Book Title: Vasant Vilas Fagu
Author(s): Madhusudan Chimanlal Modi
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur

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Page 28
________________ वसंतविलाह [ पधं १९-२६ त्यजत मानमलं वत विग्रह पुनरेति गत चतुरे वयः। .. . . परभृताभिरिदं समुदीरिते स्मरमते रमते स्म वधूजनः ॥ १९ - द्रुतविलम्बितछन्दः ।। [१०] नाहु म छीछि रि गामटि सामटि माणु अयाणि । मयणु महाभड न सहियइ सहिय हियइ हाइ वाणि ॥२०(२५) रायविरुद्धं नु कहं पहिओ पहियस्स [1. A.] साहइ ससंको । जत्तो अंयाण दलं ततो दरनिग्गय किपि ॥ २१ . गाथा ॥ अपहरन् सरसीरुइसौरभ मधुकरैर्मुखरैरनुधावितः । . मलयगन्धवहो हरिणीदृशां सुरभिषु वसितेपु. निलीयते ॥ २२ द्रुतविलम्बितछन्दः।। [११] आंचुलइ मांजरि लागइ जागह मधुकरमाल । भूकइ मारु कि विरहिट हिया कि धूमबराल ॥ २३ (३३) क्वचिन्मल्लीवल्लीतरलमुकुलोद्भासितवनाः क्वचित् पुष्पामोदभ्रमदलिकुलाबद्धवलयाः । श्यचिन्मत्तक्रीडत्परभृतवधृथ्वान भगाः । क्वचित् कूजत्पारापतविततिलीलामुललिताः ॥ . २४ . ......... शिखरिणी छन्दः।। , [१२] धूमइ मधुप सकेसर केसरकुलुमि असंख । चालतह रितुपति सूरइं पूरई झुभट कि संख ॥२५ (२९) चम्पक यत् तव कुसममिदं गन्धं रूपं विभति। .. सौभाग्योपरिमारिका तदियं परिनरिनति ॥ २६ 20. a. गामटि written again -in the Ms. but scratched out. b. महावड for महाभड्ड. 20. b. aifo for efor. . 21. b. अवाण for अंबाण. 22. b. स्वसितेषु for श्वसितेषु 23. b. हिय for हियइ. . ... 24. b. -दलिकुलावद्धबलयाः d. शिखरणी, 26. a. गंधं रूप विभर्ति । The metre is not mentioned at the end of the verse 26, though it is दोग्धक (दोहरो). b. परिनरिनति.

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