Book Title: Vasant Vilas Fagu
Author(s): Madhusudan Chimanlal Modi
Publisher: Rajasthan Prachyavidya Pratishthan Jodhpur
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प, २७-३४ ] . वसंतविलास . [१३] चांपुला तरुवर नी कली नीकली सोवनवानि।
मार मारग उदीपक दीपक कलिय समान ॥ २७ (३१)
सुरभिसङ्गमजं वनमालया नवपलाशमधार्यत भगुरम् ।। रमणदत्तमिवानखक्षतं प्रमदया मदयापितलज्जया ।। २८
द्रुतविलम्बितम् ॥ [१४] केसुय कलिय ति वांकुडी आंकुडी मयण ची जाणि।
विरहिय ना इणि कालि ज कालिज काढइ ताणि ।। २९ (३४) .
चञ्चश्चन्द्रमरीचयो मधुलिहः स्निह्यत्सुहृत्सङ्गमः श्रीखण्डं मलयानिलं पिकवधुसोत्कण्ठकण्ठध्वनिः । उन्मीलनवपाटलीपरिमलः प्रेयस्विनीविभ्रमा . अष्टौ तत् खलु हर्षवर्वविधयः श्लाघ्याः सुराणामपि ।। ३० ।
. शार्दूलविक्रीडितम् ॥ [१५] यांधइ कामु ति करकसु तरकसु पाडलफूल । माहिं रच्या कि रि केसर ते सरनिकर निनूल ॥ ३१ (३२) .
क्षिप्तेषु पञ्चविशिखेषु नखावलीषु कामेन चञ्चलतराणि वधूमनांसि । खण्डयन्त एव कथमद्भुतवेल्लितच. . . . . किङ्किल्लिपल्लवगणो न भवेत् कृपाणः ॥ ३२
. . वसन्ततिलका ॥ . [१६] वीर सुभट कुसुमायुध आयुधशाल अशोक । - किसल जिसा असि झलकई शबकई विरहिणिलोक ॥३३ (३५)
उत्कृत्तदन्तदशनश्रुतिसत्परोहद्गन्धाश्रितभ्रमरराजिविराजिमध्यम् । आभाति केतकदलं त्रिजगद् विजित्य मोत्तम्भितं विजयपत्रमिव स्मरेण ॥... . -
वसन्ततिलका || 27. a. सोवनवनिः .28. b. नषक्षतं. . 29. a. कायइ for काढइ. 30. b. श्रीषंडं. 31. a. वाधह कामु नि . 32. a. पंचविशिषेषु, 33. a. कुमायुध for कुसुमायुध. . 33. b. झवकई...

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