बनो, अन्यथा मनुष्य की सी बोली तो पक्षी
(तोता) भी बोल लेते हैं। १५ मनुष्य एक भटका हुआ भगवान् है। सही दिशा पर चल
सके तो उससे बढ़कर इस संसार में श्रेष्ठ और कोई नहीं
परमात्मा को पाना कठिन नहीं, इन्सान उनना मुश्किल है
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